प्रोटीन का बेजा इस्तेमाल लिवर किडनी पर कर रहा है खतरनाक वार, बाबा रामदेव से जानें प्रोटीन के नेचुरल सोर्स
आजकल लोग प्रोटीन सप्लीमेंट्स का सहारा लेने लगे हैं, लेकिन ये प्रटीन पाउडर शरीर के लिए फायदेमंद कम नुकसानदेय ज्यादा साबित हो रहे हैं। ज्यादा प्रोटीन का सेवन लिवर और किडनी पर वार कर रहा है। जानिए इससे कैसे बचें और नेचुरल तरीके से कैसे प्रोटीन की कमी दूर करें?
वजन घटाना हो या वजन बढ़ाना हो, बढ़ती उम्र के साथ हेल्दी रहना हो तो एक ही सलाह दी जाती है प्रोटीन शेक पिओ, प्रोटीन से भरपूर डाइट लो। लेकिन क्या वाकई ये प्रोटीन पाउडर सेहत की दुनिया का परम सत्य है। या बात कुछ और ही है आखिर प्रोटीन पाउडर से इतना प्यार क्यों है ? ये बड़ा सवाल है क्योंकि प्रोटीन पाउडर का धड़ल्ले से हो रहा इस्तेमाल, हेल्थ एक्सपर्ट्स के लिए चुनौती बनता जा रहा है। जैसे-जैसे देश में प्रोटीन का बाजार बढ़ रहा है। लिवर-किडनी फेल्योर के मामले भी बढ़ रहे हैं और साथ ही इससे जुड़े केस-मुकदमे भी। नौबत यहां तक आ गई कि ICMR को चेतावनी जारी करनी पड़ी है। जिसमें साफ-साफ कहा गया है कि प्रोटीन सप्लीमेंट का लगातार इस्तेमाल, सेहत के लिए सही नहीं है। क्योंकि प्रोटीन पाउडर में एक्स्ट्रा शुगर, नॉन कैलोरी स्वीटनर और आर्टिफिशियल टेस्ट वाले कैमिकल मिले होते हैं। इतना ही नहीं अमीनो एसिड की मात्रा भी ज्यादा होती है। जिससे लाइफ स्टाइल की कई बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
मतलब लंबे वक्त तक प्रोटीन सप्लीमेंट लेने से शरीर में इंसुलिन का लेवल बढ़ सकता है। गुड कोलेस्ट्रॉल कम होने का खतरा रहता है। कैल्शियम का लेवल बिगड़ सकता है। लिवर-किडनी और स्टोन की परेशानी भी हो सकती हैं। जबकि मेडिकल फील्ड में प्रोटीन सप्लीमेंट देने की शुरुआत उन लोगों के लिए हुई थी, जिनका शरीर प्रोटीन की जरूरतों को पूरा नहीं कर पाता। ऐसे में हर किसी को सेहतमंद रहने के लिए प्रोटीन मैनेजमेंट को समझना होगा।
एक दिन में कितने प्रोटीन की जरूरत होती है?
अब सवाल ये है कि प्रोटीन को मैनेज करने का पैमाना क्या है। तो समझ लीजिए, हर एक किलोग्राम बॉडी वेट के लिए एक ग्राम प्रोटीन की जरुरत होती है। अगर किसी का वजन 60 किलोग्राम है तो उसे हर दिन 60 ग्राम प्रोटीन लेना चाहिए। नेचुरल तरीके से भी शरीर में प्रोटीन की कमी को पूरा किया जा सकता है। जिसमें प्लांट बेस्ड प्रोटीन सेहत के लिए सबसे फायदेमंद है। इसके लिए सोया दूध-दही-टोफू, दाल, बादाम, अखरोट और मूंगफली को डाइट चार्ट का हिस्सा बना सकते हैं। स्वामी रामदेव से जानते हैं जैसे करें अपने दिनभर का प्रोटीन मैनेजमेंट?
प्रोटीन सप्लीमेंट्स से होने वाले नुकसान
- इंसुलिन लेवल बढ़ सकता है
- गुड कोलेस्ट्रॉल घट सकता है
- कैल्शियम लेवल बिगड़ा सकता है
- लिवर-किडनी स्टोन प्रॉब्लम
शरीर के लिए प्रोटीन क्यों है जरूरी
- मांसपेशियों का विकास
- हड्डियां मजबूत
- वजन कंट्रोल
- स्ट्रॉन्ग इम्यूनिटी
- हार्मोनल बैलेंस
- स्किन-बालों के लिए जरूरी
- हार्ट डिजीज को कंट्रोल करे
- शुगर लेवल बैलेंस करता है
प्रोटीन की जरुरत
उम्र पुरुष महिला
10-11 साल 50 ग्राम 50 ग्राम
18-29 साल 60 ग्राम 50 ग्राम
प्रेगनेंट ----- 100 ग्राम
प्रोटीन के नेचुरल सोर्स
- सोयाबीन 100 ग्राम (प्रोटीन-50 g)
- दही 300 ग्राम (प्रोटीन-28 g)
- बादाम 100 ग्राम (प्रोटीन-21 g)
- अखरोट 100 ग्राम (प्रोटीन-15 g)
- मूंगफली 100 ग्राम (प्रोटीन-26 g)
प्रोटीन की कमी
- इंफेक्शन का खतरा
- लो एनर्जी
- ग्रोथ की कमी
- चेहरे-पेट पर सूजन
- बाल पतले और रूखापन
- नाखून टूटना
हाई प्रोटीन थाली
- ओट्स पोहा 70 ग्राम (प्रोटीन-8 ग्राम)
- डोसा 1 मीडियम साइज (प्रोटीन-25g)
- सांबर 1 कप (प्रोटीन-5g)
- ओट्स इडली 1 पीस (प्रोटीन-1.8g)
- राजमा 100 ग्राम (प्रोटीन-24g)
फलों में प्रोटीन
- 1 केला मीडियम साइज (प्रोटीन-1.5g)
- अंगूर 1 कप (प्रोटीन-1g)
- 1 सेब मीडियम साइज (प्रोटीन-0.5g)
- खजूर 2 पीस (प्रोटीन-1g)
हाई प्रोटीन सब्जी
- मटर 1 कप (प्रोटीन-8.6g)
- पालक 1 कप (प्रोटीन-5.2g)
- कॉर्न 1 कप (प्रोटीन-4.7g)
- मशरुम 1कप (प्रोटीन-4g)