ऐसे कई फल हैं जिनका इस्तेमाल सिर्फ आयुर्वेद में दवाओं के रूप में किया जाता है। इन्हीं में से एक है लसोड़ा, जिसका बड़ा सा पेट आपको पार्क या फिर गांव में देखने को मिल जाएगा। बदगद जैसा दिखने वाला पेड और उस पर हरे अंगूर के जैसे गुच्छे में दिखने वाले फल बेहद गुणकारी होते हैं। लसोड़ा के फल, फूल, पत्तों और तने का इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक उपचार में किया जाता है। लसोड़ा का वानस्पतिक नाम कॉर्डिया मायक्सा (cordia myxa) है। इसे ग्लूबेरी भी कहा जाता है। लसोड़ा का फल बहुत ही चिपचिपा होता है। इससे आप कागज को भी आसानी से चिपका सकते हैं। आइये जानते हैं लसोड़े के इस्तेमाल किन बीमारियों में किया जाता है?
लसोड़ा में पाए जाने वाले पोषक तत्व
कुछ लोग लसोड़ा को गोंदी और निसोरा के नाम से भी पहचानते हैं। लसोड़ा में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, क्रूड फाइबर, फैट, आयरन, फॉस्फोरस और कैल्शियम जैसे कई गुणकारी तत्व पाए जाते हैं। एंटी इंफ्लेमेटरी गुणों से भरपूर लसोड़ा सूजन को कम करता है।
लसोड़े के फायदे
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नाइजीरियन जर्नल ऑफ नेचुरल प्रोडक्ट्स एंड मेडिसिन के एक रिसर्च के अनुसार लसोड़ा लिवर को हेल्दी बनाने में मदद करता है। इससे लिवर हीलिंग होती है।
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रिसर्च की मानें तो क्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करने और हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में भी लसोड़ा काम करता है।
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लसोड़े के बीजों को पीसकर खुजली वाली जगह पर लगा लें, इससे खुजली और एलर्जी को कम करने में मदद मिलती है।
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लसोड़े का इस्तेमाल गले की खराश को दूर करने में भी किया जाता है। इसके लिए पेड़ की छाल को पानी में उबाल लें और इसे छानकर पी लें।
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आप लसोड़े के पत्तों को भूनकर पीस लें। इन्हें शहद और काली मिर्च के साथ मिलाकर चाटने से खांसी में फायदा होगा।
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लसोड़ा का इस्तेमाल गठिया के इलाज में भी किया जाता है। एक रिसर्च की मानें तो लसोड़ा के फल और पत्तियां जोड़ों के दर्द से राहत दिला सकते हैं।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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