गर्मी जा रही है और ठंड दस्तक दे रही है। मौसम तेजी से बदल रहा है। तीव्रता से हो रहे मौसम में इस उतार-चढ़ाव के कारण लोगों की सेहत भी खराब हो रही है। विभिन्न तरह के संक्रमणों के चलते लोग तेजी से बीमार पड़ रहे हैं। मौसमी संक्रमण के मरीजों से अस्पताल भरे पड़े हैं। खांसी, जुकाम, बुखार, सिरदर्द, बदहजमी, गैस, उल्टी-दस्त के मरीज ज्यादा आ रहे हैं। इसलिए अपनी सेहत के सतर्कता बरतना बेहद जरूरी है। इस मौसम में पौष्टिक खान-पान और आयुर्वेदिक उपायों से आप खुद को तंदुरुस्त रख सकते हैं। इस बदलते मौसम में अपनी सेहत को कैसे फिट रखें, बता रहे हैं डॉ. राम मनोहर लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, लखनऊ के आयुर्वेदाचार्य डॉ. एसके पांडेय।
बदलते मौसम में क्या खाना उचित
आयुर्वेदाचार्य डा. एसके पांडेय के अनुसार तेजी से बदल रहा मौसम सेहत का बड़ा दुश्मन है। इस मौसम में संक्रमण अधिक होने की आशंका रहती है। इसलिए लोग तेजी से बीमार भी पड़ते हैं। खुद को फिट रखने के लिए ऐसे मौसम में दूध की मलाई, सूखे मेवे, हरी सब्जियां खाना चाहिए। विशेषकर बथुआ, चना और पालक का सेवन ज्यादा करना चाहिए। इससे हमारे शरीर में प्रोटीन और वसा का पर्याप्त संचय होता है। यह मौसमी संक्रमण से हमें सुरक्षित रखते हैं।
सर्दियों में बेहतर खान-पान की ऊर्जा साल भर आती है काम
डॉ. पांडेय के अनुसार सर्दियों में अब हरी सब्जियां और मौसमी फल सस्ते, सुलभ होते हैं। इस दौरान अच्छे खान-पान से हम जो ऊर्जा संचित करते हैं, वह हमें साल भर बीमारियों से बचाने में हमारे काम आती है। इसलिए मौसम के अनुकूल चीजें ही खाना चाहिए। इस मौसम में पाचन शक्ति ज्यादा मजबूत होती है। ऐसे मौसम में सूखे मेवे के बने लड्डू, हरी सब्जियां जैसे सोया, मेथी, चने का साग, पालक, चौराई, हरी प्याज इत्यादि का सेवन अधिक ऊर्जा देने वाला होता है।
सर्दियों में गुड़ जरूर खाएं
इस मौसम में देशी गुड़ का सेवन रोजाना 35 ग्राम तक जरूर करना चाहिए। यह हमें ऊर्जा देने के साथ मूत्र विकार से भी बचाता है। गर्म दूध को ठंडा करके उसमें गुड़ मिलाकर पीने से अधिक लाभ होता है। सर्दियों के आगमन और गर्मियों के गमन के वक्त हमारा पाचन तंत्र काफी कमजोर हो जाता है। इसलिए ऐसे वक्त में ही नवरात्र व्रत भी आता है। व्रत रखने से हम हल्का खाते हैं, जिससे वह आसानी से पच जाता है और हमें संक्रमण व बीमारी से बचाता है।
नवरात्र व्रत में क्या खाएं
नवरात्र हमेशा ऋतु परिवर्तन के वक्त ही आता है। सनातन परंपरा में इसीलिए 9 दिन का व्रत रखा जाता है। व्रत रखने वाले लोगों का पाचन तंत्र कमजोर नहीं होने पाता। मगर इस दौरान खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ऐसे वक्त में कुट्टू का आटा नहीं खाना चाहिए। क्योंकि यह गरिष्ठ होता है। नवरात्र में सिर्फ फलों का सेवन करना उचित है। इसके अलावा लौकी का सेवन विभिन्न रूपों में करना फायदेमंद है। अन्य गरिष्ट वस्तुओं को खाने से बचना चाहिए। पीने में गुनगुने पानी का इस्तेमाल करना चाहिए।
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