योग से दोगुना लाभ देता है जल योग, डिप्रेशन और बीपी के लिए रामबाण, स्वामी रामदेव से जानिए इसकी विधि
अगर आप योग का दोगुना लाभ पाना चाहते हैं तो जल योग कर सकते हैं। इससे आपकी शरीर में हमेशा ठंडक रहेगी। जिससे आपको डिप्रेशन सहित कई समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।
खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण दिनभर शरीर में थकान की समस्या का कई लोगों का सामना करना पड़ता है। थकान के कारण आप ठीक ढंग से कोई काम भी नहीं कर पाते हैं। ऐसे में योगासन आपकी काफी मदद कर सकता है। योग के द्वारा आप शरीर, मन और दिमाग को पूरी तरह से हेल्दी रख सकते हैं। आपने जमीन में रहकर योग तो खूब किया होगा लेकिन अगर आप योग का दोगुना लाभ पाना चाहते हैं तो जल योग कर सकते हैं। इससे आपकी शरीर में हमेशा ठंडक रहेगी। जिससे आपको डिप्रेशन सहित कई समस्याओं से छुटकारा मिलेगा।
स्वामी रामदेव के अनुसार जल योग करने से शरीर लचीला होता है। शरीर का पूरा दर्द खत्म होता जाता है। जल में योग करने का दोगुना लाभ मिलता है। बॉडी रिलैक्स होती है। थकान और तनाव से निजात मिलता है। इसके साथ ही गर्मी से छुटकारा मिलता है। जानिए जल में रहकर कर सकते हैं कौन-कौन से योगासन।
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जल में किए जाने वाले योगासन
वृक्षासन- जल में कंधों तक पानी में खड़े होकर इस योगासन को करें। इस आसन को करने आपका शरीर पर पूरा बैलेंस होगा। रीढ़ की हड्डी मजबूत होने के साथ सीधी होगी। जांघों, पैरों की मांसपेशियों पर खिंचाव होगा। वजन कम करने के साथ तनाव से दिलाएं निजात।
ताड़ासन- इस आसन को कंधों तक पानी में किया जाता है। इससे चिड़चिड़ापन से निजात मिलता है। लंबाई बढ़ाने के साथ-साथ पूरे शरीर की स्ट्रेचिंग ठीक ढंग से होगी। पित्त समस्या से निजात मिलेगा।
तिर्यक ताड़ासन- इस आसन में कंधों तक पानी में खड़े हो जाएं। इसके बाद कंधों की चौड़ाई जितने पैर खोलकर खड़े हो जाएं। अपने हाथ ऊपर करें और दोनों हाथों की अंगुलियां इटरलॉक करें। सांस अंदर की तरफ लेते हुए, अपने हाथ और ऊंचे करें इसके बाद धीरे से दाएं घुटने तक अपने दोनों हाथों को लेकर आएं। इसके बाद फिर बाएं ओर से करें।
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कोणासन- पानी के अंदर इस आसन को करने से शरीर की थकान कम हो जाती है। इसके अलावा शरीर के हर दर्द से निजात मिलता है।
गरुड़ासन- इस आसन को करने से शरीर फुर्तिला होता है। इसके अलावा लंबाई बढ़ाने, एकाग्रता बढ़ाने में मददगार।
पानी के अंदर करें ये प्राणाायाम
स्ट्रेस , एंजाइटी, हार्ट प्रॉब्लम, लिवर, किडनी, कैंसर सहित कई रोगों से निजात पाना चाहते हैं कि पानी में बैठकर प्राणायाम करें। इससे आपको बेहतरीन लाभ मिलेगा।
कपालभाति
इस प्राणायम के लिए गले या फिर कंधे तक भरे पानी में बैठ जाएं और आराम-आराम से कपालभाति करें। इससे आपको हर तरह के रोगों से निजात मिलेगा।
अनुलोम विलोम
जल में रहकर अनुलोम विलोम के दोगुने फायदे मिलते हैं। इससे आपका शरीर एनर्जी से भरा रहेगा। इसके साथ ही आपके शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह तेजी से होगा। इसके लिए सबसे पहले पानी के अंदर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।
सूर्य नमस्कार
आप चाहे तो जल के अंदर रहकर सूर्य नमस्कार कर सकते हैं। इसके भी स्वास्थ्य संबंधी बेहतरीन फायदे मिलेंगे।
भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं।
उद्गीथ प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं और शांत मन से 'ऊं' के उच्चारण करते हैं।