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Hindi News हेल्थ बड़े-बुजुर्ग तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने पर क्यों देते हैं जोर? क्या हैं इसके फायदे और क्या कहती है स्टडी?

बड़े-बुजुर्ग तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने पर क्यों देते हैं जोर? क्या हैं इसके फायदे और क्या कहती है स्टडी?

कहा जाता है कि तांबे के बर्तन में रखे पानी को पीने से हार्ट, किडनी की तमाम समस्याएं दूर रहती हैं। आइए जानते हैं स्टडी क्या कहती है?

तांबे के बर्तन में रखे पानी के फायदे- India TV Hindi Image Source : INDIA TV तांबे के बर्तन में रखे पानी के फायदे

Highlights

  • पानी को ताँबे के बर्तन में कम से कम 24 घंटे रखें और फिर पिएं
  • कॉपर आयन्स पानी के सूक्ष्मजीवों खासतौर से बैक्टीरिया को मार गिराने में सक्षम हैं।

एक दौर था जब पीने का पानी ताँबे की गुंडियों, वेसल्स और लोटों में रखा जाता था। गाँव देहात में ये प्रचलन आज भी कहीं ना कहीं देखने में आ ही जाता है लेकिन बीते कुछ दशकों में हमने ताँबे को भुलाना शुरू कर दिया। पहले के लोग रात भर तांबे के बर्तन में पानी रखते थे और अगले दिन उसे पीते थे। कई बार बुजुर्गों से आपने कहते सुना होगा कि ताँबे के बर्तन में रखा पानी हार्ट के लिए, किडनी के लिए और आंखों के लिए बेस्ट होता है, इसमें एन्टी एजिंग इफ़ेक्ट भी होते हैं जो आपको जवां रखते हैं। इतना ही नहीं माना जाता है कि तांबे के बर्तन में रखा पानी खुद को साफ करता है, अब सवाल ये उठता है कि क्या वाकई इतना कारगर है ताँबे का पानी?

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कितना कारगर है तांबे के बर्तन में रखा पानी?

साइंटिस्ट और हर्बल मेडिसिन एक्सपर्ट दीपक आचार्य से जब इस बारे में बात की गई तो उन्होंने 'ओलिगोडायनामिक इफ़ेक्ट' के बारे में बताया। यानी कि लम्बे समय तक ताँबे के बर्तन में पानी को रखा जाए तो इस इफ़ेक्ट की वजह से कॉपर आयन्स पानी में उतर आते हैं। कॉपर आयन्स पानी के सूक्ष्मजीवों खासतौर से बैक्टीरिया को मार गिराने में सक्षम हैं। इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेदा एन्ड इंटेग्रेटिव मेडिसिन (FRLHT, बेंगलुरु का संस्थान) के वैज्ञानिकों (प्रीति सुधा और अन्य) ने बाकायदा एक स्टडी को सन् 2012 में जर्नल ऑफ हेल्थ न्यूट्रिशन एंड पापुलेशन में प्रकाशित किया। इस स्टडी में पाया गया कि तांबे के बर्तन में 16 घंटों तक पानी रखने से डायरिया के लिए जिम्मेवार बैक्टीरिया जैसे विब्रियो कोलॅरी, शिजेला फ्लेक्सनेरी, ई. कोलाई, साल्मोनेला एंटेरिका टायफी, साल्मोनेला पैराटायफी मारे जाते हैं।

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घातक सूक्ष्मजीवों को खत्म करने में सक्षम है तांबे के बर्तन में रखा पानी

 दीपक आचार्य ने एक और रोचक स्टडी का जिक्र करते हुए बताया कि वैज्ञानिक रीति शरण और उनके साथियों ने एक लैब स्टडी के जरिये सन् 2011 में जर्नल 'बीएमसी जर्नल ऑफ इन्फेक्शस डिजीज' में बताया था कि कम से कम 24 घंटों तक ताँबे के बर्तन में पानी रखने से साल्मोनेला टायफी, साल्मोनेला टायफीमरियम और विब्रियो कोलॅरी बेअसर हो जाते हैं। कुल मिलाकर इस बात के पूरे प्रमाण हाज़िर हैं कि ताँबे के बर्तन में कमसे कम 24 घंटे रखा हुआ पानी कई घातक सूक्ष्मजीवों को खत्म करने में सक्षम है।

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कई अन्य क्लेम्स जो किए जाते हैं, उन पर भी स्टडीज़ हो जाएं तो नए जमाने को भरोसा भी हो जाएगा। ताँबे के पानी को लेकर ढेर सारे क्लेम्स आज भी कई बुजुर्ग जानकार करते हैं, सभी क्लेम्स सही हैं, कहना गलत होगा और सभी क्लेम्स को खारिज करना भी मूर्खता होगी, आखिर लड़ाई एक्सपीरिएंस और एक्सपेरिमेंट्स के बीच की है, आने वाले वक्त में सबको सब पता चल ही जाएगा, वजन किसका ज्यादा है, इसकी खोज जारी है।

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आप भी पिएं तांबे के बर्तन में रखा पानी

आप भी घर में पीने के पानी को रखने के लिए ताँबे के बर्तन रख लें। पानी को ताँबे के बर्तन में कम से कम 24 घंटे रखें और फिर पिएं, पानी की प्राकृतिक सफाई होगी, पानीजनित रोगों पर लगाम कसेगी और सेहत भी अच्छी रहेगी।

Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें

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