एक नए शोध से खुलासा हुआ है कि विटामिन बी 3 का एक रूप त्वचा की कोशिकाओं को पराबैंगनी किरणों (यूवी) के प्रभाव से बचा सकता है, जो गैर-मेलेनोमा त्वचा के कैंसर के लिए मुख्य कारक माना जाता है। इटली में शोधकतार्ओं ने गैर-मेलेनोमा त्वचा के कैंसर वाले रोगियों की त्वचा से कोशिकाओं (ह्युमन प्राइमरी केराटिनोसाइट्स) को अलग कर दिया।
इन कोशिकाओं को निकोटीनमाइड (एनएएम) के तीन अलग-अलग कंसनट्रेशंस, जो कि विटामिन बी3 का एक रूप है, उसके साथ 18, 24 और 48 घंटों के लिए इलाज किया गया और फिर यूवीबी के संपर्क में लाया गया।
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परिणामों से पता चला कि यूवी विकिरण से 24 घंटे पहले एनएएम के 25 माइक्रोन (यूएम) के साथ पूर्व उपचार ने डीएनए क्षति सहित यूवी-प्रेरित ऑक्सीडेटिव तनाव के प्रभाव से त्वचा की कोशिकाओं की रक्षा की।
एनएएम ने डीएनए रिपेयर की क्षमता को बढ़ाया, जिससे डीएनए रिपेयर एंजाइम ओजीजी 1 की एक्सप्रेशन में कमी आई।
इसके अलावा इससे एंटीऑक्सिडेंट एक्सप्रेशन में कमी आई और नाइट्रिक ऑक्साइड (एनओ) रिलीज और प्रतिक्रियाशील ऑक्सीजन प्रजातियों (आरओएस) उत्पादन और आईएनओएस प्रोटीन एक्सप्रेशन को कम करके स्थानीय सूजन को अवरुद्ध किया।
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इटली के नोवारा स्थित एओयू मैगियोरे डेला कारिटा की एक त्वचा संबंधी इकाई की छात्रा लारा कैमिलो ने कहा, "हमारे अध्ययन से संकेत मिलता है कि विटामिन बी3 की खपत में वृद्धि यूवी जोखिम के कुछ प्रभावों से त्वचा की रक्षा करेगा, संभवत: गैर-मेलेनोमा त्वचा कैंसर की घटनाओं को कम करेगा।"
गैर-मेलेनोमा त्वचा के कैंसर सबसे आम कैंसर का प्रकार हैं और इसके मामले दुनिया भर में बढ़ रहे हैं।
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