खराब लाइफस्टाइल और गलत खाने-पीने की आदत के चलते बहुत से लोगों को पेट से जुड़ी बीमारियां हो सकती है। जिसमें सबसे आम समस्या है एसिडिटी या गैस्ट्रिक। इसे आम भाषा में गैस होना बोलते हैं। सामान्य भाषा में समझें तो एसिडिटी का बिगड़ा हुआ फॉर्म है गैस्ट्राइटिस, जिसमें पेट में हल्की सूजन आ जाती है। गैस्ट्राइटिस भी दो तरह की होती है, जिसमें एक है इरोसिव गैस्ट्राइटिस। इसमें मरीज को ज्यादा परेशानी होती है, इसमें पेट दर्द के अलावा अल्सर या घाव हो सकते हैं। इस स्थिति में डॉक्टर से परामर्श करना जरूरी है। गैस्ट्राइटिस का दूसरा फॉर्म है नॉन इरोसिव गैस्ट्राइटिस, जिसमें लगातार एसिडिटी बने रहना, बैचेनी होना, खाना ठीक से हजम न होना या फिर पेट संबंधी परेशानियां हो सकती हैं।
गैस्ट्राइटिस के लक्षण
इस बीमारी में मरीज को पेट में या उसके ऊपकी हिस्से में दर्द रहता है। इस बीमारी में मरीज को बैचेनी हो रही है। खाना खाने के बाद पेट में दर्द है या उल्टी हो जाती हैं। ये गैस्ट्राइटिस के लक्षण हो सकते हैं।
क्यों होती है गैस्ट्राइटिस की समस्या?
डॉक्टर्स के मुताबिक गैस्ट्राइटिस की कई वजह हो सकती है। अगर लंबे समय से किसी बीमारी के लिए दवाएं खाते हैं तो गैस्ट्राइटिस की समस्या हो सकती है। इसके अलावा खराब लाइफ स्टाइल, नॉन स्टेरॉइड मेडिसन, एंटी-इंफ्लेमेशन दवाएं खाना, लंबे समय तक गैस की समस्या रहना या फिर जरूरत से ज्यादा तलाभुना या मसालेदार खाना गैस्ट्राइटिस की वजह बन सकता है।
ये मसाला रोक सकता है गैस्ट्राइटिस
ज्यादातर लोग गैस होने पर एंटी एसिड दवाएं खाते हैं लेकिन आप चाहें तो इस समस्या को बिना दवाएं खाए भी रोकर सकते हैं। रसोई में इस्तेमाल होने वाली सौंफ गैस और एसिडिटी को दूर करने में बेहद काम आती है। आप खाने के बाद सीधे आधा चम्मच सौफ खाएं तो ब्लोटिंग, गैस या अपच की समस्या नहीं होगी। आप सुबह सौंफ का पानी भी पी सकते हैं। दरअसल डॉक्टर का कहना है कि एंटी एसिड दवाओं में जो साइमेथिकॉन (simethicone) कंपाउंड इस्तेमाल किया जाता है, वो सौंफ से ही निकाला जाता है। यानी दवा की जगह अगर आप होम रेमेडी से गैस को सही करना चाहते हैं तो सौंफ खा कर गैस की समस्या को ठीक कर सकते हैं।
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