मोटापा, खराब लाइफस्टाइल और डाइट की वजह से डायबिटीज तेजी से बढ़ने वाली बीमारी बन गई है। आजकल बड़े बुजुर्गों को तो छोड़िए छोटे-छोटे बच्चों को भी डायबिटीज से जूझ रहे हैं। शरीर में जब शुगर बढ़ता है तो सभी अंगों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है। डायबिटीज होने पर हार्ट, किडनी और मानसिक समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज कई तरह की होती है, जिसमें से टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों की संख्या ज्यादा है। अगर परिवार में किसी को शुगर की बीमारी रही है तो खतरा और भी बढ़ जाता है। वहीं खराब लाइफस्टाइल लोगों को टाइप-2 डायबिटीज का शिकार बना रही है। लेकिन उम्र के साथ शरीर में टाइप 3 और टाइप 4 डायबिटीज का खतरा भी बढ़ने लगता है। जानिए क्या है टाइप 4 डायबिटीज और इसके लक्षण क्या हैं?
क्या है टाइप 4 डायबिटीज?
रिपोर्ट्स के मुताबित टाइप 4 डायबिटीज का खतरा बुजुर्ग लोगों को ज्यादा रहता है। ज्यादातर मामलों में 60 साल की उम्र के बाद शरीर में इंसुलिन प्रतिरोध की वजह से डायबिटीज जैसी बीमारियां पनपने लगती हैं। जो लोग दुबले-पतले होते हैं और उम्र भी ज्यादा होती है उन्हें टाइप 4 डायबिटीज का खतरा रहता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार डायबिटीज टाइप 4 की बड़ी वजह बढ़ती उम्र को माना गया है। इसे लेकर चूहों पर एक रिसर्च भी किया गया था जिसमें पता चला है कि टाइप 4 डायबिटीज इम्यून सेल्स के ओवर प्रोडक्शन के कारण हो सकती है।
टाइप 4 डायबिटीज के लक्षण
डायबिटीज के लक्षण ज्यादातर सामान्य होते हैं। टाइप 4 डायबिटीज के लक्षण भी दूसरे डायबिटीज की तरह ही हैं। फर्क सिर्फ इतना है कि ये डायबिटीज कम वजन वाले लोगों को होता है।
शरीर में थकान रहना
- बहुत भूख और प्यास लगना
- आंखों की रौशनी कम होना
- घाव भरने में देरी होना
- पेशाब बार-बार जाना
- तेजी से वजन कम होना
टाइप 4 डायबिटीज का क्या है इलाज?
फिलहाल कई तरह के रिसर्च किए जा रहे हैं। टाइप 4 डायबिटीज का कोई सटीक इलाज नहीं मिल पाया है। शोधकर्ताओं की मानें तो जल्द ही एंटीबॉडी दवा तैयार की जाएंगी, जिससे शरीर में रेगुलेटरी टी सेल्स को कम करने में मदद मिलेगी। इस तरह टाइप 4 डायबिटीज के खतरे को कम करने में मदद मिलेगी।
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