Diabetes: डायबिटीज एक बेहद खतरनाक बीमारी है। डॉक्टर्स कहते हैं कि अगर डायबिटीज की बीमारी में ब्लड शुगर को कंट्रोल न रखा जाए तो ये धीरे-धीरे पूरे शरीर को खोखला कर देती है। डायबिटीज में ब्लड शुगर को इंसुलिन और सही खान-पान के जरिए कंट्रोल रखा जा सकता है। आज हम आपको शरीर के पांच ऐसे अंगों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन पर टाइप-2 डायबिटीज का सबसे ज्यादा असर पड़ता है। डायबिटीज की बीमारी इन अंगों को सबसे पहले डैमेज करती है।
नर्व्स सिस्टम
टाइप-2 डायबिटीज हमारे नर्व्स सिस्टम को सबसे पहले डैमेज करती है। इसमें नसों के डैमेज होने से डायबिटीज न्यूरोपैथी का खतरा काफी बढ़ जाता है। इससे हाथ-पैरों में वाइब्रेशन जैसा महसूस होता है। हाथ-पैर सुन्न पड़ने लगते हैं। इनमें झनझनाहट सी भी महसूस होती है।
आंखें
टाइप-2 डायबिटीज हमारी आंखों पर भी बहुत बुरा असर डालती है। हेल्थ एक्सपर्ट्स कहते हैं कि टाइप-2 डायबिटीज हमारी आंखों की छोटी-छोटी रक्त वाहिकाओं को प्रभावित करती है, जिससे धीरे-धीरे आंखों की रोशनी धुंधली पड़ने लगती है। अगर इस पर समय रहते ध्यान न दिया जाए तो इंसान अंधा भी हो सकता है।
दिल
हाई ब्लड शुगर उन रक्त वाहिकाओं और नसों को भी डैमेज कर देता है जो दिल को कंट्रोल करने का काम करती हैं। इन रक्त वाहिकाओं और नसों के डैमेज होने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। कई बार स्ट्रोक की संभावना भी अधिक हो जाता है।
किडनी
शरीर में ग्लूकोज का हाई लेवल हमारी किडनी की रक्त वाहिकाओं को भी डैमेज कर सकता है। नतीजन हम किडनी से जुड़ी बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। डॉक्टर्स कहते हैं कि मोटापा, धूम्रपान, हार्ट डिसीज, हाई ब्लड प्रेशर और बेकाबू डायबिटीज इंसान की किडनी को डैमेज कर सकती है।
पैर
शरीर की रक्त वाहिकाओं और नर्व्स सिस्टम के डैमेज होने के कारण डायबिटीज रोगियों में पैरों के अल्सर का खतरा बढ़ जाता है। ये समस्या इतनी गंभीर होती है कि कई मामलों में मरीज के पैर तक काटने पड़ जाते हैं। इसमें पैर पर लगी चोट आसानी से ठीक नहीं होती है।
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