कोरोना को मात देने में सहायक है तुलसी के पत्ते, जानिए इसके अचूक लाभ
तुलसी का पौधा ना केवल पूजनीय है बल्कि सेहत के लिहाज से इस पौधे की पत्तियां भी बड़ी गुणकारी होती है। हम आपको तुलसी के फायदे, सबसे ज्यादा चर्चित इम्यूनिटी बूस्टर काढ़ा बनाने का तरीका सहित किन लोगों को इस आयुर्वेदिक औषधि का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए ये भी बताएंगे।
तुलसी का पौधा हर एक घर में लगा होता है। लोग रोजाना तुलसी के पौधे की पूजा करते हैं साथ ही जल भी चढ़ाते हैं। तुलसी का पौधा ना केवल पूजनीय है बल्कि सेहत के लिहाज से इस पौधे की पत्तियां भी बड़ी गुणकारी होती है। तुलसी का इस्तेमाल कई आयुर्वेदिक दवाइयों को बनाने में किया जाता है। सर्दी-जुकाम हो या फिर पुरुषों की शारीरिक कमजोरी हर चीज के लिए तुलसी की पत्तियां रामबाण साबित हुई। वहीं कोरोना वायरस से बचाव के दौरान लोगों ने जो काढ़ा कई बार उबाल उबाल कर पिया उसने लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में काफी मदद भी की।
आज हम आपको आयुर्वेदिक हर्ब्स सीरीज में तुलसी के बारे में विस्तार से बताएंगे। इसमें हम आपको तुलसी के फायदे, सबसे ज्यादा चर्चित इम्यूनिटी बूस्टर काढ़ा बनाने का तरीका सहित किन लोगों को इस आयुर्वेदिक औषधि का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए ये भी बताएंगे।
तुलसी के फायदे
- तुलसी की पत्तियों का सेवन सर्दी जुकाम में काढ़ा बनाने में किया जाता है। इससे बहुत आराम मिलता है।
- कहीं पर भी चोट लग गई हो तो तुलसी के पत्तों को पीसकर फिटकरी मिलाकर लगाने से घाव जल्दी भर जाता है। तुलसी में एंटी बैक्टीरियल तत्व होते हैं जो घाव को पकने नहीं देता और जल्दी ठीक कर देता है।
- पुरुषों की शारीरिक कमजोरी में तुलसी का बीज लाभकारी होता है।
- महिलाओं में अनियमित पीरियड की समस्या को भी तुलसी का दूर करता है।
- तुलसी का काढ़ा या फिर निहारे मुंह तुलसी खाने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है।
- अगर किसी को दांत में दर्द हो रहा है तो तुलसी के पत्ते को पीसकर उसका रस उस पर लगाने से आराम मिलेगा।
- इसके अलावा तुलसी की पत्तियां पथरी की समस्या के अलावा टाइफाइड और मलेरिया में भी कारगर है।
तुलसी का काढ़ा
तुलसी का काढ़ा इम्यूनिटी को बूस्ट करता है। इसे बनाने का तरीका क्या है जानिए यहां...
तुलसी के काढ़े के लिए जरूरी चीजें
- तुलसी की 8-10 पत्तियां
- इलायची हरी वाली
- काली मिर्च 3-4
- अदरक का एक टुकड़ा
- मुनक्का 1-2
बनाने की विधि- सबसे पहले एक पैन में दो गिलास पानी डालें और उसे धीमी आंच पर चढ़ा दें। अब इसमें तुलसी की 8-10 पत्तियां, इलायची हरी वाली एक, काली मिर्च 3-4, अदरक का एक टुकड़ा और मुनक्का 1-2 डालें। इसके बाद इसे 15 मिनट तक खौलाएं। जब पानी आधा हो जाए तो छानकर इसे एक गिलास में कर लें। हल्का गुनगुना होने पर सुबह या फिर रात को सोते वक्त पीएं।
कोरोना काल में रामबाण बनी 'अश्वगंधा', जानें इस आयुर्वेदिक औषधि के फायदे और नुकसानतुलसी के नुकसान
तासीर गर्म
तुलसी की पत्तियों की तासीर गर्म होती है। ज्यादा सेवन करने से पेट में जलन भी हो सकती है। इसलिए इसे ज्यादा खाने से बचना चाहिए।
प्रेग्नेंसी में ना करें सेवन
गर्भावस्था में या फिर स्तनपान कराने वाली महिलाओं को भी तुलसी का सेवन कम करना चाहिए। इससे शरीर पर नकारात्मक असर पड़ता है।
ब्लड प्रेशर लो कर सकती है
तुलसी की पत्तियों में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है। ऐसे में अगर आप बीपी की पहले से ही कोई दवा खा रहे हैं तो उसके साथ इसे खाने से बीपी बहुत ज्यादा लो हो सकता है।
सर्जरी से पहले या बाद में ना खाएं
कुछ लोग तुलसी की पत्तियों का सेवन रोजाना करते हैं। अगर आपकी कोई सर्जरी होने वाली है या हुई है तो इसे खाना छोड़ दें। तुलसी की पत्तियां खून को पतला करती हैं। जिसकी वजह से सर्जरी के दौरान या बाद में ब्लीडिंग का खतरा बढ़ जाता है।