थायराइड के मरीज हैं तो यूं करें तुलसी का सेवन, दिखेगा असर
थायराइड के मरीजों के लिए तुलसी खाना काफी फायदेमंद हो सकता है।
Highlights
- थायराइड को कंट्रोल करने से लिए खाएं तुलसी।
- तुलसी की चाय है फायदेमंद।
- तुलसी की पत्तियां चबाने से मिलता है फायदा।
थायराइड आजकल एक आम समस्या बन गई है। ये बीमारी शरीर में आयोडीन की कमी की वजह से होता है। पुरुषों की तुलना में महिलाओं में थायराइड ज्यादा देखने को मिलता है। इस बीमारी से जूझ रही महिलाओं का वजन तेजी से बढ़ने लगता है। साथ ही शरीर भी कमजोर पड़ जाता है। मोटापे की वजह से शरीर को अन्य बीमारियां भी घेरने लगती हैं। यही वजह है कि इसे कंट्रेल में रखना बेहद जरूरी होता है। आइए जानते हैं कि तुलसी खाने से थायराइड को कैसे कंट्रोल में रखा जा सकता है। साथ ही इसके और क्या फायदे हैं।
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थायराइड मरीजों के लिए कैसे फायदेमंद है तुलसी
तुलसी का सेवन करने से थायराइड के कई लक्षणों को कंट्रोल किया जा सकता है। इसमें एंटी फंगल, एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण पाए जाते हैं जो कई दिक्कतों को दूर कर सकते हैं।
इन लक्षणों के ना करें नजरअंदाज
- वजन बढ़ना
- वजन लगातार घटना
- गले में सूजन होना
- मूड स्विंग होना
थायराइड के मरीज ऐसे करें तुलसी का सेवन
- तुलसी की ताजी पत्तियां तोड़कर इसका रस निकाल लें। इस रस में आधा चम्मच एलोवेरा जूस मिलाएं। इसका सेवन करने से थायराइड को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है।
- आप चाहें तो दिन में 2 बार तुलसी की बिना दूध वाली चाय भी पी सकते हैं। इसके अलावा सुबह खाली पेट 2-3 तुलसी की पत्तियों को चबाना भी फायदेमंद होता है।
हाइपो थायरायडिज्म के मरीज ना करें सेवन
- थायराइड दो प्रकार का होता है। पहला हाइपो थायराइड और दूसरा हाइपर थायराइड। अगर आप हाइपो थायराइड है तो शरीर मोटापे का शिकार होने लगता है और नींद ज्यादा आती है। जबकि हाइपर थायराइड में वजन घटने लगता है।इसके अलावा धड़कन बढ़ना, जोड़ों में दर्द और नींद कम आने जैसे लश्रण भी दिखने लगते हैं।
- तुलसी थायरोक्सिन के स्तर को कम करती है। लेकिन हाइपो थायरायडिज्म वाले लोगों में थायरोक्सिन नामक थायराइड हार्मोन का स्तर पहले से ही कम होता है। यही वजह है कि हाइपो थायरायडिज्म के मरीजों को तुलसी का सेवन करने से बचना चाहिए।
Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।