हड्डियों और जोड़ों का पुराने से पुराना दर्द हो जाएगा छू-मंतर, बस रोज़ाना करें ये 4 योगासन
जॉइंट्स में दर्द , कमर, कंधे और पीठ दर्द से हमेशा के लिए राहत पाने के लिए आपको अपने जीवन में योग को शामिल करना होगा। चलिए आपको बताते हैं जोड़ों के दर्द के लिए कौन से योगासन हैं फायदेमंद
इन दिनों न जाने कितने लोग हड्डियों और जॉइंट्स के दर्द से परेशान हैं। ऐसा नहीं है कि हड्डियों के दर्द या बीमारी का शिकार सिर्फ अधेड़ उम्र के लोगों हो रहे है। जवां लोग भी हड्डियों के दर्द की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। दरअसल, आजकल लोगों की बिगड़ती लाइफ स्टाइल और गलत खानपान की आदतों की वजह से ज्वाइंट की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में इससे छुटकारा पाने के लिए लोग तुरंत पेन किलर खाते हैं। इससे तुरंत आराम तो मिलता है लेकिन इसका असर कुछ समय के लिए ही होता है। हड्डियों का दर्द आपको कभी भी ट्रिगर कर सकता है। साथ ही इन दवाओं के साइड इफेक्ट्स भी होते हैं। ऐसे में जॉइंट्स में दर्द , कमर, कंधे और पीठ दर्द से हमेशा के लिए राहत पाने के लिए आपको अपने जीवन में योग को शामिल करना होगा। दर्द से राहत देने के अलावा, योग आपके मन को भी शांत करता है। चलिए आपको बताते हैं जोड़ों के दर्द के लिए कौन से योगासन हैं फायदेमंद
जोड़ों के दर्द के लिए ट्राई करें ये योगासन:
चक्रासन:
इस आसन को करने पर शरीर पहिए जैसा आकार ले लेता है। इसलिए इस आसन को चक्रासन कहा जाता है। योग विशेषज्ञों के मुताबिक रोजाना इस योग का अभ्यास करके आप हड्डियों के दर्द से छुटकारा पा सकते हैं। इस आसन को करने के लिए पीठ के बल लेट जाएं और अपने घुटनों को मोड़ें। अब अपने दोनों हाथों को उल्टा करके कंधों के पीछे रखें। अब सांस भरकर अपनी छाती को ऊपर की तरफ उठाएं। धीरे-धीरे हाथ और पैरों को भी नज़दीक लाएं जिससे आपके शरीर की आकृति चक्र जैसी बन जाएं। इस आसन को करने से रीढ़ की हड्डी लचीली होती है और शरीर एक्टिव होता है।
जिम के अंदर ट्रेडमिल पर या बाहर खुले मैदान में दौड़ना जानें सेहत के लिए क्या है ज़्यादा फायदेमंद?
त्रिकोणासन:
इस आसन में शरीर का आकार त्रिकोण हो जाता है इसलिए इस आसन को त्रिकोणासन कहते हैं। इस आसन को करने से सिर्फ जॉइंट्स का दर्द ही कम नहीं होता है बल्कि पैरों और टखनों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं। इस आसन को करने से पीठ, कमर और कूल्हे स्ट्रेच होते हैं। साइटिका के मरीजों के लिए भी ये योगासन बेहतरीन है। साथ ही पीठ दर्द में भी ये आराम पहुंचाता है। इस आसन को करने के लिए पैरों के बीच करीब 3-4 फीट की दूरी बनायें और सीधे खड़े हो जायें। अब दाहिने पैर को बाहर की तरफ मोड़ें उसके बाद अपने बाएं हाथ को ऊपर उठाएं और दाहिने हाथ को ज़मीन से टच करें। दोनों हाथ का पोज़िशन स्ट्रेट होना चाहिए।
किडनी स्टोन के मरीजों के लिए ये सब्जियां है ज़हर, भूलकर भी न खाएं
डॉल्फिन प्लैंक आसन :
डॉल्फिन प्लैंक पोज़ नार्मल प्लैंक से काफी अलग है। यह पोज़ हैमस्ट्रिंग और कंधे को स्ट्रेच कर पैर और रीढ़ की हड्डियों को मजबूत बनाता है। इसे लगातार करने से आपको पीठ दर्द, जॉइंट्स के दर्द से राहत मिलेगी। इस योगासन को करने के लिए अपनी कोहनी को अपने कंधों के यहाँ रखें और अपने हाथों को जमीन पर टिकाएँ। उसके बाद अपने पैरों को धीरे धीरे समानांतर में पीछे ले जाएं। इस आसन को आप 20 से 30 सेकंड तक का सकते हैं।
उष्ट्रासन:
उष्ट्रासन यानी कैमल पोज, इसमें आपको अपनी पीठ को ऊपर उठाना होता है इसलिए इस पोज़ को कैमल पोज़ कहते हैं। यह योगासन आपके बैक बोन को फ्लेक्सिबल बनाता है और जॉइंट्स, कंधे के दर्द से छुटकारा दिलाता है। इस आसन को करने से पीठ के निचले हिस्से के दर्द से भी आराम मिलता है।