अगर आप शुगर-बीपी के मरीज़ हैं तो घर के बाहर ज़्यादा चौकन्ने रहिए। अगर आप को-मोर्बिड हैं तो हेल्थ को लेकर अलर्ट मोड पर आ जाइए क्योंकि कोरोना के हमले से लोग अभी उबरे भी नहीं है कि मंकी पॉक्स कोहराम मचाने के लिए देश में एंट्री कर चुका है। भारत में इस घातक बीमारी का पहला मरीज़ मिला है जिसे दिल्ली के LNJP अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है। कुछ दिन पहले भी एम्स में एक mpox suspect के मिलने की खबर आई थी। उसमें तो संक्रमण नहीं मिला था लेकिन इस मरीज़ के बारे में बताया जा रहा है कि ये मंकी पॉक्स प्रभावित देश से ही लौटा है इसके अलावा एक मरीज़ और मिला है इसलिए नेशनल सेंटर फॉर डिज़ीज़ कंट्रोल लगातार assessment कर रहा है। सरकार ने सारे प्रिकॉशंस अपनाते हुए राज्यों को एडवायज़री भी जारी कर दी है। ये तो अच्छी बात है लेकिन बहुत से लोग अभी भी अंजान है कि आखिर मंकी पॉक्स है क्या और ये कैसे फैलता है। मंकी पॉक्स एक वायरल इंफेक्शन है जो चूहे, गिलहरी और बंदर जैसे जानवरो से होता है इसके फैलने का तरीका भी समझ लीजिए।infected animals या human being के संपर्क में आने से, संक्रमित को छूने से, अधपका दूषित मीट खाने से मंकी पॉक्स हो सकता है।
जिनकी इम्यूनिटी कमज़ोर है उन लोगों को तो और ज़्यादा सतर्क रहना होगा। बहुत से लोगों को तो ये भी नहीं पता होता कि उनकी इम्यूनिटी वीक क्यों है। इसकी कई वजह हो सकती है लगातार किसी बीमारी से जूझना, बदलते मौसम में एहतियात ना बरतना और सबसे बड़ी वजह है खानपान में लापरवाही से होने वाली डेफिशियेंसी जैसे चाय-कॉफी पीने वाले उनमें भी वो लोग जिन्हें नाश्ता हो या लंच हो या डिनर हर मील के बाद उन्हें चाय-कॉफी की चुस्की लेते है। जबकि इससे खाने से मिलने वाले न्यूट्रिशंस नहीं मिलते। शरीर में आयरन-कैल्शियम की डेफिशियेंसी हो जाती है तो चलिए आज योगगुरू से जानते हैं कि नेचुरल सोर्स से कैसे बॉडी की डेफिशियेंसी दूर करें औऱ इस मंकी पॉक्स नाम की बला से कैसे बचें?
कंट्रोल होगा बीपी
- खूब पानी पीएं
- स्ट्रेस-टेंशन कम लें
- खाना समय से खाएं
- जंक फूड ना खाएं
- 6-8 घंटे की नींद लें
- फास्टिंग करने से बचे
बीपी नॉर्मल रहेगा - खाने में शामिल करें
- खजूर
- दालचीनी
- किशमिश
- गाजर
- अदरक
- टमाटर
- 100 में 66% एनिमिक आयरन की कमी से
- 80% लोगों में विटामिन- D कम
- 74% में है विटामिन B-12 की कमी
- 70% महिलाओं में कैल्शियम की कमी
विटामिन- D की कमी
- जानलेवा बीमारी से मौत
- का खतरा 25% ज़्यादा
- जो़ड़ों में दर्द
- कैंसर का डर
रेड ब्लड सेल्स में कमी- बैकपेन
- ऑर्गन्स में ऑक्सीजन सप्लाई कम - विटामिन- B 12 की कमी इर्रेगुलर हार्टबीट
- तेज़ी से वेटलॉस - चि़ड़चिड़ापन
डेफिशियेंसी बीमारी
- विटामिन-A आंखों के रोग बच्चों की ग्रोथ कम
- कैल्शियम - हड्डी, दांत के रोग
- विटामिन B-12 - न्यूरो प्रॉब्लम,याददाश्त कमज़ोर
- आयरन एनिमिया
- विटामिन-D डिप्रेशन, थकान
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