गठिया का ये रोग पहले 60 साल से उपर के लोगों में देखा जाता है बुजुर्गों को उठने-बैठने में दिक्कत होते देख कमर पर हाथ लगाकर झुककर चलते देख लोग कहते थे कि उम्र हो गई है लेकिन आजकल तो छोटे-छोटे बच्चे ज्वाइंट्स पेन की शिकायत करते हैं। चलने-फिरने में या कोई सामान पकड़ने में उनके जोड़ दुखने लगते हैं। इस बीमारी को जुवेनाइल आर्थराइटिस कहते हैं जो 16 साल से कम उम्र के बच्चों पर तेजी से अटैक कर रही है। इससे बच्चों की हड्डियों की ग्रोथ पर असर पड़ता है उनकी लंबाई रुक सकती है। ये नौबत ना आए इसलिए जरूरी है कि प्राइमरी स्टेज में ही सिंपटंप्स को पहचानकर बीमारी को कंट्रोल कर लिया जाए।
क्योंकि आर्थराइटिस अगर बढ़ जाए तो हार्ट, लंग्स, ब्रेन, आंख, स्किन, स्पाइन सब खतरे में आ जाते हैं। हमारे देश में 18 करोड़ से ज्यादा लोग इस बीमारी से जूझ रहे हैं तो अंदाजा लगा लीजिए कि उन पर कितनी बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है लेकिन अगर वो 18 करोड़ लोग हमारे साथ योग करेंगे।।स्वामी रामदेव के उपाय अपनाएंगे तो निश्चित ही 100 रोगों का खतरा यूं चुटकी में छूमंतर हो जाएगा।
गठिया दर्द - मिलेगा आराम
- सरसों तेल की मालिश
- दर्द की जगह गर्म पट्टी
- गर्म पानी-सेंधा नमक की सिकाई
- स्टीम बाथ
आर्थराइटिस में परहेज
- ठंडी चीज़ें ना खाएं
- चाय-कॉफ़ी ना लें
- टमाटर ना खाएं
- शुगर कम करें
- ऑयली खाने से बचें
- वजन कंट्रोल रखें
गठिया की बीमारी - यूथ पर क्यों भारी
- एक पॉश्चर में बैठना
- गलत खानपान
- ज्यादा वजन
- विटामिन D की कमी
- कैल्शियम की कमी
जोड़ों में दर्द - परहेज ज़रूरी
- प्रोसेस्ड फूड
- ग्लूटेन फूड
- अल्कोहल
- ज्यादा चीनी-नमक
हड्डियां मजबूत बनेंगी
- हल्दी-दूध जरूर पीएं
- सेब का सिरका पीएं
- लहसुन-अदरक खाएं
- दालचीनी-शहद पीएं
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