बढ़ रही हैं वायरल और बैक्टीरियल बीमारियां, बचाव के लिए स्वामी रामदेव से जानें त्रिदोष बैलेंस करने का तरीका
त्रिदोष बैलेंस करने का तरीका: त्रिदोष असंतुलित होने से आप वायरल या बैक्टीरियल संक्रमण के जल्दी शिकार हो सकते हैं। आइए, जानते हैं इन बीमारियों से बचाव का तरीका।
चीन में कोरोना की नई लहर एकबार फिर से डराने लगी है। सर्दी बढ़ते ही बीजिंग से लेकर शंघाई तक कोरोना विस्फोट हो चुका है। पिछले 24 घंटे में 31 हजार से ज्यादा नए मामले दर्ज किए गए हैं ओर ये हाल तब है जब चीन में strict zero covid policy लागू है और कई शहरों में सख्त लॉकडाउन लगा हुआ है। ऐसे में स्कूल-कॉलेज-मॉल-होटल-रेस्टॉरेंट सब बंद हैं और ज्यादातर चीजें ऑनलाइन हैं। मास टेस्टिंग, ट्रेवल रिस्ट्रिक्शन और क्वारंटीन पॉलिसी सख्ती से फॉलो करवाई जा रही है और तो और 92% लोगों को वैक्सीन की पहली डोज भी लगी हुई है लेकिन, इसके बाद भी चीन कोरोना से नहीं उबर पा रहा है
जाहिर सी बात है, कोविड इंफेक्शन से लड़ने के लिए जिस 'हर्ड इम्यूनिटी' की जरुरत होती है वो अब भी चीन के लोगों में डेवेलप नहीं हो पाई है। वैसे अकेले कोरोना वायरस ही जान का दुश्मन नहीं है। द लैंसेट की रिपोर्ट के मुताबिक ऐसे बैक्टीरिया भी हैं जो, हर साल पूरी दुनिया में लाखों लोगों की मौत की वजह बनते हैं। दुनिया भर में हर आठवीं मौत बैक्टीरिया से होती है और भारत भी इससे बचा नहीं है। ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज की रिपोर्ट के मुताबिक बैक्टीरियल इंफेक्शन से एक साल में 13 लाख से ज्यादा लोगों की जान गई। दरअसल वायरस की तरह ही बैक्टीरिया सीधे रेस्पिरेटरी ट्रैक ब्लड सर्कुलेशन और डायजेस्टिव सिस्टम पर अटैक करता है जिसका असर डायरेक्टर हार्ट और ब्रेन पर पड़ता है और इंफेक्शन से धीरे-धीरे इंटरनल ऑर्गन्स फेल होने लगते हैं।
वैसे शरीर पर वायरस-बैक्टीरिया का हमला लगातार होता रहता है लेकिन, इम्यूनिटी स्ट्रॉन्ग रहे तो इससे बचा जा सकता है। अब इम्यूनिटी मजबूत कैसे हो अब इम्यूनिटी मजबूत करने के तो कई तरीके हैं लेकिन हमारी सनातन परंपरा आयुर्वेद के मुताबिक- शरीर में वात-पित-कफ को बैलेंस कर इम्यूनिटी अच्छी की जा सकती है। तो चलिए, त्रिदोष बैलेंस कैसे रहे शरीर का डिफेंस सिस्टम बॉर्डर लाइन पर ही वायरस-बैक्टीरिया को रोक सके इसके तमाम योगिक उपाय स्वामी रामदेव से जानेंगे।
शरीर में वात, पित्त, कफ की जगह
सिर से चेस्ट तक का हिस्सा - कफ दोष
चेस्ट से कमर तक का हिस्सा - पित्त दोष
कमर से पैर तक का हिस्सा - वात दोष
कफ के रोग
मोटापा
थायराइड
सर्दी,खांसी,जुकाम
मोतियाबिंद
कम सुनाई देना
आंखों का लाल होना
डार्क सर्कल होना
पित्त के रोग
एसिडिटी
अल्सर
जॉन्डिस होना
वात के रोग
घुटने में दर्द
हड्डियों में कैविटी
शरीर में तेज दर्द
पैरों में ऐंठन
कमज़ोरी
वात बैलेंस करने के लिए क्या खाएं?
घी
तेल
गेहूं
अदरक
लहसुन
दूध-मक्खन
पनीर
छाछ
चुकंदर
मूंग दाल
वात संतुलित रखने के लिए क्या ना खाएं?
बाजरा
जौ, मक्का
पत्तागोभी
फूलगोभी
ब्रोकली
कोल्ड कॉफ़ी
ब्लैक टी
ठंडा जूस
नाशपाती
कच्चे केले
पित्त बैलेंस रखने के लिए क्या खाएं?
घी
खीरा
शिमला मिर्च
एलोवेरा जूस
पित्त बैलेंस रखने के लिए क्या ना खाएं?
मूली
कच्चे टमाटर
काली मिर्च
ड्राई फ्रूट्स
कॉफी
कफ बैलेंस करने के लिए क्या खाएं ?
मक्का
गेहूं
मटर
छाछ
पनीर
शहद
कफ बैलेंस रखने के लिए क्या ना खाएं?
खीरा
टमाटर
केला
खजूर
अंजीर