स्ट्रेस, एंग्जायटी या डिप्रेशन की गिरफ्त से कैसे निकलें बाहर, स्वामी रामदेव से जानें दिमाग को एक्टिव रखने का बेस्ट फॉर्मूला
अगर आप भी स्ट्रेस, एंग्जायटी या डिप्रेशन से जूझ रहे हैं तो अब आपको परेशान होने की जरूरत नहीं है। क्योंकि स्वामी रामदेव ने बताया है कि कैसे मुश्किल हालात में भी मुस्कुराते हुए जिंदगी को सही तरीके से जिया जा सकता है।
एलन मस्क की दिमागी चिप वाली खबर तो आपने भी पढ़ी होगी, जिसमें ये दावा किया जा रहा है कि अब चिप के जरिए बॉडी और ब्रेन की कई परेशानियों को कंट्रोल किया जाएगा। जबकि साइंटिस्ट अभी तक शरीर के खराब अंगों के लिए अलग-अलग तरह की मशीन बनाते थे। अब सवाल ये है कि इस दिमागी चिप में क्या है तो एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक के मुताबिक ये ब्रेन कंप्यूटर इंटरफेस हैं। मतलब चिप दिमाग में न्यूरॉन्स के सिग्नल को रीड करेंगी और फिर इससे जुड़ा सॉफ्टवेयर सिग्नल को कमांड में बदलेगा।
ब्रेन चिप से पैरालिसिस क्योर करने का दावा
इसमें ये दावा किया जा रहा है कि इसके जरिए पैरालिसिस के मरीजों को फायदा होगा। दरअसल, शरीर की मांसपेशियां सेंसरी नर्व्स और सेंट्रल नर्वस सिस्टम के बीच कम्युनिकेशन को रेगुलेट करती हैं। जबकि पैरालिसिस के मामले में नर्वस सिस्टम इनएक्टिव हो जाता है। इतना ही नहीं चिप के जरिए डिमेंशिया, पार्किंसंस, ब्लाइंडनेस और टिनिटस जैसी परेशानियों को भी कंट्रोल करने का दावा किया जा रहा है।
क्या माइक्रो चिप ब्रेन को रखेगी एक्टिव ?
इस रिसर्च को लेकर कई सवाल भी एक्सपर्ट्स उठा रहे हैं। सबसे पहले तो ये डर है कि ऑपरेशन कितना सक्सेसफुल रहेगा। अगर सक्सेसफुल हुआ भी तो खर्च बहुत ज्यादा आएगा। मतलब इलाज सिर्फ अमीरों तक रह जाएगा। इतना ही नहीं चिप में दिमाग का डेटा इक्ट्ठा होगा और चिप ब्लूटूथ से जुड़ेगी। तो क्या ब्रेन हैकिंग का खतरा भी हो सकता है। उसके लिए एलन मस्क ने साफ कहा है कि रिसर्च कम्प्लीट होने पर वो खुद भी चिप लगवाएंगे।
लेकिन बेहतर यही होगा कि हम इतने रिस्की झंझट में ना पड़कर हम अपने नर्वस सिस्टम को समझें और कुदरत के दिए इस तोहफे को नेचुरल तरीके से एक्टिव रखें। और इसके लिए जरूरी है कि सबसे पहले स्ट्रेस, डिप्रेशन और एंग्जाइटी से बचें, लाइफ स्टाइल सही करें ताकि शुगर, बीपी, हार्ट और हार्मोनल प्रॉब्लम की गिरफ्त में ना आएं क्योंकि देर-सवेर इसका असर हमारे दिमाग पर ही पड़ता है। अब रिसर्च का नतीजा तो जब आएगा तब आएगा। फिलहाल सालों से चली आ रही योग की सुरक्षित राह को अपनाते हैं और योगिक आयुर्वेदिक चिप से बीमारियों को फिक्स करते हैं।
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डिप्रेशन में योग:
- शीर्षासन
- सर्वांगासन
- उत्तानपादासन
- शलभासन
- योग निद्रा
- हलासन
- योग मुद्रासन
- पादहस्तासन
- यौगिक जॉगिंग
- सूर्य नमस्कार
सर्वांगासन के फायदे:
- तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है।
- दिल तक शुद्ध रक्त पहुंचता है।
- एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है।
- याद की हुई चीजें भूलते नहीं हैं।
पादहस्तासन के फायदे:
- डिप्रेशन दूर होता है।
- फेफड़ों को स्वस्थ बनाता है।
- सांस संबंधी दिक्कत दूर होती है।
- पाचन संबंधी समस्या दूर होती है।
- सिर में रक्त संचार बढ़ता है।
मंडूकासन के फायदे:
- डायबिटीज को दूर भगाता है।
- पेट और दिल के लिए लाभकारी है।
- कंसंट्रेशन की क्षमता बढ़ती है।
- पाचन तंत्र सही करने में सहायक है।
- लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है।
गोमुखासन के फायदे:
- फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है।
- पीठ और बांहों को मजबूत बनाता है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
- शरीर को लचकदार बनाता है।
- सीने को चौड़ा करने में सहायक है।
- शरीर के पॉश्चर को सुधारता है।
चक्रासन के फायदे:
- कमर, रीढ़ की मसल्स को मजबूत बनाता है।
- त्वचा में चमक आती है।
- सीने को चौड़ा करता है।
- डायबिटीज कंट्रोल होती है।
- पेट की चर्बी कम करता है।
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उत्तानपादासन के फायदे:
पैरों की मसल्स मजबूत होती हैं।
पेट से जुड़ी बीमारियां ठीक होती हैं।
डिप्रेशन में प्राणायाम:
- अनुलोम विलोम
- कपालभाति
- भस्त्रिका
- भ्रामरी
- उज्जायी
- उद्गीथ
डिप्रेशन के लिए आयुर्वेदिक उपाय:
- चंद्रप्रभावटी, त्रियोदशांक, गुग्गुल लें।
- अश्वशिला, पीड़ांतक लें।