Thyroid: इन योगा से थायराइड को करें कंट्रोल, वजन भी होगा आसानी से कम
Thyroid: थायराइड से जुड़ी समस्या जब बढ़ जाती है तब मोटापा, जोड़ों का दर्द, बांझपन और हृदय रोग जैसे गंभीर बीमारियां हो सकती हैं।
थायराइड से जुड़ी बीमारी अनहेल्दी लाइफ स्टाइल, अस्वस्थ खान-पान और ज़्यादा स्ट्रेस लेने के कारण होती है। थायराइड पुरुषों और महिलाओं दोनों के दोनों के गले में स्थित होती है। लेकिन इससे जुड़ी समस्याएं महिलाओं को ज़्यादा होती है। दरअसल, थायराइड हार्मोन आपकी बॉडी की ऊर्जा को कंट्रोल करने का काम करता है। लेकिन इससे जुड़ी समस्या जब बढ़ जाती है तब मोटापा, जोड़ों का दर्द, बांझपन और हृदय रोग जैसे गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। लेकिन थायराइड को प्राणायाम व योग के माध्यम से जड़ से आसानी से दूर किया जा सकता है।
क्या है थायराइड?
थायराइड हमारे गले में मौजूद एक ग्लैंड है। ग्लैंड गले के आगे वाले हिस्से में होता है और यह तितली जैसी नज़र आती है। यह ग्लैंड हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद होता है। लेकिन जब यह असंतुलित हो जाता है, तब थायराइड की बीमारी होती है।
इन कारणों से हो सकती है थायराइड
थायराइड होने के कई कारण हैं, लेकिन शरीर में इन चीज़ों की कमी प्रमुख हैं वजहों में से एक है।
- आयोडीन की कमी
- ऑटोइम्यूनिटी
- अनहेल्दी लाइफस्टाइल
थायराइड के प्रमुख लक्षण
- गले में सूजन होना
- बालों का तेजी से झड़ना
- हार्ट रेट का जोरों से बढ़ना
- पसीना ज्यादा आना
- दिल की धड़कन तेज
कपालभाति
कपालभाति शरीर की इम्यूनिटी को मजबूत बनाता है। साथ ही ये थायराइड को जड़ से खत्म करने में काफी कारगर है। इस प्राणायाम के ज़रिए शरीर से विषैले पदार्थ आसानी से बाहर निकल जाते हैं। इस योगा को रोजाना 10-15 मिनट तक करना चाहिए। वज्रासन अवस्था में बैठें और दोनों हाथों को घुटनों पर रखें। गहरी सांस अंदर की ओर लें और झटके से सांस छोड़ते हुए पेट को अंदर की ओर खींचें
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भ्रामरी प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम को हमिंग बी ब्रीथ के नाम से भी जाना जाता है, एक शांत श्वास क्रिया है जो तंत्रिका तंत्र को शांत करता है और आपको आंतरिक स्वभाव से जोड़ने में मदद करता है। इस योग क्रिया को करने के लिए आप शांत और हवादार जगह पर बैठकर अपनी आंखें बंद कर लें। अपनी तर्जनी उंगलियों को दोनों कानों पर रखें। मुंह को बंद रख कर नाक से ही सांस लें और छोड़ें। सांस छोड़ने के दौरान ‘ऊँ’ शब्द का उच्चारण करें।
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उज्जायी प्राणायाम
यह साँस लेने की योग क्रिया हाइपोथायरायडिज्म या हाइपरथायरायडिज्म के मरीज़ों के लिए बेहद लाभकारी है। इस योगक्रिया थायरॉयड ग्रंथि को ट्रिगर करती है और सांस के साथ गले में घर्षण पैदा करती है। किसी भी आरामदायक आसन पर बैठ जाएं। अपने गले पर ध्यान लगाएं और गले से आने-जाने वाली श्वास का अनुभव करें। श्वांस के गहरी और धीमी हो जाने पर कंठ द्वार को संकुचित करें। इसे खड़े होकर या लेट कर भी कर सकते हैं।
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सिंहासन
सिंघासन, थायराइड को जड़ से खत्म करने में बेहद लाभकारी है। यह आसन आंखों, चेहरे और गर्दन को स्वस्थ रखता है। इस योग क्रिया को करने के लिए अपने घुटनों को समान दूरी पर रखकर वज्रासन में बैठें। दोनों हाथों की हथेलियों को पैरों के घुटनों पर रख दे। रीड की हड्डी को सीधा रखें, और गहरी सांस ले। जीभ को जितना हो उतना बहार की ओर निकले । साँस को छोड़ते समय "हा" ध्वनि निकाले लें।शरीर को अंतिम स्थिति में आराम दें।