सर्दियों में लोग होने लगते हैं इन बीमारियों के शिकार, ऐसे करें अपना बचाव
इस मौसम में लोगों को अपना खासा ध्यान रखना होता है। क्योंकि वायरस और बैक्टीरिया इतनी तेजी से पनपने हैं और लोग इनकी चपेट में आकर संक्रमित हो जाते हैं। जिस वजह से बीमारी एक व्यक्ति से बढ़कर दूसरे व्यक्ति तक पहुंच जाती है।
दिल्ली में ठंड की शुरुआत हो चुकी है। इस मौसम में गर्मी से राहत तो मिलती है लेकिन ठंड बढ़ने से सेहत से जुड़ी कई परेशानियां हो सकती हैं। दरअसल, इस मौसम में अगर हम अपना ध्यान सही से न रखें तो हमारा शरीर कई बीमारियों के गिरफ्त में आ सकता है। इस मौसम में कमजोर इम्यूनिटी वालों को अपना खासा ध्यान रखना होता है। क्योंकि वायरस और बैक्टीरिया तेजी से पनपने हैं और लोग इनकी चपेट में आकर संक्रमित हो जाते हैं। तो चलिए हम आपको बताते हैं कि इस मौसम में आप कौन सी बीमारियां का शिकार हो सकते हैं और बेहतर स्वास्थ्य के लिए आप अपन ख्याल कैसे रखें।
सर्दी और खांसी
ठंड के मौसम में सबसे ज़्यादा लोग सर्दी और खांसी से परेशान होते हैं। अगर आपकी इम्यूनिटी कमजोर है तो आपके लिए यह मौसम बेहद मुश्किल भरा हो सकता है। ऐसे में ज़रूरी है कि ऐसे लोग अपनी सेहत का एक्स्ट्रा ध्यान रखें। क्योंकि ज़रा सी लापरवाही उनके लिए बड़ी बीमारी बनकर सामने आती है। बदलते मौसम में नाक बंद, छींकना, सिरदर्द, शरीर में दर्द, खांसी आदि सामान्य सर्दी और फ्लू के कुछ सबसे आम लक्षण हैं।
जोड़ों में दर्द
सर्दियों में ज़्यादातर लोग जोड़ों के दर्द से परेशान रहते हैं। इस मौसम में हड्डियां चटकने लगती है और उठने बैठने में भी तकलीफ होती है। अगर कोई यूरिक एसिड से पीड़ित है तो उन्हें बहुत ज़्यादा परेशानी का सामना करना पड़ता है। ठंड के मौसम में लोगों की फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है जिस वजह से हड्डियों में अकड़न आने लगती है। इससाथ ही इस मौसम में धुप भी कम मिलता है जिस वजह से हड्डियां सिकुड़ने लगती हैं इसलिए जोड़ों सहित हड्डियों में भी बहुत ज़्याद दर्द होता है।
हार्ट अटैक का खतरा
इस मासूम में लोग हार्ट अटैक का भी शिकार होते हैं। दरअसल, ठंड के मौसम में नसें सिकुड़कर कड़क हो जाती है। इन्हें नॉर्मल करने के लिए शरीर में ब्लड फ्लो बढ़ता है और इससे ब्लड प्रेशर भी बढ़ जाता है। दिल पर दबाव पड़ता है जो हार्ट अटैक का कारण बनता है
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निमोनिया
निमोनिया छोटे शिशुओं में ज़्यादा होता है। यह फीवर कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर तुरंत प्रहार करता है। जब बैक्टीरिया, वायरस, या अन्य रोगाणु फेफड़ों में प्रवेश करते हैं तो उस वजह से निमोनिया होता है। इस स्थिति में सांस लेने में बेहद तकलीफ होती है।
इन्फ्लूएंजा वायरस
फ्लू एक संक्रामक सांस की बीमारी है। यह इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होता है यह वायरस नाक, गले और फेफड़ों को भी संक्रमित करता है। इस बीमारी में सर्दी-जुकाम के साथ गला खराब होना, हाथ पैरों में दर्द, जकड़न की तकलीफ होने लगती है।
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ऐसे करें अपना बचाव
- इस मौसम में घर से बाहर निकलते समय गर्म कपड़े पहनकर निकलें। 2, 3 लेयरिंग करने के बाद ही कहीं बाहर जाएं।
- अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने के लिए आप रोजाना सुबह योग और एक्सरसाइज करें। फिजिकल एक्टिविटी करने से आपको सर्दी-जुकाम जैसी समस्याएं नहीं होंगी।
- विटामिन C से भरपूर फल जैसे- संतरा, आंवला से इम्यूनिटी मजबूत होती है इसलिए इन्हें अपनी डाइट में शामिल करें।
- इस मौसम में लोग ज़्यादा पानी नहीं पीट हैं जिस वजह से उनकी बॉडी डीहाड्रेटेड हो जाती है। अपने आप को हाइड्रेटेड रखें एक लिए भरपूर पानी पियें।
- बाहर का खाना खाने से जितना हो सके उतना बचें।