अगर आप काफी लंबे समय के बाद या पहली बार एक्सरसाइज करने जा रहे हैं तो बहुत सी बातों के बारे ध्यान रखने की जरूरत है। आप पहली बार एक्सरसाइज करने जा रहे हैं तो पहले दिन से ही वेटलिफ्टिंग न करें। आपकी बॉडी पूरी तरह वजन उठाने के लिए तैयार हो जाए तभी वेटलिफ्टिंग करें नहीं तो चोट भी लग सकती है और शरीर में कई तरह की समस्याएं हो सकती हैं।
आप पहले नॉर्मल एक्सरसाइज करें उसके बाद ही भारी वजन उठाना शुरू करें। बॉडी को बैलेंस रखना बहुत जरूरी है। शुरुआत में वेटलिफ्टिंग की एक्सरसाइज डंबल्स से कर सकते हैं। लेकिन बहुत कम लोग इस बारे में जानते है कि इस वेटलिफ्टिंग के दौरान थोड़ी सी भी लापरवाही होने पर एल्बो डिस्लोकेशन का खतरा बढ़ जाता है। इसे नजरअंदाज करना सेहत के लिए बहुत खतरनाक साबित हो सकता है।
वेटलिफ्टिंग के लिए पहले कम वजन से शुरू करें। उतना ही वजन उठाएं जितना उठा सकते हैं, इसके बाद आप कुछ दिनों में आराम से ज्यादा वेट से भी वेटलिफ्टिंग कर सकते हैं। पहले ही ज्यादा वजन उठाएंगे या वेटलिफ्टिंग करेंगे तो यह खतरनाक साबित हो सकता है।
अक्सर वेटलिफ्टिंग एक्सरसाइज के दौरान आप थक जाते हैं या फिर सांस फूलने लगती है तो इसके लिए जरूरी है कि आप स्टैमिना बढ़ाएं, इससे आप जल्दी थकेंगें नहीं और आप वेटलिफ्टिंग भी कर सकेंगें ।
जो लोग भी वेटलिफ्टिंग करते हैं उनका सारा भार कंधो के बराबर होना चाहिए ताकि जो भार मस्लस पर पड़ता है वो संतुलन बनाए रखता है, असंतुलन एल्बो डिस्लोकेशन का कारण बन जाता है।
एल्बो डिस्लोकेट होने पर सबसे पहले किसी अच्छे हड्डियों के डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर्स एल्बो को काफी आसानी से रिलोकेट कर देते है। वे अच्छी तरीके से एक्स रे, एम आर आई और सी टी स्कैन करते हैं। एल्बो डिस्लोकेट का समस्या होने पर तुरंत आइस पैक्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
एल्बो डिस्लोकेट होने पर भूल कर भी मसाज करने या करवाने की गलती न करें। कभी भी हड्डि को फोर्सफुली दबाने या उसी जगह बिठाने की गलती न करें।
इसके साथ ही आपको अपनी डाइट पर ध्यान देने की बहुत जरूरत है, खासकर प्रोटीन अपने डेली डाइट में शामिल करें। प्रोटीन से आपकी बॉडी में मसल्स बनती है और जो मसल्स एक्सरसाइज के समय डैमेज होती है और तेजी से रिपेयर होती है और आपकी मसल्स ग्रो करने लगती है, जिससे आपमें स्टैमिना भी बढ़ता है और अगली बार आप ज्यादा वजन उठाने में सक्षम होंगे।
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