पूरी दुनिया की स्टडी कहती है कि मास्क लगाने पर 90 प्रतिशत तक लोग कोरोना वायरस से फैली बीमारी से बच सकते हैं। नाक और मुंह से ही कोरोना संक्रमित ड्रॉपलेट शरीर के अंदर प्रवेश कर सकते हैं। इंडिया टीवी के खास प्रोग्राम स्वास्थ्य संवेलन में मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग का कहना है कि ऐसे में मध्यप्रदेश सरकार ने यह अभियान चलाया है कि मास्क लगाए और पूरी तरह से कोरोना प्रोटोकॉल का ध्यान रखें।
आइए जानते हैं क्यों जरूरी हो जाता है मास्क लगाना
‘हवा में कई दिनों तक रह सकते हैं अतिसूक्ष्म कण’
अमेरिका के जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के वैज्ञानिकों समेत विशेषज्ञों ने कहा कि मास्क बनाने में इस्तेमाल सामग्री, इसकी कसावट और इसमें इस्तेमाल की गयी परतें नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार को प्रभावित कर सकती हैं। एयरोसोल साइंस एंड टेक्नोलॉजी पत्रिका में प्रकाशित अध्ययन में विभिन्न किस्म के पदार्थों से अत्यंत छोटे कणों के निकलने के प्रभाव के बारे में अध्ययन किया गया। अध्ययनकर्ता नगा ली ने कहा, ‘एक अतिसूक्ष्म कण हवा में घंटों तक और दिनों तक रह सकता है और यह हवा के आने-जाने के मार्ग पर निर्भर करता है, इसलिए यदि किसी कमरे में हवा निकासी की उचित व्यवस्था नहीं है तो ये छोटे कण बहुत लंबे समय तक रह सकते हैं।’
दुनिया के कई देशों में तेजी से फैल रहा है कोरोना
वैज्ञानिकों ने अपने अनुसंधान में 33 विभिन्न व्यावसायिक रूप से उपलब्ध पदार्थों का परीक्षण किया जिनमें सूती और पॉलिस्टर जैसे एक परत वाले बुने हुए कपड़े शामिल हैं। उन्होंने कहा, ‘हमें पता चला कि एक ही तरह के पदार्थ में से भी तत्वों के निकलने के विविध परिणाम सामने आए।’ बता दें कि दुनिया के कई देशों में कोरोना वायरस से संक्रमण के मामलों में तेज बढ़ोत्तरी हो रही है। इन देशों में भारत भी शामिल है जहां अब एक दिन में 80 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं। ऐसे में बढ़िया क्वॉलिटी का मास्क पहनना और लोगों से उचित दूरी बनाए रखना ही संक्रमण को ज्यादा फैलने से रोकने के असरदार तरीके हैं।
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