ऑनलाइन स्टडी के कारण बच्चे हो रहे हैं चिड़चिड़े? स्वामी रामदेव से जानिए कैसे बचाएं बचपन
अगर आप भी बच्चों के लगातार स्क्रीन देखने और उनके चिड़चिड़ेपन से परेशान हैं तो रोजाना सुबह योग कराएं। जानिए स्वामी रामदेव से कौन-कौन से योगासन होंगे कारगर।
कोरोना वायरस के चलते मार्च से ही सभी स्कूल और कॉलेज बंद कर दिए हैं। ऐसे में बच्चों को ऑनलाइन क्लासेस देकर नए सिलेबस की शुरुआत भी कर दी गई है। जिसके कारण घर में भी रहकर बच्चों का एक टाइमटेबल बन गया है जिसमें कक्षाएं सुबह से शुरू होकर करीब 5-6 घंटे तक चलती है। यह सभी क्लासेस मोबाइल, लैपटॉप के जरिए दी जा रही है जिसके कारण बच्चों का समय स्क्रीन देखने में ज्यादा बीत रहा हैं। स्वामी रामदेव के अनुसार ज्यादा देर स्क्रीन टाइम होने के कारण बच्चों को मानसिक और शारीरिक तौर पर काफी असर पड़ रहा है।
आज के समय में आलम ये हो गया है कि बच्चे ज्यादा से ज्यादा समय स्क्रीन के सामने बीता रहे हैं जो पहले अधिकतम तीन से चार घंटे थी। लगातार स्क्रीन देखने के कारण अधिकतर बच्चे चिड़चिड़े, जिद्दी, मूडी होने के साथ-साथ वजन बढ़ेने की समस्या के शिकार हो रहे हैं। ऐसे में पेरेट्स भी काफी परेशान हो रहे हैं कि आखिर वह खुद का और अपने बच्चों की सेहत का कैसे ख्याल रखें।
अगर आप भी बच्चों के लगातार स्क्रीन देखने और उनके चिड़चिड़ेपन से परेशान हैं तो रोजाना सुबह योग कराएं। इसमें आप उनका रोल मॉडल बनें। जिससे कि बच्चे के साथ-साथ आप भी फिट रहें। स्वामी रामदेव से जानिए बच्चों को सेहतमंद और दिमाग तेज करने के लिए कौन-कौन से योगासन करना है फायदेमंद।
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योग और पीटी में फर्क
स्वामी रामदेव के अनुसार योग और पीटी करने से शरीर में हार्मोंस और ब्लड सर्कुलेशन तेजी से होता है। लेकिन पीटी करने से किसी एक अंग विकास होता है। जिसके कारण विभिन्न तरीके की एक्सरसाइज करनी होती हैं वहीं योग से पूरे शरीर का विकास होता है।
नियमित रूप से बच्चें करें ये योगासन
सूर्य नमस्कार
रोजाना सुबह बच्चे कम से कम 5 मिनट सूर्य नमस्कार करें।
वजन बढ़ाने और घटाने में करे मदद
एक्रागता बढ़ाने में करे मदद
स्मरण शक्ति बढ़ाने में कारगार
दिनभर फुर्तिला बनाने में करे मदद।
वृक्षासन
कद बढ़ाने में मददगार
तनाव और डिप्रेशन को कम करने में करे मदद
एकाग्रता बढ़ाएं।
शरीर को लचीला बनाने में करे मदद।
दिमाग को एकाग्र करता है।
पैरों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है।
जुकाम, खांसी और कफ, तीनों को एक साथ छूमंतर कर देगा ये देसी काढ़ा, बनाने में लगेंगे सिर्फ 10 मिनट
गरुड़ासन
इस आसन को करने से फ्लैट लेग की समस्या ठीक हो जाती है। बच्चों की एक्रागता बढ़ती है। इसके साथ ही दोनों घुटनों के बीच गैप बनता है।
नटराजासन
इस आसन को करने से बॉडी और दिमाग का बैलेंस बनता है। जिससे बच्चा एकाग्र होने के साथ तेज होता है।
चक्रासन
शरीर को ऊर्जा और शक्ति मिलती है।
आलस्य को करे दूर।
एकाग्रता बढ़ाने में करे मदद
वजन कम करने में करे मदद।
पूरे शरीर को रखें फिट।
शीर्षासन
दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाता है
तनाव और चिंता को करे कम
एकाग्रता बढ़ाने में मदद करे।
चेहरे की झुर्रियों को करे कम
स्किन को सॉफ्ट और खूबसूरत बनाएं
सर्वांगासन
चेहरे की खूबसूरती बढ़ाए
एजिंग को रोकने में सहायक
वजन को काबू को रखता है
गैस और कब्ज से छुटकारा
हार्ट मसल्स को रखें हेल्द
दिल को रखें हेल्दी
दिमाग को करे तेज।
हलासन
इस आसन को ये नाम किसान के हल के समान आकृति होने के कारण मिला है, जो मिट्टी को खेती से पहले खोदने के काम आता है इस आसन को करने बच्चों की हाइट बढ़ती हैं। इसके साथ ही पूरा शरीर लचीला बनता है।
योगिक जॉगिंग
बच्चों को रोजाना 5 मिनट योगिक जॉगिंग जरूर कराएं। इससे उनका पूरा शरीर फिट रहने के साथ-साथ मन और दिमाग शांत रहेगा।
बच्चों को हेल्दी रखने के लिए प्राणायाम
भस्त्रिका
इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस ले और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें। तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े। इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें। इस प्राणायाम को रोजाना करने से हाइपरटेंशन, अस्थमा, हार्ट संबंधी बीमारी, टीवी, ट्यूमर, बीपी, लिवर सिरोसिस, साइनस, किसी भी तरह की एनर्जी और फेफड़ों के लिए अच्छा माना जाता है।
कपालभाति
अगर आपको अधिक गुस्सा आ रहा है तो कपालभाति तेज गति में करें। इससे आपका दिमाग कुछ ही देर में शांत हो जाएगा। इसके साथ ही आपका हार्ट हेल्दी रहेगा और तनाव छूमंतर हो जाएगा।
अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।
शीतली प्राणायाम
सबसे पहले आराम से रीढ़ की हड्डी सीधी करके बैठ जाएं। इसके बाद जीभ को बाहर निकालकर सांस लेते रहें। इसके बाद दाएं नाक से हवा को बार निकालें। इस प्राणायाम को 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं। इस आसन को करने से मन शांत होगा, तनाव, हाइपरटेंशन के साथ-साथ एसिडिटी से निजात मिलेगा।
शीतकारी प्राणायाम
इस प्राणायाम में होंठ खुले, दांत बंद करें। दांत के पीछे जीभ लगाकर, दांतो से धीमे से सांस सांस अंदर लें और मुंह बंद करें। थोड़ी देर रोकने के बाद दाएं नाक से हवा बाहर निकाल लें और बाएं से हवा अंदर लें। इस आसन को करने से तनाव, हाइपरटेंशन से निजात मिलता है। इसके साथ ही अधिक मात्रा में ऑक्सीजन अंदर जाती है।
भ्रामरी
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है।
बच्चों को क्या खिलाएं?
- अंकुरित मूंग
- मूंगफली
- केला
- चना
- फास्ट और जंक फूड से खिलाने से बचें।
- प्रोटीन युक्त आहार ज्यादा खिलाएं
- बच्चों को सुबह और शाम को बटर और दूध जरूर पिलाएं।
- बच्चों की डाइट में सी चीजों को शामिल करें जिसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन्स आदि हो।