घर बैठे करना चाहते हैं ब्लड शुगर कंट्रोल, इन योगासन और घरेलू उपायों से कम होगा डायबिटीज
ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने के लिए योग काफी फायदेमंद साबित हो सकता है। जानिए स्वामी रामदेव से किन योगासन, एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स और घरेलू उपायों के द्वारा डायबिटीज को किया जा सकता है कंट्रोल।
खराब लाइफस्टाइल, खानपान के कारण डायबिटीज की समस्या हो जाती है। दुनियाभर में 8 करोड़ लोग डायबिटीज से पीड़ित हैं। जिनमें से करीब 10 लाख लोग डायबिटीज के कारण अपनी जान गवां देते हैं। यूके में हुई एक रिसर्च के अनुसार 3 में से 1 डायबिटीज का मरीज कोरोना वायरस का शिकार हो रहा हैं। स्वामी रामदेव के अनुसार जब शरीर में शुगर लेवल बढ़ता है तो किडनी, हार्ट, ब्लड प्रेशर या फिर आंखों की रोशनी कम होने की शिकायत हो जाती है। इसके साथ ही डायबिटीज के कारण पूरा शरीर खोखला हो जाता है। ऐसे में डायबिटीज को कंट्रोल करना बहुत ही जरूरी है। योगासन, प्राणायाम के साथ-साथ कुछ घरेलू उपाय अपनाकर इसे आप आसानी से नियंत्रित कर सकते हैं।
स्वामी रामदेव के अनुसार डायबिटीज होने के मुख्य तीन कारण होता है पहला जेनेटिक, दूसरा अनहेल्दी लाइफस्टाइल और तीसरा लंबे समय तक कोई बीमारी चलने के कारण आप अनहेल्दी लाइफस्टाइल अपना लेते हैं जिसके कारण आपके पूरे रिसेप्टर्स कमजोर हो जाते हैं। जिसके कारण ब्लड शुगर होने का खतरा सबसे अधिक होता है।
डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए प्राणायाम
योगासन के साथ-साथ प्राणायाम करना बहुत ही ज्यादा जरूरी है। इसलिए रोजाना प्राणायम करें।
भस्त्रिका- इस प्राणायाम को करने से पूरे शरीर में ऑक्सीजन का ठीक ढंग से प्रवाह होता है। जिससे आपको डायबिटीज के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों से भी निजात मिल जाएगा। इसे 1 मिनट से शुरू करके करीब 3 मिनट तक करें।
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कपालभाति- इस प्राणायाम को करने से पैंक्रियाज के बीटा सेल्स दोबारा एक्टिव हो जाते हैं। जिससे तेजी से इंसुलिन बनने लगता है। इसके अलावा इसे करने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहने के साथ मेटाबॉलिज्म बढ़ता है।
भ्रामरी- इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद करते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 5 से 7 बार जरूर करना चाहिए।
अनुलोम विलोम- सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं। इस प्राणायाम को करने से क्रोनिक डिजीज, तनाव, डिप्रेशन, हार्ट के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है। इसके अलावा ये मांसपेशियों की प्रणाली को भी ठीक रखता है। इसे 10 से 15 मिनट करें।
सूर्य नमस्कार-जिस तरह से सूर्य नमस्कार करने से आपका वजन बढ़ने के साथ शरीर हेल्दी रहता है। उसी तरह नियमित रूप से इसका अभ्यास करने से आप अपना वजन बढ़ा सकते हैं। इसके लिए रोजाना कम से कम 100 बार सूर्य नमस्कार करें। फिर इसकी संख्या धीरे-धीरे बढ़ाते जाएं। इस आसन को करने से आपका वजन कम होने के साथ-साथ डायबिटीज सहित कई बीमारियों से कोसों दूर रहेंगे।
डायबिटीज से निजात पाने के लिए योगासन
मंडूकासन- मंडूक का अर्थ है मेंढक अर्थात इस आसन को करते वक्त मेंढक के आकार जैसी स्थिति प्रतीत होती इसीलिए इसे मंडूकासन कहते हैं। इस योग को करने से पैंक्रियाज पर दवाब पड़ता है। जिससे आपका इंसुलिन कंट्रोल होगा। इस आसन को करने से डायबिटीज के साथ -साथ कोलाइटिस से निजात दिलाता है। इसके अलावा अगर कमर में दर्द हैं तो ज्यादा झुकने से बचें। इस आसन को 3 से 5 बार करें।
शशकासन- इस आसन को करने से डायबिटीज से जड़ से निजात मिलता है। इसे 1-2 मिनट करें।
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योग मुद्रासन- इस आसन को करने से डायबिटीज के साथ-साथ पेट की चर्बी से निजात मिलेगा। मानसिक शक्ति बढ़ेंगी। इसके साथ ही शरीर मजबूत होगा। कब्ज के साथ-साथ गैस संबंधी समस्या से निजात मिल जाएगा।
व्रकासन- वक्रासन बैठ कर किए जाने वाले आसनों में एक महत्वपूर्ण आसन है। वक्रासन 'वक्र' शब्द से निकला है जिसका मतलब होता टेढ़ा। इस आसन में रीढ़ टेढ़ी या मुड़ी हुई होती है, इसीलिए इसका यह नाम वक्रासन रखा गया है। यह डिप्रेशन के साथ-साथ डायबिटीज को कंट्रोल करता है। इस आसन को करने से फेफड़ों से जुड़ी दिक्कत से निदान मिलता है। रीढ़ की हड्डी मजबूत करें। पेट के लिए भी अच्छा है। इसके साथ ही पूरे शरीर को हेल्दी रखने में मदद करता है।
गौमुखासन- डायबिटीज और उसके कारण होने वाली अन्य बीमारी जैसे आंखों की रोशनी कम होना, किडनी संबंधी समस्या, कमजोरी आदि के लिए फायदेमंद।
भुजंगासन- इस आसम को करने से पूरे शरीर की मांसपेशियों में खिंचाव होता है। इसके साथ ही इस आसन को करने से डायबिटीज और पेट की चर्बी से निजात मिलता है।
नौकासन- इस आसन को करने से गैस, कब्ज की समस्या से निजात मिलता है। इसके साथ की कमर, पेट सुडौल होता है। पेट की चर्बी कम कर करें।
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पवनमुक्तासन- पवनमुक्तासन पेट एवं कमर की मांसपेशियों के खिंचाव को करने में मदद करता है। इससे पाचन तंत्र सही होता है। इसके साथ ही डायबिटीज के मरीजों को लाभ मिलेगा। इस आसन को करने से जांघो, पेट, कूल्हें को वसा मुक्त करें। इसके साथ ही ब्लड सर्कुलेशन ठीक करें। रीढ़ की हड्डी को मजबूत करें। कब्ज और गैस की समस्या से दिलाएं निजात।
सेतुबंधासन- इस आसन को करने से डायबिटीज में छुटकारा मिलेगा। हाई ब्लड प्रेशर को कम करने के साथ अनिद्रा से निजात दिलाता है।
भुजंगासन- इस आसन को करने से डायबिटीज, मोटापा, हाई ब्लड प्रेशर, कमर दर्द आदि से निजात मिलेगा।
उत्तानपादासन- इस आसन को करने से डायबिटीज के साथ-साथ कब्ज की समस्या से निजात मिलेगा। इसके साथ ही पैंक्रियाज सही रहेगा। जिससे इंसुलिन बनेगा।
अर्ध मत्येंद्रासन- इस आसन को बड़े लोगों के साथ-साथ बच्चे भी आसानी से कर सकते हैं। इस आसन को करने से आपका मोटापा कम होगा। इसके अलावा हाई बीपी और कमजोरी को कम करने में मदद करता है।
डायबिटीज से निजात पाने के घरेलू उपाय
- प्याज, नींबू रस, अदरक का रस, लहसुन का रस 1-1 चम्मच लेकर अच्छी तरह से पका कर गाढ़ा कर लें। इसके बाद इसमें बराबर मात्रा में शहद में मिलाकर रखें। रोजाना एक चम्मच इसका सेवन करने से कोलेस्ट्राल कंट्रोल होगा। इसके साथ ही हार्ट ब्लोकेज की समस्या से निजात मिलेगा।
- ब्राउन राइस डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद है, लेकिन नियंत्रित होकर इसका सेवन करें।
- 1 करेला, 1 खीरा और 1 टमाटर, 10-12 सहाबाहर के फूल, थोड़ा एलोवेरा, अश्वगंधा, तुलसी, आंवला, गिलोय का जूस बनाकर खाली पेट इसका सेवन करें। आप चाहे तो सिर्फ खीरा, करेला और टमाटर का भी जूस बना सकते हैं।
- गुलमार्ग बूटी के पत्ते 2-3 खाएं।
- जामुन का सिरका और गुठली का सेवन करें। इससे पैंक्रियाज में इंसुलिन बनेगा।
- अगर आपका शहद खाने का मन हैं तो 1 चम्मच से ज्यादा न खाएं।
डायबिटीज से निजात पाने के लिए दबाएं ये प्वाइंट्स
पैंक्रियाज बाएं ओर होता है। इसलिए बाएं हाथ की छोटी अंगुली के नीचे 5-5 मिनट दबाएं या फिर सुबह-शाम ढाई-ढाई मिनट दबाएं। इससे लाभ मिलेगा।
हाथ के अलावा हमारे पैर में भी प्वाइंट पाया जाता है। बाएं पैर के तलवे में चौथी अंगुली के 5 इंच नीचे प्वाइंट को दबाएं। इससे लाभ मिलेगा।