समय रहते दिमागी बीमारियों से बचाव है जरूरी, स्वामी रामदेव से जानें किन बातों का रखें ध्यान
स्वामी रामदेव के बताए ये टिप्स आपकी मानसिक सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद हैं। क्यों और कैसे, जानते हैं इस बारे में विस्तार से।
'अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत' वक्त की अहमियत को समझना बहुत जरुरी है नहीं तो हाथ मलने के सिवा कुछ नहीं बचता। कहते है ना समझदार वही है जो राइट टाइम पर काम पूरा करता है और जिंदगी का ये फलसफा सेहत पर भी फिट बैठता है। बात अगर सेहत की हो तो वक्त की कीमत और बढ जाती है क्योंकि सही समय पर इलाज ना कराने से कई बार ठीक होने वाली बीमारियां भी जानलेवा बन जाते हैं। अब ब्रेन ट्यूमर को ही ले लीजिए। देर होने पर मामूली टयूमर भी जान का दुश्मन बन जाता है जबकि शुरुआत में ही इसका पता चल जाए तो 90% केसेज आसानी से क्योर हो सकते हैं।
वैसे आपने अलार्मिंग मुद्दा छेड़ दिया है क्योंकि एक ताजा स्टडी के मुताबिक युवाओं में तेजी से बिनाइन ब्रेन ट्यूमर यानि कैंसर रहित ब्रेन ट्यूमर बढ़ रहे हैं, पिछले 5 साल में ब्रेन ट्यूमर का ग्राफ तेजी बढ़ा है। देखिए ऐसे में इलाज से पहले ये जानना जरूरी है कि ब्रेन ट्यूमर आखिर है क्या। दरअसल जब दिमाग के सेल्स एबनॉर्मल तरीके से बढ़ने लगते हैं तो ब्रेन में टिश्यूज की एक गांठ सी बन जाती है जिसे ट्यूमर कहते हैं।
और ये ट्यूमर दो तरह के होते हैं बिनाइन ट्यूमर और मेलिग्नेंट ट्यूमर। बिनाइन ट्यूमर धीरे-धीरे बढ़ता है जबकि मेलिग्नेंट ट्यूमर की ग्रोथ बहुत तेजी से होती हैऔर ये कैंसरस होता है। अब ये भी जान लीजिए कि ब्रेन ट्यूमर बढने की बड़ी वजह क्या है तो खराब लाइफस्टाइल, घंटों मोबाइल पर बात, पॉल्यूशन और टेंशन में रहने की आदत इसकी बड़ी वजह है।
वैसे सिर्फ दिमाग में ही नहीं शरीर के दूसरे हिस्सों में भी गांठें बनती हैं जिन्हें आसानी से मेल्ट किया जा सकता है। तो, चलिए आज योग आयुर्वेद और नेचुरोपैथी के जरिए शरीर में मौजूद तमाम गांठों को मेल्ट करने के उपाय योगगुरु स्वामी रामदेव से जानते हैं।
ब्रेन ट्यूमर, क्या हैं लक्षण?
सिरदर्द
वॉमिटिंग
नजर कमजोर
सुनने में दिक्कत
बोलने में दिक्कत
याददाश्त कमजोर
हड्डियों पर हमला कर देता है अपना ही शरीर, जोड़ों में सूजन और दर्द से परेशान रहते हैं इस बीमारी के रोगी
ब्रेन डिसऑर्डर बीमारी
पार्किंसन
अल्जाइमर
डिमेंशिया
ब्रेन इंजरी
ब्रेन ट्यूमर
लाइपोमा कैसे पहचानें?
गर्दन, कंधे, हाथ, कमर, पेट पर होती है
गांठ में ज्यादा दर्द नहीं होता
नस पर दबाव से हल्का दर्द होता है
ज्यादातर 1.2 इंच से बड़ी नहीं होती
गांठ को इग्नोर ना करें, डॉक्टर को दिखाएं
अगर उम्र 40 साल से ज्यादा है
अगर गांठ लगातार बढ़ रही है
गांठ 1.2 इंच से बड़ी है
अगर गांठ बहुत सख्त है
गांठ के साथ दूसरे लक्षण भी हैं
ब्रेन रहेगा हेल्दी, खाएं सुपर फूड
अखरोट
बादाम
काजू
अलसी
पंपकिन सीड्स
सिट्रिक एसिड से भरपूर ये जूस पिघला सकता धमनियों में जमा बैड कोलेस्ट्रॉल, दिल के मरीजों के लिए है हेल्दी
ब्रेन रहेगा हेल्दी, रोज रस पीएं
एलोवेरा
गिलोय
अश्वगंधा
रोज योग के फायदे
एनर्जी बढ़ेगी
बीपी कंट्रोल
वजन कंट्रोल
शुगर कंट्रोल
नींद में सुधार
बेहतर मूड
कैंसर में कारगर
एलोवेरा
नीम
व्हीटग्रास