International Yoga Day 2021: इन 5 योगासनों से करें योग की शुरुआत, स्वामी रामदेव से जानें तरीका और फायदे
इन 5 योगासनों से करें योग की शुरुआत, स्वामी रामदेव से जानें तरीका और फायदे
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2021 मनाया जा रहा है। पूरे विश्व के लोग योग को अपनाकर अपनी फिटनेस को ठीक कर रहे हैं। जो लोग योग की शुरुआत करते हैं उनके लिए सबसे अहम सवाल होता है कि योग की शुरुआत कैसे करें ? पहली-पहली पार योग की शरुआत करने के लिए किन बातों का ध्यान रखना सबसे जरूरी है। स्वामी रामदेव के अनुसार जो लोग योग करने की चाह रखते हैं और उन्हें समझ नहीं आ रहा कौन से योगासन से शुरुआत करें तो हम आपको बता रहें 5 ऐसे योगासन जिन्हें करके आपका पूरी शरीर रहेगा और हर बीमारियों भी दूर रहेंगी।
इन 5 योगासनों से करें योग की शुरुआत, स्वामी रामदेव से जानें तरीका और फायदे
मर्कटासन के फायदे
- पीठ दर्द से निजात
- रीढ़ की हड्डी संबंधी हर समस्या से निजात
- सर्वाइकल
- गैस्ट्रिक, गुर्दे के लिए फायदेमंद
मर्कटासन करने का तरीका
मर्कटासन कई तरीके से किया जाता है। इसके लिए पीठ के बल आराम से लेट जाए। इसके बाद कंधों के बराबर अपने हाथों को फैलाएं। फिर दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ लें। अब दोनों पैरों को मिलाकर पहले दाएं ओर करें। इसके साथ ही गर्दन को बाएं ओर मोड़े। फिर इस तरह दोबारा करें।
गोमुखासन के फायदे
- शरीर को बनाए मजबूत
- फेफड़ों को बनाए मजबूत
- शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाए
- रीढ़ की हड्डी मजबूत कराए
गोमुखासन करने का तरीका
पहले दोनों पैरों को सामने सीधे एड़ी-पंजों को मिलाकर बैठे। हाथ कमर से सटे हुए और हथेलियां जमीन पर टिकी रहें। अब बाएं पैर को मोड़कर एड़ी को दाएं नितम्ब के पास रखें। दाहिने पैर को मोड़कर बाएं पैर के ऊपर एक दूसरे से स्पर्श करते हुए रखें। इस स्थिति में दोनों जांघें एक-दूसरे के ऊपर रखी जाएंगी। अब सांस भरते हुए दाहिने हाथ को ऊपर उठाकर दाहिने कंधे को ऊपर खींचते हुए हाथ को पीछे पीठ की ओर ले जाएं। इसके बाद बाएं हाथ को पेट के पास से पीठ के पीछे से लेकर दाहिने हाथ के पंजें को पकड़े। गर्दन व कमर सीधी रखें। कुछ देर इसी स्थिति में रुकें और दूसरी तरफ से दोहराएं।
उत्तानपासदासन के फायदे
- बदलते मौसम में रोगों से करे बचाव
- पेट और पैर के मसल्स को बनाए मजबूत
- शरीर को सुंदर औस सुडौल बनाए
- मोटापा कम करने में सहायक
- फेफड़ों को बनाए मजबूत
उत्तानपादासन करने का तरीका
उत्तान का अर्थ है ऊपर उठा हुआ और पाद का अर्थ है पांव। इस आसन में पीठ के बल लेटकर पांव ऊपर उठाए जाते हैं। इसे करने के लिए पीठ के बल आराम से लेट जाएं और पैर फैला लें। पैरों की बीच दूरी नहीं होनी चाहिए। हाथ शरीर के निकट रखे रहने दें। सांस लेते हुए पांवों को मोड़े बगैर धीरे-धीरे 30 डिग्री पर उठाएं। लम्बा सांस छोड़ते हुए दोनों पांव नीचे लाएं।
भुजंगासन करने के फायदे
- इस आसन को करने से लंबाई बढ़ती है
- शरीर की थकावट कम होती है
- पेट की चर्बा से भी दिलाएं निजात
भुजंगासन करने का तरीका
इस आसन को दो तरह से किया जाता है। इस आसन के लिए योग मैट में आराम से पेट के बल ले जाएं। इसके बाद दोनों हाथों को अपने मुंह के सामने लाकर एक दूसरे के पास रखकर पान का आकार दें। इसके बाद लंबी-लंबी सांस लेते हुए कमर के ऊपरी हिस्से को धीमे-धीमे उठाएं और फिर मुंह से अपने हथेलियों को छुए और फिर ऊपर जाएं। इस प्रक्रिया को 50 से 100 बार करना चाहिए।
उष्ट्रासन के फायदे
- इस योग को करने से पाचन और प्रजनन प्रणाली ठीक से काम करती है
- पीठ दर्द, थायरॉयड आदि से निजात मिलता है
उष्ट्रासन करे का तरीका
इस आसन के लिए अपने घुटने के सहारे बैठ जाएं और कुल्हे पर दोनों हाथों को रखें। घुटने कंधो के समानांतर हो तथा पैरों के तलवे आकाश की तरफ हो। गर्दन पर बिना दबाव डालें तटस्थ बैठे रहें। इसी स्थिति में कुछ सांसे लेते रहे। सांस छोड़ते हुए अपने प्रारंभिक स्थिति में आ जाएं। हाथों को वापस अपनी कमर पर लाएं और सीधे हो जाएं