डायबिटीज मरीज रोजाना करें स्वामी रामदेव के बताए ये योगासन, चंद दिनों में ही शुगर हो जाएगी कंट्रोल
भारत में 7.5 करोड़ डायबिटीज के पेशेंट हैं। डायबिटीज पेशेंट को ताउम्र दवा लेनी पड़ती है। लेकिन योग में डायबिटीज का इलाज संभव है। जानिए स्वामी रामदेव से डायबिटीज को योग के जरिए कैसे कंट्रोल किया जा सकता है।
कोरोना काल में लोगों का रूटीन बिल्कुल बिगड़ गया है। ना खाने का टाइम है और ना ही सोने का टाइम फिक्स है। ऐसे में लोग कई बीमारियों की गिरफ्त में आ जा रहे हैं। जिसमें डायबिटीज भी एक अहम बीमारी है। भारत में बीते कुछ सालों में डायबिटीज के मरीजों की संख्या में तेजी से इजाफा हुआ है। यहां तक कि भारत को दुनिया की डायबटिक कैपिटल भी कहा जाने लगा। एक समय था जब 40 से 50 साल के लोग भी डायबिटीज का शिकार होते थे। खराब लाइफस्टाइल की वजह से यंग स्टर्स यहां तक कि छोटे बच्चे भी इसकी चपेट में आ गए हैं। 2019 की एक रिपोर्ट के अनुसार दुनिया में 46 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं। जबकि भारत में 7.5 करोड़ डायबिटीज के पेशेंट हैं। डायबिटीज पेशेंट को ताउम्र दवा लेनी पड़ती है। लेकिन योग में डायबिटीज का इलाज संभव है। जानिए स्वामी रामदेव से डायबिटीज को योग के जरिए कैसे कंट्रोल किया जा सकता है।
डायबिटीज के लक्षण
- अधिक प्यास लगना
- बार-बार यूरिन आना
- हमेशा थकान
- वजन बढ़ना या कम होना
- मुंह सूखना
क्यों होती है डायबिटीज?
- तनाव, समय पर खाना ना खाना
- ज्यादा जंकफूड खाना, कम पानी पीना
- समय पर नींद ना लेना, व्यायाम ना करना
- खाने के बाद तुरंत सो जाना
सूर्य नमस्कार- रोजाना करें सूर्य नमस्कार
- एनर्जी लेवल बढ़ाने में मददगार
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
- पाचन तंत्र बेहतर रहता है
- शरीर में लचीलापन आता है
- स्मरण शक्ति मजबूत होती है
- वजन बढ़ाने के लिए कारगर
- शरीर को डिटॉक्स करता है
- त्वचा में निखार आता है
- तनाव की समस्या दूर होती है
यौगिक जॉगिंग के फायदे
- शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है
- शरीर को ऊर्जावान बनाता है
- फैट कम करता है
- डायबिटीज को कंट्रोल करता है
- सीने और हाथ की मांसपेशियों को फायदा मिलता है
- डिप्रेशन से मुक्ति पाने में सहायक होता है
- कंसंट्रेशन बढ़ाने में मदद मिलती है
ये योगासन डायबिटीज पेशेंट के लिए फायदेमंद
मंडूकासन
- डायबिटीज ,कोलाइटिस को कंट्रोल करे
- इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है
- कब्ज और गैस की समस्या करे खत्म
- पाचन तंत्र को करे सही
- लिवर, किडनी को रखें स्वस्थ्य
- वजन घटाने में करें मदद
- इस आसन से पेट संबंधी कई गंभीर बीमारियों से भी राहत मिलती है
- महिलाओं में पीरियड्स की अनियमितता और असहनीय दर्द को कम करता
योगमुद्रासन
- पेट और दिल के लिए लाभकारी
- साइनस और माइग्रेन से छुटकारा
- इम्यूनिटी बढ़ाता है
- पाचन तंत्र सही करने में सहायक
- लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है
- वजन घटाने में मदद करता है
- डायबिटीज को रोकने में सहायक
वक्रासन
- वक्रासन से दूर होती है डायबिटीज
- तनाव और चिंता दूर होती है
- क्रोध, चिड़चिड़ापन दूर करता है
- माइग्रेन के रोग में फायदेमंद
- लिवर, किडनी के रोग दूर होते हैं
- मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है
- मोटापा कम करने में मददगार
गोमुखासन
- डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए सबसे अच्छा
- मांसपेशियां मजबूत करता है
- तनाव और चिंता से मुक्ति दिलाता है
- दिल को स्वस्थ रखता है
- शरीर को लचीला बनाता हैट
नौकासन
- पेट संबंधी विकार दूर होते हैं
- इससे पाचन तंत्र मजबूत रहता है
- कमर दर्द में राहत
प्राणायाम जरूर करें
कपालभाति
- कपालभाति को प्राणायाम के अंतर्गत नहीं माना जाता है। हालांकि कपालभाति रोजाना करने से हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर किया जा सकता है। जानिए कपालभाति को किस तरह से करना चाहिए।
- कपालभाति को करने के लिए सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें।
- अब दोनों नथुना से गहरी सांस भीतर की ओर लें।
- अब सांस को बाहर की तरफ छोड़ दें।
- इस बात का ध्यान रहे कि सांस को बल पूर्वक बाहर निकालना है और आराम से भीतर लेना है। इस तरह से कम से कम 20 बार ऐसा करें।
अनुलोम विलोम
- सबसे पहले आराम से बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। ध्यान रहे कि इस मुद्रा में आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए।
- अब बाएं हाथ की हथेली को ज्ञान की मुद्रा में बाएं घुटने पर रखें।
- इसके बाद दाएं हाथ की अनामिका यानि कि हाथ की सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नथुना पर रखें। अब अंगूठे को दाएं वाले नथुना पर लगा लें। इसके बाद तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें।
- अब बाएं नथुना से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। फौरन ही दाएं नथुना से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। अब दाएं नथुना से सांस भरें और अंगूठे से उसे बंद कर दें। इस सांस को बाएं नथुना से बाहर निकाल दें। अनुलोम विलोम का यह पूरा एक राउंड हुआ। इसी तरह के कम से कम 5 बार ऐसा करें।
भस्त्रिका
- इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस ले और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें।
- तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े।
- इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें।
फायदे
- इस प्राणायाम को रोजाना करने से हाइपरटेंशन, अस्थमा, हार्ट संबंधी बीमारी, टीवी, ट्यूमर, बीपी, लिवर सिरोसिस, साइनस, किसी भी तरह की एनर्जी और फेफड़ों के लिए अच्छा माना जाता है।
- भस्त्रिका करने से शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ जाता है। जिसके कारण कैंसर की कोशिकाएं मर जाती हैं।
उज्जयी प्राणायाम
- गले से सांस अंदर भरकर जितनी देर रोक सके उतनी देर रोके।
- इसके बाद दाएं नाक को बंद करके बाएं नाक के छिद्र से छोड़े।
फायदे
मन शांत रहता है, अस्थमा, टीबी, माइग्रेम, अनिद्रा आदि समस्याओं से दिलाएं निजात।
भ्रामरी प्राणायाम
- इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं।
- अब अंदर गहरी सांस भरते हैं।
- सांस भरकर पहले अपनी उंगुलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 उंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं।
- अंगूठे से कान को बंद करते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं।
- इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है।
फायदे
इस आसन को करने से तनाव से मुक्ति के साथ मन शांत रहेगा।
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