माइग्रेन के दर्द से हैं बेहाल तो नियमित रूप से करें ये 2 योगासन, साथ ही जानिए औषधियां और घरेलू उपाय
माइग्रेन की समस्या होने के कई कारण हो सकते हैं। जिनमें से कम नींद, ज्यादा शोर, भूखे रहने के कारण, कम पानी पीने के कारण, मस्तिष्क तक खून न पहुंचना या फिर तनाव हो सकता है। जानिए कैसे पाएं इस समस्या से निजात।
माइग्रेन मूल रूप से न्यूरोलॉजिकल समस्या हैं। इस समस्या में सिर के एक तरफ तेज दर्द होता है। यह दर्द कुछ घंटे से लेकर कुछ दिन तक रह सकता है। माइग्रेन की समस्या पुरुषों को मुकाबले महिलाओं को ज्यादा रहती हैं। अगर आप भी हमेशा सिरदर्द या माइग्रेन की समस्या से परेशान रहते हैं तो योग आपके लिए कारगर साबित हो सकता है।
माइग्रेन होने के कई कारण हो सकते हैं। जिसमें कम नींद, ज्यादा शोर, भूखे रहने के कारण, कम पानी पीने के कारण, मस्तिष्क तक खून न पहुंचने के कारण या फिर तनाव हो सकता है।
स्वामी रामदेव के अनुसार प्राणायाम, योगासन और कुछ घरेलू उपायों के द्वारा आप माइग्रेन की समस्या से जड़ से निजात पा सकते हैं।
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माइग्रेन के लिए प्राणायाम
अनुलोम -विलोम- माइग्रेन के लिए यह आसन सबसे रामबाण है। इससे तनाव भी दूर होता है। ओमकार और गायत्री मंत्र का ध्यान रखें। इस आसन को कम से कम 15 मिनट करें। वात, पित्त और कब्ज की समस्या से भी निजात दिलाता है।
भ्रामरी- इस आसन को करने से मन को शांति मिलती है। जिससे माइग्रेन की दिक्कत दूर हो जाती है।
सूर्य नमस्कार- हर किसी को सूर्य नमस्कार जरूर करना चाहिए। इससे शरीर एनर्जी से भरपूर रहता है।
भस्त्रिका- तेजी से सांस लें और छोड़े। इस आसन को करने से मन और दिमाग शांत रहता है।
कपालभाति- पाचनतंत्र को ठीक रखें, स्ट्रेस, एंजाइटी, उपेक्षा के भाव को खत्म करता है।
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भ्रामरी- इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है।
उद्गीथ- प्राणायाम को करने के लिए प्दामसन सखासन में बैठ जाएं और शांत मन से 'ऊं' के उच्चारण करते हैं। इससे माइग्रेन, सिरदर्द के साथ हाई ब्लड प्रेशर की समस्या से भी निजात मिलेगा।
शीतली- सबसे पहले आराम से रीढ़ की हड्डी सीधी करके बैठ जाएं। इसके बाद जीभ को बाहर निकालकर सांस लेते रहें। इसके बाद दाएं नाक से हवा को बार निकालें। इस प्राणायाम को 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं।
शीतकारी- इस प्राणायाम में होंठ खुले, दांत बंद करें। दांत के पीछे जीभ लगाकर, दांतो से धीमे से सांस सांस अंदर लें और मुंह बंद करें। थोड़ी देर रोकने के बाद दाएं नाक से हवा बाहर निकाल लें और बाएं से हवा अंदर लें।
माइग्रेन और सिरदर्द से निजात दिलाने वाले योगासन
शीर्षासन- इस आसन को करने से शरीर में ठीक ढंग से ब्लड सर्कुलेशन होता है। इसके साथ ही दिमाग शांत रहता है।
सर्वांगासन- इससे पूरे शरीर को पोषण मिलने के साथ माइग्रेन से निजात मिलता है। इसे 2-5 मिनट तक कर सकते हैं।
माइग्रेन से निजात पाने के लिए करें औषधियां
- भ्रामरी, शंखपुष्पी माइग्रेन से निजात दिलाने के लिए कारगर
- गाजवान, उस्तखत दूश और सौंफ तीनों 1-1 चम्मच लेकर रात को मिट्टी के बर्तन में भिगो दें। दूसरे दिन मथकर इसे छानकर पी लें। इसके सेन से 7 दिन के अंदर माइग्रेन, सिरदर्द से निजात मिलता है। अगर ये सबी चीजें न मिले तो आप मेधा क्वाथ का सेवन कर सकते हैं।
- बादाम और अखरोट को रात में भिगो दें और सुबह इसकी शिकंजी, शर्बत आदि बनाकर पी लें।
- किसी भी तरह का सिरदर्द हैं तो नाक में 2-2 बूंद बादाम रोगन, अणु तेल, झणबिंदु तेल डालें।
- दूध में 1 चम्मच बादाम रोगन डालकर पिएं। बादाम तेल के नर्वस सिस्टम ठीक होता है।
- देसी घी में बन हुई जलेबी खाएं और गाय का दूध पी लें। इससे आपको तुरंत लाभ मिलेगा।
- अगर आपको सूर्य की रोशनी में एक मिनट खड़े होने से सिरदर्द होने लगता हैं तो कपालभाति, अनुलोम-विलोम करें। इसके साथ-साथ गोदंती 10 ग्राम और मोती पिष्टी 2 ग्राम को शहद या फिर मलाई के साथ लें।
- जलनेति माइग्रेन और सिरदर्द की समस्या से निजात दिलाने का रामबाण इलाज है।
- यूकेलेपटिस की पत्तों का लेप सिर पर लगाएं।
- कपूर पीसकर देसी घी में मिला लें और इसे माथे में रगड़े।
- मिट्टी के बर्तन में 20 ग्राम चकनी मिट्टी रातभर भिगो दें और सुबह इस मिट्टी के पानी को सूंघे। इससे लाभ मिलेगा।
- गेहू के ज्वार का रस पिएं।
माइग्रेन के लिए एक्यूप्रेशर प्वाइंट्स
- कान और आंखों के के बीच में अपनी अंगुली से दबाएं
- अंगूठे के अंदर की तरफ दबाने से लाभ मिलेगा।
- दोनों हाथों की रिंग फिंगर के टॉप पर दबाएं।