एक घंटे तक करेंगे योगाभ्यास तो 100 साल तक नहीं फटकेगी बीमारी आसपास, स्वामी रामदेव से सीखिए योगासन
स्वामी रामदेव ने कहा कि रोजाना कम से कम 10 मिनट का आसन और व्यायाम जरूर करना चाहिए। आधे घंटे तक प्राणायाम भी आवश्यक है।
इस समय पूरी दुनिया कोरोना वायरस से जूझ रही है। ऐसे में लोग इम्युनिटी बढ़ाने के लिए पौष्टिक खाने के साथ-साथ योगा भी कर रहे हैं। इंडिया टीवी के स्पेशल प्रोग्राम में स्वामी रामदेव ने कहा कि रोजाना कम से कम 10 मिनट का आसन और व्यायाम जरूर करना चाहिए। आधे घंटे तक प्राणायाम भी आवश्यक है। इससे शरीर स्वस्थ बनेगा। बीमारियों से निजात मिलेगी। एक घंटे तक योगाभ्यास करेंगे तो 100 साल तक कोई बीमारी आसपास नहीं फटकेगी।
स्वामी रामदेव ने सबसे पहले ताड़ासान के बारे में बताया और इसके फायदे भी बताए। उन्होंने कहा कि इससे दिमाग शांत रहता है। एकाग्रता बनाए रखने में मदद मिलती है। कब्ज की समस्या दूर रहती है। पीठ, कमर और घुटने के दर्द से राहत मिलती है। फेफड़े स्वस्थ रहते हैं।
सूर्य नमस्कार- इससे हाई बीपी और तनाव की समस्या दूर होती है। वजन कम करने में सहायक होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। शरीर को डिटॉक्स करता है।
मंडूकासन- पाचन तंत्र सही करने में सहायक है। वजन घटाने में मदद करता है। लीवर और किडनी को स्वस्थ रखता है। इम्युनिटी सिस्टम को बढ़ाता है। पेट की चर्बी को बढ़ाता है। कब्ज और गैस की समस्या को दूर करता है।
शशकासन- इससे क्रोध और चिड़चिड़ापन दूर होता है। याददाश्त बढ़ती है। मोटापा कम करने में मददगार है। पाचन से जुड़ी दिक्कतें दूर होती हैं। लीवर और किडनी के रोग दूर होते हैं। दिल के मरीजों के लिए लाभकारी है। स्किन में निखार आता है। फेफड़े स्वस्थ रहते हैं। तनाव और चिंता से मुक्ति मिलती है। पेट की चर्बी को दूर करता है।
गोमुखासन- सांस लेने का सिस्टम ठीक होता है। रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है। पीठ और बांहों को मजबूत बनाता है। रीढ़ की हड्डी भी मजबूत होती है। शरीर को लचकदार बनाता है। सीने को चौड़ा करने में सहायक है।
भुजंगासन- शरीर के पॉश्चर को सुधारता है। रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है। तनाव और चिंता को दूर करता है। किडनी को स्वस्थ बनाता है। शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है। पाचन तंत्र दुरस्त होता है। वजन कम करने में मदद मिलती है। फेफड़े स्वस्थ रहते हैं।
मर्कटासन- जोड़ों के दर्द को जड़ से दूर करता है। कमर दर्द में फायदेमंद है। फेफड़ों के लिए अच्छा योगासन है। रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है। पीठ का दर्द दूर हो जाता है।
उत्तानपादासन- अस्थमा की बीमारी में फायदेमंद है। जिगर और गुर्दों को स्वस्थ रखता है। शरीर स्वस्थ बनता है।
शीर्षासन- मानसिक शांति मिलती है। दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन बढ़ता है। तनाव और चिंता दूर होती है। आत्मविश्वास को बढ़ाता है। चेहरे में चमक आती है और सुंदरता बढ़ती है।
इसके अलावा अनुलोम विलोम, कपालभाति, उज्जायी, अग्निसार, भस्त्रिका, उद्गीथ, शीतली और भ्रामरी रोजाना जरूर करें।