इस मिठाई के सेवन से तुरंत गायब हो जाएगा माइग्रेन और बड़े से बड़ा सिरदर्द, ट्राई करके देखिए
माइग्रेन और साइनस की समस्या आम हो गई है। ऐसे में इस मिठाई को खाने से आपको जल्द आराम मिल सकता है।
माइग्रेन और साइनस की समस्या आम हो गई है। हर दूसरा व्यक्ति इन बीमारियों की चपेट में हैं। माइग्रेन में जहां एक ओर सिर दर्द होता है तो वही साइनस में कफ की समस्या रहती है। इन बीमारियों के ज्यादा प्रभावित होते ही लोग दवाइयों में काफी पैसा लगा देते हैं। कई बार तो दवाई खाने के बाद भी तुरंत आराम नहीं मिलता। ऐसे में ये जलेबी आपको इस दर्द में तुरंत आराम दिला देगी।
साइनस और माइग्रेन में जलेबी फायदेमंद
साइनस और माइग्रेन दोनों में जलेबी खाने से भी आपको फायदा होगा। इस जलेबी को बनाने का कोई खास तरीका नहीं है। ये वही जलेबी है जो साधारण तौर पर बाजार या फिर घर में बनाई जाती है।
माइग्रेन और साइनस के लिए बहुत लाभकारी
- सुबह सुबह दूध के साथ गर्मागर्म जलेबी का सेवन करने से माइग्रेन का दर्द छूमंतर हो जाता है। इतना ही नहीं इससे मूड भी अच्छा हो जाता है।
- जो लोग तनाव में रहते हैं और ज्यादा काम के चलते उनके स्वभाव में चिड़चिड़ापन आ जाता है उन्हें भी दूध के साथ जलेबी का सेवन करने चाहिए। इससे मूड स्विंग से राहत मिलती है और तनाव कम होता है।
- दुबलेपन के शिकार लोगों को भी नियमित रूप से दूध जलेबी का सेवन करना चाहिए। ध्यान रखें कि जलेबी देसी घी में तली हों। इससे दुबलेपन की समस्या खत्म होगी और आप हष्ट पुष्ट होंगे।
- अगर आपके पैर ज्यादा फटते हैं तो उसमें भी जलेबी खाना फायदेमंद ही होता है।
क्या है माइग्रेन
यह रोग एक प्रकार का मस्तिष्क विकार है, जिसमें सिरदर्द होता है। इसमें सिर में एकतरफा दर्द होता है। कुछ लोगों का तो पूरा सिर भी दर्द होता है। यह दर्द कुछ दिन से लेकर कई दिनों तक रह सकता है। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 15 करोड़ लोग माइग्रेन से परेशान हैं। इस समस्या से निजात पाने के लिए पीड़ित कई तरह की दर्दनाशक दवाओं का सेवन करते हैं। माइग्रेन गलत खानपान, दिनचर्या, पढ़ाई का तनाव, आनुवांशिक या फिर अधिक सोने से भी हो सकता हैं। इस रोग में कई बार उल्टी, जी मिचलाना आदि की शिकायत हो जाती है।
क्या है साइनस
साइनस या साइनसाइटिस सर्दी-जुकाम का ही एक रुप होता है। यह बैक्टीरियल, वायरल और फंगल संक्रमण का रुप ले लेता है। साइनस हवा से भरी छोटी-छोटी खोखली गुहा रुपी संरचनाएं होती है। जो कि नाक के आसपास, गाल आंखों के बीच, माथे की हड्डी के पीछे होता है। जब एलर्जी की समस्या बढ़ जाती है तो यह साइनस का रूप ले लेती है।