कब्ज और बदहजमी की समस्या आम हो गई है। अगर इन दोनों समस्याओं से आप छुटकारा पाना चाहते हैं तो छाछ का एक गिलास आपकी इन दोनों समस्यों को चुटकियों में खत्म कर सकता है। कुछ लोगों को रात के समय दूध पीकर सोने की आदत होती है लेकिन अगर आप दूध की जगह इस खास छाछ को पीकर सोएंगे तो कब्ज और बदहजमी दोनों समस्यायों से एक साथ निजात मिल जाएगा। इस छाछ को त्रिफला छाछ कहते हैं। जानिए छाछ में आपको किन और दो चीजों को मिलाना होगा। जानिए त्रिफला छाछ बनाने का फायदे और बनाने का तरीका।
त्रिफला छाछ बनाने के लिए चीजें
त्रिफला चूर्ण - पानी में एक घंटे तक भीगा हुआ
छाछ
पिसा हुआ पुदीना
चीनी
काला नमक
बनाने की विधि- सबसे पहले भीगे हुए त्रिफला चूर्ण को लें। इसमें अब एक गिलास छाछ मिलाएं। इसमें अब पिसा हुआ पुदीना, स्वादानुसार काला नमक और चीनी मिलाएं। खाना खाने के बाद और सोने से पहले इसे रोजाना एक गिलास पीएं। सुबह उठते ही आपका पेट साफ हो जाएगा और आप अच्छा महसूस करेंगे।
त्रिफला छाछ के फायदे
पेट को ठंडक देता है
छाछ की तासीर ठंडी होती है। जब इसमें त्रिफला के अलावा काला नमक और पुदीना भी मिल जाए तो ये पाचन तंत्र के लिए लाभकारी होता है। इसके साथ ही मसालेदार खाने से होने वाली जलन से आराम दिलाता है।
फैट को कम करता है
त्रिफला में ऐसे गुण पाए जाते हैं जो आपके पाचन तंत्र को फिट रखने के साथ वजन कम करने में मदद करता है। साथ ही शरीर से विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालकर पेट, छोटी आंत और बड़ी आंत को स्वस्थ रखता है।
कोलेस्ट्रॉल के स्तर में कमी लाता है
त्रिफला पाचन तंत्र की सूजन को कम करता है और कब्ज की समस्या के निजात दिलाता है। इसके साथ ही कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी काफी कम करता है। इसके अलावा शरीर के फैट को कंट्रोल करता है।
कब्ज में आराम
कब्ज में त्रिफला छाछ आराम दिलाता है। साथ ही छाछ में कई तत्व होते हैं जिसकी वजह से पेट साफ होने के बाद आपको कमजोरी भी नहीं आती है।
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