कोरोना वायरस के दौरान तेजी से बढ़ रहे है ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के मामले, जानिए कारण और लक्षण
रिसर्च के अनुसार दुनियाभर में कोरोना वायरस महामारी के दौरान ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
कोरोना वायरस के कारण शारीरिक और मानसिक रूप से कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन अब लोगों में तनाव बढ़ने के कारण दिल टूटने वाली यानी ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम की समस्या सामने आई है। क्लीवलैंड क्लीनिक के द्वारा की गई एक नई रिसर्च में इस बीमारी के बारे में बताते हुए कहा कि कोरोना वायरस के दौरान दुनियाभर में ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं।
क्या है रिसर्च?
क्लीवलैंड क्लीनिक द्वारा किए गए इस अध्ययन में 1 मार्च से 30 अप्रैल के बीच करीब 258 मरीजों का चेकअप किया गया जिन्हें हार्ट से संबंधी समस्याएं थी। इस समस्या को एक्यूट कोरोनरी सिंड्रोम (ACS) कहा जाता है। क्लीवलैंड के डॉक्टरों के अनुसार कोरोना से पहले जहां ऐसे मरीजों के आने की दर 1.7% थी, वहीं इस महामारी के बाद इनकी संख्या 7.8% हो गई है। इसके साथ ही इन मरीजों को ठीक होने में भी ज्यादा समय लग रहा है। इस पूरी रिसर्च को जामा नेटरर्क ओपन में प्रकाशित किया गया।
क्लीवलैंड क्लीनिक के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अंकुर कालरा इस बारे में कहते हैं कि कोरोना वायरस ने कई तरह से लोगों को प्रभावित किया है इसके साथ ही दुनियाभर के लोगों में तनाव की समस्या ज्यादा देखी जा रही हैं। इस समय लोग न सिर्फ अपनी सेफ्टी के लिए परेशान नहीं हैं, बल्कि अपने परिवार को भी इस बीमारी के शिकार होते हुए देख रहे हैं। जिसके कारण लोग आर्थिक और मनोवैज्ञानिक दोनों तरह से टूट रहे हैं। लोग ज्यादा से ज्यादा समय घरों में बंद रह रहे हैं जिसके काण उनके बीच अकेलापन बढ़ता जा रहा है। जिसके कारण तनाव की समस्या हो रही है। तनाव का सिर्फ मस्तिष्क नहीं, बल्कि शरीर और हार्ट पर भी बुरा असर डालता है। स्ट्रेस कार्डियोमायोपैथी से गुजरने वाले लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही हैं।"
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क्या है ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम?
ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम को कार्डियोमायोपैथी या टेकोत्सुबो कार्डियोमायोपैथी भी कहा जाता है। इसमें दिल में अधिक तनाव होता है। जिसमें दिल की मांसपेशियां कुछ देर के लिए शिथिल हो जाती हैं। विशेषज्ञों के अनुसार पुरुषों से ज्यादा महिलाएं इस बीमारी की शिकार हो रही हैं। अचानक से कोई बुरी या अच्छी खबर मिलने से दिल में अचानक आघात होता है जिससे दिल का एक हिस्सा अस्थाई रूप से कमजोर हो जाता है और मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं। इसके साथ ही हार्ट के पम्प की क्षमता पर भी बुरा असर पड़ता है।
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ब्रोकन हार्ट सिंड्रोम के लक्षण
- थकान, सुस्ती या फिर नींद सा महसूस होना।
- हार्ट के बाएं हिस्से में असामान्यता महसूस होना।
- चेस्ट में अधिक दर्द होना।
- सांस फूलना।
- दिल का तेजी से या अनियमित रूप से धड़कना।
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