भारत सहित दुनियाभर में कोरोना वायरस ने कोहराम मचा दिया है। भारत में अब तक कोरोना मरीजों का आंकड़ा 4 लाख 40 हजार 215 है जबकि दुनिया भर में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 91 लाख 80 हजार 744 है। हाल ही में कोरोना को लेकर एक स्टडी की गई है। इस स्टडी के मुताबिक कोरोना से ठीक होने वाले हर तीन में से एक मरीज को जिंदगी भर सेहत से संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। इसके साथ ही उसके फेफड़े को लंबे वक्त तक नुकसान पहुंच सकता है।
पतंजलि कोरोनिल क्या है? जनिए इस दवा के बारे में सब कुछ ब्रिटिश टेलिग्राफ अखबार ने इंग्लैंड की स्वास्थ्य एजेंसी नेशनल हेल्थ सर्विस के गाइडलाइंस के हवाले से ये जानकारी प्रकाशित की है। ब्रिटेन के इस स्वास्थ्य एजेंसी ने गाइडलाइंस में कहा है कि कोरोना से ठीक होने वाले 30 फीसदी मरीजों के फेफड़ों को नुकसान पहुंच सकता है।
कोरोना से ठीक होने के बावजूद कुछ मरीजों को लगातार थकान की शिकायत और मानसिक परेशानियां भी हो सकती हैं। वहीं जो मरीज आईसीयू में इलाज के बाद ठीक हुए हैं उनमें से आधे लोगों को लंबे वक्त तक ये दिक्कतें हो सकती हैं।
पतंजलि ने लॉन्च किया 'कोरोनिल', क्लीनिकल ट्रायल में 7 दिन में 100 प्रतिशत मरीज ठीक होने का दावा स्वास्थ्य एक्सपर्ट्स के मुताबिक इस बात के भी सबूत मिले हैं कि कोरोना से शरीर को स्थाई समस्याएं होने का खतरा है। यहां तक कि अलमाइजर की बीमारी के भी शिकार हो सकते हैं। एनएचएस के कोरोना रिकवरी सेंटर के प्रमुख हिलेरी फ्लॉयड ने कहा कि उन्हें इस बात की बहुत चिंता है कि कोरोना के लंबे समय तक पड़ने वाले असर के बारे में कम जानकारी मौजूद है।
हिलेरी ने ये भी कहा कि कोरोना से ग्रसित 40 से 50 उम्र के कई लोग ठीक भी हो चुके हैं लेकिन अब वो दूसरी समस्याओं से जूझ रहे हैं। उनका कहना है कि ये लोग अपने सारे काम खुद करते थे लेकिन कोराना से निजात पाने के बाद भी उठने में असमर्थ हैं।
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