हमारे मुंह और गले में रहने वाले इस बैक्टीरिया के इंफेक्शन से 6 बच्चों की मौत, CDC ने कहा रहें सतर्क
Strep A infections: अमेरिका में इस इंफेक्शन के कारण 6 बच्चों की मौत हुई है जिनमें गंभीर रूप से स्किन इंफेक्शन और बुखार जैसे लक्षण देखे गए हैं। आइए, जानते हैं क्या है ये।
दुनियाभर में कोरोना के बाद, किसी ना किसी इंफेक्शन का प्रकोप जारी है। दरअसल, हाल ही में अमेरिका और ब्रिटेन जैसे देशों से स्ट्रेप ए इंफेक्शन (Strep A infections) की बात सामने आई है जिसके कारण 6 बच्चों की मौत हो गई है। ज्यादातर बच्चे 10 साल से कम उम्र के हैं। बता दें कि स्ट्रेप ए संक्रमण आमतौर पर हल्के होते हैं लेकिन लोग गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं। इसलिए सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (CDC) ने माता-पिता को अपने बच्चों की सेहत को लेकर सतर्क रहने को कहा है। आइए, जानते हैं क्या है ये बीमारी और इसके लक्षण।
क्या है स्ट्रेप ए इंफेक्शन (Strep A infections)?
स्ट्रेप ए एक प्रकार का बैक्टीरिया है जो गले और त्वचा पर पाया जाता है। यह आमतौर पर बुखार और गले में संक्रमण का कारण बनता है। इसके अलावा ये खांसी, छींक और निकट संपर्क के माध्यम से दूसरों तक फैल भी सकता है। इसलिए जिस तरह से बच्चे गंभीर रूप से इससे बीमार पड़ गए, ऐसे में यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) ने माता-पिता को सतर्क रहने को कहा है।
सर्दियों में स्किन से जुड़ी समस्याएं कर देती हैं परेशान, स्वामी रामदेव से जानें योगगुरु की हर्बल क्लास, आएगा कुदरती निखार
स्ट्रेप ए इंफेक्शन के लक्षणों पर रखें नजर
सीडीसी का कहना है कि बच्चों में आपको इंफेक्शन के लक्षणों पर खास नजर रखनी होगी और जैसे ही लक्षण दिखे आपको डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। संक्रमण के लक्षणों में निगलने में दर्द, बुखार, त्वचा पर चकत्ते और टॉन्सिल और ग्रंथियों में सूजन शामिल है। साथ ही सीडीसी का कहना है कि माता-पिता को सलाह दी गई है कि अगर कोई बच्चा बुखार, उल्टी, मांसपेशियों में दर्द या दाने जैसे लक्षणों के साथ बहुत बीमार दिखता है तो तुरंत चिकित्सा सलाह लें।
अब दांतों का पीलापन नहीं करेगा शर्मिंदा, इन घरेलू उपायों की मदद से सफेद दिखने लगेंगे पीले दांत
इन बातों का रखें ध्यान
इन मामलों के सामने आने के बाद सीडीसी का कहना है कि इस इंफेक्शन से बचने के लिए इसके बढ़ते मामलों पर ध्यान देने के साथ साफ-सफाई पर ध्यान देना भी बेहद जरूरी है। साथ ही बच्चों को मास्क पहनाएं और लक्षण दिखते ही अपने डॉक्टर के पास ले जाएं। हालांकि, ये बैक्टीरिया दुर्लभ स्थितियों में ही फैलता है और आम लोगों में यह इतनी आसानी से नहीं फैलेगा। फिर भी सतर्क रहना जरूरी है।