World Spine Day 2022: हर साल 16 अक्टूबर को world spine day या विश्व रीढ़ दिवस मनाया जाता है। रीढ़ की हड्डी से जुड़े रोगों के प्रति जागरूकता फैलाना इसका मुख्य उद्देश्य है। रीढ़ की हड्डी संबंधी विकार विकलांगता के मुख्य कारणों में से एक है। कोरोना काल में वर्क फ्रॉम होम का कल्चर ऐसा बढ़ा कि आज तक ये सिलसिला जारी है। इसकी वजह से स्पाइन को अच्छा खासा नुकसान पहुंच रहा है। 9 घंटे लगातार एक ही सिटिंग पोजीशन में काम करने से पेट में दर्द और गर्दन में दर्द की शिकायत बनी रहती है।
रीढ़ के दर्द के प्रमुख कारण-
1- लंबे समय तक बैठना-
लंबे समय तक बैठने से ग्लूटस मैक्सिमस में ब्लड फ्लो पर बुरा असर पड़ता है ,जो स्पाइन को सपोर्ट करने वाली मुख्य मसल्स है। इसलिए एक ही मुद्रा में लगातार कई घंटे बैठने से बचना चाहिए। हमारी कमर से लेकर सिर तक जाने वाली स्पाइन कॉर्ड पेन को स्पॉन्डिलाइटिस कहा जाता है। अगर आप कंप्यूटर या किसी विशेष जगह पर देर तक काम करते हैं। तो थोड़ी-थोड़ी देर बाद निश्चित स्थान से उठते रहें और टहलें।
2- विटामिन डी की कमी/ कैल्शियम की कमी
जरूरी नहीं है कि, हर बार लंबी सिटिंग और गलत पॉश्चर के कारण ही स्पाइन में दर्द की समस्या होती है बल्कि विटामिन डी और कैल्शियम की कमी के चलते भी यह परेशानी हो सकती है। कैल्शियम युक्त आहार लेने से इसकी कमी को पूरा किया जा सकता है। समय-समय पर धूप भी लेते रहें।
3- खराब पॉश्चर
पीठ के निचले हिस्से में दर्द का सबसे आम कारण झुकना या खराब मुद्रा में बैठना होता है। ज्यादातर लोग लंबे समय तक बैठे रहने के दौरान झुके झुके रहते हैं। लंबे समय तक लगातार बैठे रहने से डिस्क पर असामान्य खींचाव हो सकता है और रीढ़ की हड्डी की मांसपेशियां कमजोर हो सकती हैं जिससे पेट दर्द और कमर दर्द हो सकता है।
4- ट्रामा या चोट
पीठ के निचले हिस्से में चोट लगने, गिर जाने, फिसल जाने जैसी अन्य दुर्घटनाएं रीड की हड्डी को चोट पहुंचा सकती हैं जो की कमर के दर्द का मुख्य कारण बन सकती है।
5- स्पाइनल ट्यूमर
कई स्पाइनल ट्यूमर के कोई लक्षण नहीं होते हैं। लेकिन कुछ ऐसे होते हैं जो अत्यधिक पीठ दर्द और सुनता सहित न्यूरोलॉजिकल कमी का कारण बनते हैं।
6- बढ़ती उम्र
बढ़ती उम्र के साथ-साथ हड्डियों और मांसपेशियों पर भी इसका असर पड़ता है और यह धीरे-धीरे कमजोर होने लगती हैं। कमर दर्द और पीठ दर्द के लिए जिम्मेदार हैं। इसके अलावा ये परेशानी खराब लाइफस्टाइल, व्यायाम न करना, डायबिटीज का अनियंत्रित होना, बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल इत्यादि स्पॉन्डिलाइटिस ये मुख्य वजहें हो सकती हैं।
रीढ़ की हड्डी के दर्द के लक्षण
जब रीढ़ की हड्डी में समस्या होती है तो इसमें सुन्नपन या झुनझुनी जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। जकड़न, गर्दन दर्द, पीठ दर्द, कमर में दर्द, लिखते-पढ़ते समय परेशानी, भोजन करने में दिक्कत और चलने में कठिनाई जैसे गंभीर मामलों में टॉयलेट तक जाना भी मुश्किल काम लगने लगता है।
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