प्लास्टिक ने बढ़ाया डिमेंशिया-पार्किंसन का खतरा, मेंटल हेल्थ को मजबूत बनाने के लिए अपनाएं ये आयुर्वेदिक उपाय
अगर आप भी अपनी मेंटल हेल्थ को डैमेज होने से बचाना चाहते हैं तो आपको प्राणायाम और योग को अपने डेली रूटीन का हिस्सा बना लेना चाहिए। कुछ आयुर्वेदिक उपाय आपकी मेंटल हेल्थ के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
हर हफ्ते लगभग 5 ग्राम प्लास्टिक लोगों के शरीर में जा रहा है। लोग लाख समझाने के बाद भी सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल बंद नहीं कर रहे हैं। स्टडी तो ये कह रही है कि आने वाले वक्त में समंदर में जितनी मछली होगी, उतना ही प्लास्टिक का कचरा भी होगा। इसका नतीजा नेचर के साथ-साथ हमें खुद भी भुगतना पड़ रहा है क्योंकि घूम-फिरकर ये हमारे शरीर में ही जा रहा है। आइए जानते हैं कि ये प्लास्टिक हमारे शरीर में कैसे पहुंच रहा है। दरअसल, माइक्रो प्लास्टिक के कण हवा-पानी में चारों ओर तैर रहे हैं जो सांस लेने पर शरीर के अंदर घुसकर खून में मिल जाते हैं और फिर दिल, लिवर, किडनी, लंग्स तक पहुंच जाते हैं। इसके अलावा प्लास्टिक पैकिंग या फिर प्लास्टिक के बर्तन से खाने-पीने के दौरान भी ये जहरीले कण बॉडी में घुस जाते हैं।
प्लास्टिक एक तरफ हार्ट के ब्लड वेसेल्स को जाम करती है तो दूसरी तरफ किडनी के नेफ्रॉन को नुकसान पहुंचाती है। इस वजह से धीरे-धीरे ऑर्गन फेलियर का खतरा बढ़ जाता है। एक लेटेस्ट स्टडी के मुताबिक ये माइक्रो प्लास्टिक शरीर के सभी अंगों के बाद अब दिमाग में भी पहुंच गया है और ब्रेन में तो बाकी बॉडी पार्ट्स के मुकाबले इसके 20 गुना ज्यादा बारीक कण हैं। साइंस एडवांसेस की रिपोर्ट की मानें तो ये नैनोप्लास्टिक ब्रेन में मौजूद खास प्रोटीन में मिल जाएं तो पार्किंसन हो सकता है। इसके अलावा डिमेंशिया-अल्जाइमर भी दिमाग के लिए खतरा बन रहे हैं। एक स्टडी के मुताबिक 2050 तक देश के हर 5वें शख्स पर इन बीमारियों का खतरा कई गुना बढ़ जाएगा। दिमाग में घुला नैनो प्लास्टिक ब्रेन डिसऑर्डर के मामले और न बढ़ाए या फिर लिवर-किडनी-हार्ट फेलियर की नौबत न आए इसलिए साइंटिस्ट्स हेल्थ इमरजेंसी की बात कर रहे हैं। लेकिन अगर प्लास्टिक से दूरी बनाकर योग को साथी बना लिया जाए तो दिल-दिमाग सबकी हेल्थ परफेक्ट रहेगी।
क्या कहता है आंकड़ा?
दुनिया में पार्किंसन के करीब 85 लाख मरीज
सबसे तेजी से बढ़ती न्यूरो प्रॉब्लम
डिमेंशिया-अल्जाइमर के बढ़े मरीज
65 के बाद अल्जाइमर का खतरा दोगुना
अल्जाइमर-डिमेंशिया की वजह
तनाव
डिप्रेशन
खराब लाइफस्टाइल
चोट लगना या ट्रॉमा
जेनेटिक
प्लास्टिक के साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए कैसे बढ़ाएं इम्यूनिटी?
योग-प्राणायाम जरूर करें
दिन में एक बार गिलोय पिएं
हल्दी वाला दूध जरूर लें
विटामिन-C के लिए खट्टे फल खाएं
बाहर निकलते वक्त मास्क पहनें
किसमें कितना प्लास्टिक?
प्लास्टिक बोतल में 94 कण प्रति लीटर
पानी के नल में 4 कण प्रति ग्राम
हवा में 9 कण प्रति मीटर क्यूब
प्लास्टिक की चीजें रिप्लेस करें
ईयर बड्स को वुड स्टिक के ईयर बड्स से
बलून स्टिक को बांस की स्टिक से
प्लास्टिक चम्मच-कांटे को स्टील-बांस की चम्मच से
प्लास्टिक के चाकू को लकड़ी के चाकू से
प्लास्टिक ट्रे को लकड़ी, स्टील और पकी मिट्टी की ट्रे से
किचन से निकाल दें ये 4 चीजें
लो क्वालिटी नॉनस्टिक बर्तन
एल्युमीनियम बर्तन
प्लास्टिक कंटेनर्स
एल्युमीनियम फॉयल
रसोई में क्या करें इस्तेमाल?
स्टील के बर्तन
लोहे के बर्तन
कॉपर की बोतल
माइक्रोवेव में कांच के बर्तन
फेफड़े कैसे बनेंगे फौलादी?
रोज प्राणायाम करें
दूध में हल्दी-शिलाजीत लें
त्रिकुटा पाउडर लें
गर्म पानी पिएं
तला खाने से बचें
हार्ट को मजबूत बनाने के लिए नेचुरल उपाय
1 चम्मच अर्जुन की छाल
2 ग्राम दालचीनी
5 तुलसी
उबालकर काढ़ा बनाएं
रोज पीने से हार्ट हेल्दी
किडनी बचाए ये घरेलू उपाय
सुबह 1 चम्मच नीम के पत्तों का रस पिएं
शाम को 1 चम्मच पीपल के पत्तों का रस पिएं
किडनी स्टोन के लिए फायदेमंद चीजें
खट्टी छाछ
कुलथ की दाल
मूली
पत्थरचट्टा के पत्ते
जौ का आटा