ब्रेन पर कोरोना वायरस के अटैक से कैसे बचा जाए, स्वामी रामदेव से जानिए असरदार उपाय
कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके लोग इसके साइड इफेक्ट्स से लंबे समय तक परेशान रहते हैं। इसकी वजह से पहले लंग्स में गंभीर समस्याएं हो रही थीं और अब ये वायरस सीधे दिमाग पर भी असर डाल रहा है।
पिछले लगभग 8 महीनों से कोरोना वायरस की वजह से लाखों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन इसके बाद भी राहत की कोई खबर नहीं आ रही है। कोविड-19 का थर्ड वेव और खतरनाक रूप ले रहा है। दिल्ली समेत कई राज्यों में एक बार फिर से हालात खराब हो रहे हैं। एहतियात के तौर पर कई राज्य सरकारों ने फिर से नाइट कर्फ्यू भी लगा दिया है। दूसरी तरफ कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके लोग इसके साइड इफेक्ट्स से लंबे समय तक परेशान रहते हैं। इसकी वजह से पहले लंग्स में गंभीर समस्याएं हो रही थीं और अब ये वायरस सीधे दिमाग पर भी असर डाल रहा है। इसके कारण पार्किंसन, डिमेंशिया, अल्जाइमर और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ रहा है। इस संकट का समाधान स्वामी रामदेव से जानिए...
कोरोना का ब्रेन पर अटैक, योग से ब्रेन स्ट्रोक पर ब्रेक:
- सूर्य नमस्कार
- उष्ट्रासन
- अर्धचंद्रासन
- मकरासन
- भुजंगासन
- शलभासन
- धनुरासन
- मर्कटासन
- अर्ध पवनमुक्तासन
- एकपाद उत्तान आसन
- सेतुबंध आसन
- कटि उत्तान आसन
- उत्तान मंडूकासन
- गोमुखासन
- वक्रासन
- ताड़ासन
सूर्य नमस्कार के लाभ: फेफड़ों तक ज्यादा ऑक्सीजन पहुंचती है। शरीर को ऊर्जा मिलती है। पाचन तंत्र बेहतर होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। डिप्रेशन दूर करता है। एनर्जी लेवल बढ़ाने में सहायक है। शरीर को डिटॉक्स करता है।
ताड़ासन के फायदे: बॉडी को एक्टिव करता है। शरीर को लचीला बनाता है। थकान, तनाव, चिंता दूर करता है। कई तरह के दर्द से राहत मिलती है। पीठ और बांहों को मजबूत बनाता है।
तिर्यक ताड़ासन के लाभ: रोज करने से शरीर लचीला बनता है। कमर की चर्बी पूरी तरह से खत्म हो जाती है। कद बढ़ाने में भी मदद मिलती है। वजन घटाने में मदद मिलती है।
वृक्षासन के फायदे: पैरों की मांसपेशियां मजबूत होती है। रीढ़ की हड्डी मजबूत बनती है। आंख और नाक स्वस्थ रहते हैं। शरीर को लचीला बनाने में कारगर है। फ्लैट फीट की समस्या से राहत मिलती है।
उष्ट्रासन के फायदे: शरीर का पोश्चर सुधरता है। कंधों और पीठ को मजबूत करता है। पीठ दर्द में बेहद लाभकारी है। फेफड़ों को स्वस्थ बनाने में बेहद मददगार है। किडनी को स्वस्थ बनाता है। मोटापा दूर करने में सहायक है। पाचन प्रणाली ठीक होती है।
मंडूकासन के फायदे: पेट और हार्ट के लिए लाभकारी है। डायबिटीज को दूर भगाता है। पाचन तंत्र सही करने में सहायक है। लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है। पैनक्रियाज से इंसुलिन रिलीज करता है। गैस और कब्ज की समस्या दूर होती है।
पवन मुक्तासन के फायदे : फेफड़े स्वस्थ और मजबूत होते हैं। ब्लड प्रेशर को सामान्य रखता है। किडनी को स्वस्थ रखता है। मोटापा कम करने में सहायक है।
शलभासन के फायदे : आपके फेफड़े सक्रिय होते हैं।
उत्तानपादासन के फायदे: फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है। पीठ और बांहों को मजबूत बनाता है। रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। शरीर को लचकदार बनाता है। लिवर और किडनी की समस्या में लाभकारी है।
तिर्यक ताड़ासन के फायदे: रोज करने से शरीर काफी लचीला होता है। कमर की चर्बी पूरी तरह से खत्म हो जाती है।
धनुरासन के लाभ: पीठ की मसाज करता है।
सेतुबंधासन के फायदे: डायबिटीज को दूर भगाता है। रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता है। तनाव और डिप्रेशन कम करता है। दिल के रोगियों में फायदेमंद है। नींद ना आने की बीमारी दूर होती है।
मकरासन के फायदे: पीठ दर्द और कमर दर्द से राहत मिलती है। फेफड़ों से जुड़ी परेशानी में लाभदायक है। कूल्हों की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है। दिल के रोगों में आराम मिलता है।
भुजंगासन के फायदे: फेफड़ों, कंधों और सीने को स्ट्रेच करता है। इस आसन से सीना चौड़ा होता है। रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। शरीर को सुंदर और स्लिम बनाता है। मोटापा कम करने में मदद करता है। तनाव, चिंता और डिप्रेशन दूर करता है। किडनी को स्वस्थ बनाता है।
शलभासन के फायदे: फेफड़े सक्रिय होते हैं। नर्वस सिस्टम मजबूत होता है। खून को साफ करता है। शरीर को मजबूत और लचीला बनाता है।
मर्कटासन के फायदे: रीढ़ की हड्डी लचीली बनती है। पीठ का दर्द दूर हो जाता है। फेफड़ों के लिए अच्छा योगासन है। एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है। गैस और कब्ज से राहत मिलती है। कमर दर्द में फायदेमंद है। गुर्दे अग्नाशय, लिवर सक्रिय होते हैं।
प्राणायाम से कोरोना क्योर:
- नाड़ी शुद्धि
- चंद्रभेदी
- सूर्यभेदी
- भस्त्रिका
- अनुलोम विलोम
- कपालभाति
- उज्जायी
- भ्रामरी
भस्त्रिका: तनाव और चिंता दूर होती है। वजन घटाने के लिए बहुत कारगर है। दिल को स्वस्थ रखने में सहायक है। अस्थमा के रोग को दूर करता है। सांस की समस्या से मुक्ति मिलती है। शुगर को कंट्रोल करने में मददगार है। लिवर और किडनी की मसाज होती है। प्रोस्टेट रोग में लाभ होता है। नाक और सीने की समस्या दूर होती है।
कोरोना में कारगर औषधि:
- खाली पेट श्वसारि वटी, श्वसारि गोल्ड लें।
- श्वसारि एक से दो गोली सुबह शाम लें।
- रोजाना सुबह में अणु तेल नाक में डालें।
- सोने से पहले रात में बादाम तेल डालें।
साइड इफेक्ट्स पर मार:
- अनार
- सेब
- मौसमी
- अनानास
- आंवला
- एक महीने तक मुनक्का और अंजीर खाएं।
- रोज दूध में हल्दी, शिलाजीत और च्वयनप्राश खाएं।
- ब्रेन के लिए मेघावटी और बादाम रोगन लें।
- हार्ट के लिए हद्धामृत का रोज सेवन करें।
- टाइफाइड में खूबकला, अंजीर लें।
- निमोनिया में खाली पेट श्वसारि लें।
- लंग्स के लिए द्राक्ष का उपवास करें।
- दूध, दही, छाछ और सोया प्रोडक्ट्स लें।
त्रिफला कारगर उपाय:
- त्रिफला में एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते हैं।
- त्रिफला में एंटी ऑक्सीडेंट के तत्व हैं।
- रोज सुबह त्रिफला जूस का सेवन करें।
- त्रिफला सेवन से इम्यून सिस्टम मजबूत होता है।
- आंवला, बहेड़ा, हरड़ से त्रिफला बनता है।
ब्रेन के लिए कारगर है:
- ब्राह्मी, शंखपुष्पी 2-2 ग्राम दूध संग लें।
- मेधावटी, अश्वगंधा, गिलोय 1-1 गोली लें।
- मालकांगनी तेल 5 बूंद, बादाम रोगन 5 एमएल रोजाना दूध में डालकर पीने से लाभ होगा।
डिमेंशिया-अल्जाइमर में कारगर:
- मोती-पिष्टी 4 ग्राम, रजत भष्म 2 ग्राम
- योगेंद्र रस 1 ग्राम, प्रवाल पंचामृत 20 ग्राम
- सुबह-शाम 1-1 ग्राम लेने से फायदा
पार्किंसंस के लिए:
- एकांगवीर रस 5 ग्राम, रसराज रस 1 ग्राम
- मोती पिष्ट 4 ग्राम, गिलोय सत 20 ग्राम
- सुबह-शाम 1-1 ग्राम खाली पेट लें।
इम्युनिटी के लिए:
- गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा.. खाने के बाद 1-1 गोली लें।