राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन क्या है? क्यों मोदी सरकार दे रही है इस बीमारी की स्क्रीनिंग पर खास ध्यान
देश के 17 राज्यों में रहने वाले लगभग 7 करोड़ से अधिक आदिवासी, सिकल सेल एनीमिया से पीड़ित हैं। ऐसे में National Sickle Cell Anaemia Elimination Mission इस बीमारी के खिलाफ मोदी सरकार की एक बड़ी योजना है।
प्रधानमंत्री मोदी राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन (National Sickle Cell Anaemia Elimination Mission) की शुरुआत करने जा रहे हैं। ये एक ऐसी बीमारी है जिसने देश के 17 राज्यों में रहने वाले लगभग 7 करोड़ से अधिक आदिवासी आबादी को अपना शिकार बना रखा है। मुख्य रूप से इन राज्यों में ओडिशा, छत्तीसगढ़, झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, तमिलनाडु और केरल है। यहां के अलग-अलग जिलों में हजारों लोग आपको इस खतरनाक बीमारी के पीड़ित मिल जाएंगे। ऐसे ही तमाम लोगों के लिए और आगे चलकर एक बड़ी आबादी को इस बीमारी से बचाने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राष्ट्रीय स्तर पर सिकल सेल एनीमिया मिशन 2047 का शुभारंभ करेंगे। इसकी शुरुआत एमपी के शहडोल से होगी और केन्द्र सरकार, स्वास्थ्य मंत्रालय, जनजातीय कार्य मंत्रालय, आयुष मंत्रालय और राज्यों के प्रतिनिधि वर्चुअली जुड़ेंगे।
राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन क्या है-What is sickle cell anemia mission?
आपको याद हो तो केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट 2023 में सिकल सेल एनीमिया बीमारी को लेकर ये ऐलान किया था। इस दौरान उन्होंने बताया था कि हमारी सरकार का लक्ष्य है कि साल 2047 तक इस रोग को भारत से जड़ से खत्म कर दिया जाए। इसी कड़ी में आज पीएम मोदी (PM Modi) सिकल सेल कार्ड (sickle cell card) वितरण करेंगे और इस बीमारी की स्क्रीनिंग के लिए लोगों को जागरूक करेंगे।
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सिकल सेल एनीमिया क्या है-What is sickle cell anemia disease
सिकल सेल एनीमिया एक जेनेटिक बीमारी है यानी कि माता-पिता से बच्चों में आसानी से हो सकती है। ये प्रकार का ब्लड डिसऑर्डर है जिसमें कि रेड ब्लड सेल्स का आकार बदल जात है। ये नॉर्मली गोल दिखते हैं लेकिन इस बीमारी में ये C शेप के हो जाते हैं। इससे रेड ब्लड सेल्स सही से अपना काम नहीं कर पातीं और पूरे शरीर में खून की कमी होने लगती है। जिस वजह से एनीमिया की बीमारी हो जाती है।
सिकल सेल स्क्रीनिंग क्यों है जरूरी-Sickle cell anaemia screening?
सिकल सेल एनीमिया की स्क्रीनिंग कई कारणों से जरूरी है। सबसे पहले तो ये जेनेटिक बीमारी है और इसलिए जिन परिवारों में ये बीमारी पहले से है, उनमें आगे चलकर ये बीमारी नई पीढ़ी को अपना शिकार बना सकती है। ऐसे में शुरुआत में ही इसकी पहचान जरूर करवाएं।
-जैसे कि स्क्रीनिंग में सिकल सेल और थैलेसीमिया की जांच करवाएं। इसके लिए ब्लड टेस्ट होता है।
-प्रेग्नेंसी के 10 सप्ताह के भीतर ही ये टेस्ट जरूर करवाएं ताकि बच्चे को इस बीमारी से बचाया जा सके।
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इसके अलावा स्क्रीनिंग के बाद पीड़ितों का अच्छी सुविधा के साथ इलाज हो सके, इसमें ये कार्ड लोगों की मदद करेगी। इसके अलावा इस कार्ड के जरिए पीड़ितों पर खास ध्यान दिया जाएगा। उन्हें सरकार दवा और इलाज के साथ एनीमिया से बचने के लिए सही आहार मुहैया करवाएगी। इन अनाजों में आयरन युक्त फोर्टिफाइड अनाज होंगे।