सत्यानाशी का पौधा आपकोस गांव में या फिर जंगली व पहाड़ी इलाकों में मिल जाएगा। इस पौधे को मेडिसनल भाषा में आर्जीमोन मेक्सिकाना (Argemone Mexicana or A. mexicana) कहते हैं। आयुर्वेद में इसे रोगाणुरोधी, मधुमेहरोधी, एंटीऑक्सीडेंट और हेपेटोप्रोटेक्टिव गुणों के लिए जाना जाता है जो कि कई बीमारियों के इलाज में इस्तेमाल होता है। इसकी पत्तियों का काढ़ा मलेरिया बुखार, अल्सर और त्वचा संबंधी समस्याओं को ठीक करने के लिए उपयोग किया जाता है। माना जाता है कि ये पुराने त्वचा रोगों का इलाज करता है। तो, आइए जानते हैं स्किन के लिए सत्यानाशी के पौधे के फायदे (satyanashi ke fayde for skin diseases)
स्किन से जुड़े रोगों में सत्यानाशी के फायदे
1. फोड़े-फूंसी में
फोड़े-फूंसी में सत्यानाशी का इस्तेमाल कारगर माना गया है। इसे आयुर्वेद में Kushtaghna कहा जाता है यानी वो कि जो स्किन डिजीज को कम करने में मदद करता है। ये असल में खून की सफाई करता है और टॉक्सिन्स को कम करता है जिससे फोड़े-फूंसी में कमी आती है। इस स्थिति में व्यक्ति को पानी में इसकी जड़ों को उबालकर पी लेना चाहिए या रात को पानी में भिगो दें और अगली सुबह पानी में उबालकर पी लें।
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2. दाद में
सत्यानाशी का पौधा एंटीफंगल गुणों से भरपूर है जो कि दाद की समस्या को कम करने में मदद कर सकता है। तो आपको करना ये है कि सत्यानाशी का ताजा पौधा लें। इसे साफ करके पीस लें और इसका रस निकाल लें। इस रस को सरसों के तेल में तब तक पकाएं जब तक कि सारा पानी सूख न जाए और केवल तेल ही बचे। इस तेल को प्रभावित जगह पर बाहरी तौर पर लगाएं।
3. खुजली कम करता है
आयुर्वेद में सत्यानाशी के पौधे को Kandughna कहा जाता है यानी वो जो खुजली और जलन को शांत करे। तो, अगर आपको एवर्जी की वजह से या फिर किसी कारण भी स्किन में खुजली हो रही हो तो इस पौधे का तेल लगा लें या फिर इसके पानी को लगा लें। ये बेहद कारगर तरीके से काम करता है।
Source: PubMed Central Research-Antifungal Potential of Argemone mexicana L.
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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