दुनियाभर को कोरोना वायरस की वैक्सीन का इंताजर था। जिसको लेकर भारत सहित कई देश लगातार कोशिश कर रहे हैं। लेकिन दौड़ में रूस सबसे आगे निकल गया। जी हां दुनिया की पहली कोरोना वैक्सीन को अप्रूव मिल गया है। इस बारे में जानकारी खुद रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने दी है।
राष्ट्रपति पुतिन ने इस वैक्सीन के बारे में ऐलान करते हुए कहा, ''रूस में बनी पहली कोविड-19 वैक्सीन को हेल्थ मिनिस्ट्री से अप्रूवल मिल गया है। इसके साथ ही उनकी बेटियों को यह टीका लगाया जा चुका है।''
रूस के राष्ट्रपति ने आगे कहा, "इस सुबह दुनिया में पहली बार, नए कोरोना वायरस के खिलाफ वैक्सीन रजिस्टर्ड हुई।'' पुतिन ने इस खुशखबरी के साथ उन लोगों को शुक्रिया भी कहा जिन्होंने इन वैक्सीन पर काम किया है।
आपको बता दें कि रूसी वैक्सीन का ट्रायल फिलहाल दो केंद्रों पर चल रहा है पहला बर्डेनको मेन मिलिट्री क्लीनिकल हॉस्पिटल और दूसरा सेचेनोव फर्स्ट मॉस्को मेडिकल मेडिकल यूनिवर्सिटी।
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रूस के अप स्वास्थ्य मंत्री ओलेग ग्रिडनेव के अनुसार, इस समय वैक्सीन का अंतिम ट्रायल चल रहा है और बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है। हमें यह समझना होगा कि वैक्सीन खुद भी सुरक्षित होनी चाहिए। इस वैक्सीन को चिकित्सा पेशेवरों द्वारा लॉन्च किया जाएगा और वरिष्ठ नागरिक टीकाकरण कराने वाले पहले व्यक्ति होंगे।'
वहीं रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुराश्को ने कहा, 'यह वैक्सीन ट्रायल में सफल रही है और अक्तूबर महीने से देश में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान शुरू किया जाएगा। इसके साथ ही अपने देश के नागरिकों के लिए तके ऊपर बोझ न पड़े इसके लिए इस टीकाकरण अभियान में आने वाला पूरा खर्च सरकार ही उठाएगी। '
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रूसी वैक्सीन के बारे में वपिश्व स्वास्थ्य संगठन ने कहा कि वैक्सीन बनाने वाली हर कंपनी को किसी भी कोविड-19 वैक्सीन को लॉन्च करने से पहले ट्रायल के सभी स्टेज से गुजरना होगा। इस बारे में डब्ल्यूएचओ के प्रवक्ता क्रिश्चियन लिंडमियर का कहना है कि इस उद्देश्य के लिए किसी भी वैक्सीन को लॉन्च करने से पहले लाइसेंस की जरूरत होगी और उसके लिए सभी वैक्सीन को विभिन्न परीक्षणों और चरणों से गुजरना होगा।
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