What Is Rheumatoid Arthritis: अक्सर उम्र बढ़ने पर लोगों को जोड़ों में दर्द की समस्या पैदा हो जाती है, लेकिन आजकल युवाओं को भी अर्थराइटिस जैसी बीमारी होने लगी है। लंबे समय तक हाथ-पैरों में सूजन रहने पर शरीर में रूमेटाइड अर्थराइटिस जैसी ऑटो इम्यून बीमारी पैदा हो जाती है। हमारा इम्यून सिस्टम शरीर को बीमारियों से बचाता है, लेकिन ऑटो इम्यून बीमारियों में हमारा इम्यून सिस्टम ही स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाने लगता है। दुनियाभर में सबसे ज्यादा महिलाएं गठिया से पीड़ित हैं। अगर आपके हाथ, कलाई, पैर, टखने, घुटने, कंधे और कोहनी के जोड़ों में सूजन आए तो इसके लिए तुरंत ट्रीटमेंट लें। रूमेटाइड अर्थराइटिस आंख, फेफड़े और त्वचा को भी प्रभावित करता है। जानिए इसके लक्षण।
रूमेटाइड अर्थराइटिस के लक्षण
- रुमेटाइड अर्थराइटिस लक्षण में सबसे पहला लक्षण है जोड़ों में दर्द और सूजन रहना।
- रुमेटाइड अर्थराइटिस में सबसे ज्यादा हाथ, कलाई और पैरों के जोड़ों में सूजन और दर्द रहता है।
- कई बार जोड़ों में सूजन के साथ रेडनेस भी आने लगती है ये पैटर्न में होती है जैसे दोनों हाथों या दोनों पैरों में एक साथ।
- धीरे-धीरे ये सूजन घुटनों, कोहनी और कंधों और शरीर के दूसरे जॉइंट्स में पहुंच जाती है।
- समस्या बढ़ने पर लिखना, हाथ से कोई चीज पकड़ना, चलना और सीढ़ियाँ चढ़ना भी मुश्किल हो जाता है।
- पीड़ित व्यक्ति को अक्सर थकान, नींद न आना, भूख न लगना और बुखार की समस्या भी होने लगती है।
रूमेटाइड अर्थराइटिस से बचने के उपाय
इस बीमारी का इलाज कई तरह से किया जाता है, लेकिन खान-पान में कुछ चीजों को शामिल करने और कुछ आदतों को अपनाने से रूमेटाइड अर्थराइटिस से काफी हद तक बचा जा सकता है। इसके लिए जरूर है अपने शरीर को वॉर्म रखना। इसके अलावा डाइट में फैटी एसिड से भरपूर चीजों को शामिल करें। विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं, जिससे सूजन की समस्या को कम किया जा सके। हड्डियों को स्वस्थ और मजबूत बनाने के लिए देसी घी और दूध जरूर पिएं। इस तरह आप हड्डियों और जोड़ों को मजबूत बना सकते हैं। इसके अलावा रोजाना हल्की-फुल्की एक्सरसाइज करने से भी इस बीमारी को काफी हद तक दूर किया जा सकता है।
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