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Hindi News हेल्थ रतन टाटा को थी ये गंभीर बीमारी, धीरे-धीरे सारे अंग काम करना कर देते हैं बंद, जान लें लक्षण और बचाव

रतन टाटा को थी ये गंभीर बीमारी, धीरे-धीरे सारे अंग काम करना कर देते हैं बंद, जान लें लक्षण और बचाव

Ratan Tata Ko Bimari: देश के मशहूर उद्योगपति रतन टाटा (Ratan Tata) का निधन हो गया। रतन टाटा पिछले कुछ समय से काफी बीमार चल रहे थे। मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। जानिए रतन टाटा को क्या बीमारी थी और उसके लक्षण क्या हैं?

Ratan Tata Suffering Disease- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM Ratan Tata Suffering Disease

टाटा समूह के चेयरमैन रतन टाटा की मौत से पूरे देश में गम का माहौल है। रतन टाटा सिर्फ एक बिजनेसमैन ही नहीं थे बल्कि एक शानदार शख्सियत थे। देश के हर घर में टाटा का नमक, दाल या कार कुछ न कुछ तो आपको मिल ही जाएगा। रतन टाटा के बारे में कहा जाता है कि उन्होंने हमेशा भारत के लोगों की जरूरतों के हिसाब से व्यापार किया। रतन टाटा की तबियत पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं थी। मुंबई के जाने माने ब्रीच कैंडी अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। रतन टाटा को लो बीपी की बीमारी थी। जिसकी वजह से उनकी तबियत बिगड़ने लगी थी। हार्ट रोग विशेषज्ञ डॉ. शारुख अस्पी गोलवाला की निगरानी में उनका इलाज चल रहा था।

डॉक्टर्स की लाख कोशिशों के बाद भी रतन टाटा की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। उम्र के साथ उभरने वाली समस्याओं ने स्थिति को और मुश्किल बना दिया। मिली जानकारी के मुताबिक रतन टाटा लो ब्लड प्रेशर की वजह से होने वाली हाइपोटेंशन बीमारी से पीड़ित थे। जिसकी वजह से उनके शरीर के कई अंगों ने धीरे-धीरे काम करना बंद कर दिया था। उन्हें डिहाइड्रेशन की समस्या भी होने लगी थी। बुजुर्गों के लिए ये गंभीर समस्या बन जाती है।

लो बीपी कितना खतरनाक है?

अगर आपका ब्लड प्रेशर 90/60 से कम होता है तो डॉक्टर इसे लो बीपी मानते हैं। उम्र बढ़ने के साथ लो बीपी और हाई बीपी दोनों में जोखिम बढ़ जाता है। लो बीपी होने पर वृद्ध लोगों में हार्ट, दिमाग और दूसरे अंगों में रक्त के प्रवाह कम होने लगता है। अचानक से बीपी लो होने पर दिमाग में खून और ऑक्सीजन की सप्लाई कम होने लगती है। ऐसे में चक्कर आना, सिर चकराना और कभी-कभी बेहोशी जैसी समस्या हो सकती है।

लो ब्लड प्रेशर का इलाज क्या है?

जिन लोगों को लो बीपी की समस्या रहती है उन्हें बिना देरी किए डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इसके अलावा खान-पान और लाइफस्टाइल में भी कुछ जरूरी बदलाव करने चाहिए।

  • ज्यादा नमक वाली चीजें खाएं

  • खूब सारा लिक्विड पीएं 

  • शराब और सिरगेट से दूर रहें

  • वायरल बीमारियों में ज्यादा तरल पदार्थ लें

  • नियमित रूप से व्यायाम करें

  • बैठने और लेटने के बाद उठें तो सावधान रहें

  • सीधे खड़े होने से पहले पैरों और टखनों थोड़ा स्ट्रेच करें

  • बिस्तर से तुरंत खने होने से पहले सहारा लें

  • सोते वक्त अपने सिरहाने को ऊंचा रखें

  • भारी सामान उठाने से बचें

  • शौचालय में जोर लगाने से बचें

  • लंबे समय तक बिना हिले डुले खड़े होने से बचें

  • ज्यादा देर तक गर्म पानी के संपर्क में न रहें

  • कम मात्रा में और जल्दी-जल्दी खाना खाएं

  • कार्बोहाइड्रेट का सेवन कम करें

  • खाने के बाद आराम जरूर करें

 

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