कोरोना वायरस के मामले भारत नें तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। इसके चलते भारत पर ये आरोप लगने लगे थे कि यहां टेस्ट कम कराए जा रहे हैं इसलिए कोरोना संक्रमितों की सही संख्या सामने नहीं आ पा रही है। जिसके बाद सरकार ने रैपिड टेस्ट कराने का फैसला लिया है। इससे अब कोरोना की बड़े स्तर पर टेस्टिंग की जा सकेगी और संक्रमण की ज्यादा स्पष्ट तस्वीर सामने आ सकेगी।
भारत में रैपिड टेस्ट किट के निर्माण और उत्पादन से पहले केंद्र सरकार चीन से ये किट मंगवा रही थी। लेकिन अब देश के ही कई राज्यों में इसका युद्धस्तर पर उत्पादन हो रहा है जिसके चलते देश में कोरोना वायरस पर नियंत्रण रखने के मिशन में सफलता मिलने के चांस बढ़ गए हैं।
स्टडी में हुआ खुलासा, लॉकडाउन के समय अधिक अल्कोहाल का सेवन कर सकता है आपका इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर
रैपिड टेस्ट किट दरअसल कोरोना संक्रमण की सबसे जल्दी जांच करने की सबसे कारगर किट मानी जा रही है। यह मात्र 15 मिनट में कोरोना संक्रमण की सटीक जानकारी उपलब्ध करा देती है। इस किट के जरिए संदिग्ध मरीज का सीरम, प्लाज्मा या खून की मदद से नोवेल कोरोना वायरस एंटीबॉडी की पहचान की जा सकती है इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) भी भारत में इस किट के इस्तेमाल के लिए मंजूरी दे चुका है।
किस तरह करें लहसुन और हल्दी का सेवन ताकि दूर रहे कोरोना वायरस
Latest Health News