60% से ज्यादा भारतीयों में है आंखों की ये बीमारी, खुद डॉक्टर से जानें क्या है कारण
भारत सरकार अंधेपन के कारणों और रोकथाम के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 1 से 7 अप्रैल तक Prevention of Blindness Week का आयोजन करती है।
Prevention of Blindness Week 2023: आंखों की सेहत सबसे जरूरी है। ये अगर स्वस्थ नहीं रहेंगे तो आपकी दुनिया काली हो सकती है और आपकी आंखों के आगे अंधेरा छा सकता है। इसलिए, भारत सरकार हर साल अप्रैल के महीने में आंखों को स्वस्थ रखने और अंधेपन से बचाव के लिए Prevention of Blindness Week मनाती है। इस साल इसका थीम (prevention of blindness week 2023 theme) है 'The Right to Sight' यानी कि देखने का अधिकार। ऐसे में भारत सरकार जागरूकता फैलाने के लिए तमाम पहल कर रही है, इसी कड़ी में हम आज आपके लिए आंखों की बीमारियों और इनके इलाज को लेकर कुछ जरूरी जानकारी देंगे। इसके लिए हमने Dr. Sanjay Gudwani, Director-ENT, Spoc Fortis Hospital: Fortis Escorts, Okhla road, New Delhi से बात की है।
भारत में आंखों की बीमारियों का कारण-What are the Leading Causes of Blindness in India?
Dr. Sanjay Kumar बताते हैं कि भारत में 50 और इससे ज्यादा उम्र के 1.99 % लोग अंधेपन के शिकार हैं। इस स्थिति में कुछ बीमारियां सबसे बड़े कारणों में से एक है। जैसे कि
-66.2 प्रतिशत लोग कैटरेक्ट (cataract) यानी मोतियाबिंद की बीमारी के शिकार हैं।
-8.2% लोग कॉर्निया की बीमारी (corneal opacity) जिसमें कि आंख की पुतली में सफेदी आती है, इससे ग्रसित हैं।
-5.5% लोग ग्लूकोमा (glaucoma) के शिकार हैं, जो आंखों की बीमारियों का एक समूह है जिसमें आंखों के पीछे की ऑप्टिक नर्व खराब हो जाती है और इसकी वजह से आप दृष्टि हानि या अंधापन का शिकार हो सकते हैं।
-इसके बाद के लोग डायबिटिक रेटिनोपैथी (Diabetic retinopathy) के शिकार हैं। इसमें डायबिटीज के कारण आंखों की नर्व डैमेज हो जाती है।
-बाकी बचे लोगों में बढ़ती उम्र के कारण मैकुलर डिजनरेशन (Macular Degenration), ट्रेकोमा (Trachoma), अनकरेक्टेड रिफ्रैक्टिव एरर की समस्या (Uncorrected refractory error) और हाइपोटोनिया के कारण अंधापन (hypotonia included blindness) की समस्या देखी जाती है।
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इलाज क्या है-Treatment
Dr. Sanjay बताते हैं कि इन तमाम बीमारियों से बचने का सबसे आसान तरीका है कि आप इन्हें पहले ही रोक लें। इसके लिए आंखों में इंफेक्शन आदि से बचें। कम उम्र में ही आंखों की समस्याओं का इलाज करवाएं। डायबिटीज को संतुलित रखने की कोशिश करें। इसके अलावा कैटरेक्ट और ग्लूकोमा जैसी दिक्कतों में तुरंत ऑपरेशन करवा लें।
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इन तमान चीजों के अलावा साल में कम से कम हर 3 महीने पर या 1 बार तो जरूर आई चेकअप (eye checkup) करवाएं। साथ ही विटामिन ए से भरपूर चीजें खाएं। ज्यादा से ज्यादा मौसमी फल और हरी सब्जियों का सेवन करें। कंप्यूटर और मोबाइल का इस्तेमाल कम करें और कोशिश करें कि आंखों की एक्सरसाइज और योग भी करें।