Pre-Diabetes: डायबिटीज से पहले लोग होते हैं प्री-डायबिटीज का शिकार, इन लक्षणों को पहचान कर ऐसे करें अपना बचाव
Pre-Diabetes Meaning: प्री-डायबिटीज से पीड़ित लोगों को डायबिटीज होने का खतरा दूसरे लोगों की तुलना में ज्यादा होता है। इन लक्षणों को पहचान कर अगर इसका सही समय पर इलाज कराया जाए तो डायबिटीज से बचा जा सकता है।
Highlights
- प्री-डायबिटीज में व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है।
- इसे कंट्रोल करने के लिए रोज़ाना एक्सरसाइज करें। इससे ब्लड शुगर कम होग
- अपने शरीर का वजन कंट्रोल रखना चाहिए।
Pre-Diabetes: हमारे देश में इस समय डायबिटीज से पीड़ित मरीजों की संख्या बहुत ज़्यादा है। लेकिन क्या आप जानते हैं डायबिटीज की शुरुआत प्री-डायबिटीज से होती है। प्री-डायबिटीज के बारे में जानना हर किसी के लिए बेहद जरूरी है। क्योंकि इसके बारे में पता चल गया तो, हो सकता है आपको डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी से जूझना न पड़े। प्री-डायबिटीज का पता चलने पर डॉक्टर से संपर्क कर बेहतर तरीके से इलाज करवाया जाए तो डायबिटीज से बचा जा सकता है। एक हेल्थ सर्वे के मुताबिक डायबिटीज होने से पहले ज़्यादातर लोगों प्री-डायबिटीज के शिकार होते हैं। दरअसल, इसके लक्षण नहीं दिखते और एक साल के अंदर प्री-डायबिटीज से जूझ रहे तमाम लोग डायबिटीज की चपेट में आ जाते हैं। इसलिए आज हम आपको प्री-डायबिटीज के लक्षणों के बारे में बताएंगे, जो आपको डायबिटीज से बचा सकती हैं।
क्या है प्री-डायबिटीज?
डायबिटीज होने से पहले लोगों प्री-डायबिटीज के शिकार होते हैं। ऐसे में चलिए आपको बताते हैं कि प्री-डायबिटीज होता क्या है? इस कंडीशन में व्यक्ति का ब्लड शुगर लेवल बढ़ जाता है। एक हेल्थ सर्वे के मुताबिक जब किसी इंसान का ब्लड शुगर लेवल सामान्य से अधिक हो जाता है, तो उस कंडीशन को प्री-डायबिटीज कहते हैं। हालांकि, इस दौरान यह लेवल डायबिटीज से तो कम ही होता है लेकिन हमारे शरीर में इंसुलिन रेजिस्टेंस की समस्या पैदा हो जाती है। प्री-डायबिटीज में हमारा शरीर ज्यादा इंसुलिन बनाता है, लेकिन कुछ समय बाद एक्स्ट्रा इंसुलिन बनना कम हो जाता है। जिसके बाद इस वजह से शुगर लेवल बढ़ जाता है और इंसान डायबिटीज जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आ जाता है।
प्री-डायबिटीज के लक्षण
प्री-डायबिटीज को साइलेंट हार्ट अटैक कहा जाता है, क्योंकि इसकी वजह से आप कई गंभीर बीमारियों की चपेट में आ सकते हैं। प्री-डायबिटीज में व्यक्ति को बार बार पेशाब लगती है, भूख बहुत ज़्यादा लगती है, हर समय थकान जैसा महसूस होता है, साथ ही आपके आँखों की रोशनी कम हो गयी है, हाथ और पैरों में झुनझुनी ज़्यादा होती है या वे बार बार सुन्न पड़ जाते हैं, शरीर में कहीं घाव लगने पर उनका जल्दी ठीक नहीं होना, बहुत जल्दी वजन कम होना ये सभी गंभीर लक्षण प्री डायबिटीज के हैं।
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प्री-डायबिटीज से बढ़ जाता है डायबिटीज का खतरा
इन तमाम लक्षणों से ग्रसित इंसान अगर सही समय पर इलाज नहीं करवाएं, तो उनके लिए डायबिटीज का खतरा बहुत ज़्यादा बढ़ जाता है। एक स्टडी के मुताबिक प्री-डायबिटीज वाले लोगों को सिर्फ एक साल के अंदर डायबिटीज होने का खतरा 10 % होता है। अगर सही समय पर प्री-डायबिटीज का इलाज शुरू करा दिया जाए तो डायबिटीज की समस्या से आसानी से बच सकते हैं। जो लोग हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाते हैं, वो बहुत जल्दी रिकवर करते हैं.
प्री-डायबिटीज से बचने के उपाय
- बार-बार यूरिन आना, ज्यादा भूख-प्यास, अचानक वजन घटना, अत्यधिक थकान रहना और कंफ्यूजन होने जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क कर डायबिटीज का टेस्ट कराएं।
- इस बीमारी से बचने के लिए अपने वजन को कंट्रोल में रखना चाहिए। सभी को अपना बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 18।5 से 25 के बीच रखना चाहिए। इसके लिए एक्सपर्ट की मदद ले सकते हैं।
- हर दिन करीब 30 मिनट तक एक्सरसाइज और योगा करना चाहिए। इससे ब्लड शुगर लेवल कम होता है और आप फिट और स्वस्थ होते हैं।
- अनहेल्दी चीजो जैसे जंक फ़ूड, पैक्ड फ़ूड का इस्तेमाल न के बराबर करना चाहिए। अपनी डाइट में हेल्दी फ़ूड आइटम्स को शामिल करें। शुगरी ड्रिंक्स पीने से बचना चाहिए और कैलोरी को कंट्रोल करना चाहिए।
- अगर आप ज्यादा मोटापे, हाई ब्लड प्रेशर, कोलेस्ट्रॉल की समस्या से जूझ रहे हैं, तो समय-समय पर हेल्थ चेकअप कराना चाहिए ताकि डायबिटीज के खतरे से बचा जा सके।