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Hindi News हेल्थ ये है प्राणायाम करने का सही तरीका, आसान स्टैप्स में सीखिए ये 5 प्राणायाम

ये है प्राणायाम करने का सही तरीका, आसान स्टैप्स में सीखिए ये 5 प्राणायाम

प्राणायाम रोजाना करने से शरीर स्वस्थ्य रहता है। जानें ये 5 प्रायाणाम और इन्हें करने का आसान सा तरीका।

Pranayam- India TV Hindi Image Source : INSTAGRAM/SNEHAA_MIDHA_YOGA Pranayam - प्राणायाम 

प्राणायाम करना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होता है। रोजाना सुबह उठकर अगर कोई भी व्यक्ति खुली हवा में आसमान के नीचे प्राणायाम करता है तो न केवल उसका शरीर चुस्त दुरुस्त रहता है बल्कि बीमारियों से भी व्यक्ति कोसों दूर रहता है। प्राणायाम करने का भी तरीका होता है। अगर इसे गलत तरीके से किया गया तो स्वास्थ्य को हानि भी पहुंच सकती है। बहुत से लोग हैं जिन्हें प्राणायाम करने का सही तरीका नहीं पता। अगर आप भी प्राणायाम करने का सही तरीका नहीं जानते हैं तो ये टिप्स आपकी मदद कर सकते हैं। आज हम आपको प्राणायाम करने का सही तरीका और इससे होने वाले फायदों के बारे में बताते हैं।

कपालभाति

  • कपालभाति को प्राणायाम के अंतर्गत नहीं माना जाता है। हालांकि कपालभाति रोजाना करने से हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर किया जा सकता है। जानिए कपालभाति को किस तरह से करना चाहिए।
  • कपालभाति को करने के लिए सबसे पहले सुखासन में बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें।
  • अब दोनों नथुना से गहरी सांस भीतर की ओर लें। 
  • अब सांस को बाहर की तरफ छोड़ दें। 
  • इस बात का ध्यान रहे कि सांस को बल पूर्वक बाहर निकालना है और आराम से भीतर लेना है। इस तरह से कम से कम 20 बार ऐसा करें। 

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Image Source : Instagram/SIMRAN_PHILOMATHKapalbhati -कपालभाति

कपालभाति के फायदे 

  • रोजाना सुबह शाम कपालभाति करने से हार्ट ब्लॉकेज की समस्या को दूर किया जा सकता है।
  • मन को शांत रखता है।
  • थायराइड की समस्या से निजात दिलाता है।
  • सिगरेट की लत से छुड़ाने में मददगार है कपालभाति।
  • जिन लोगों को सिगरेट पीने की लत हो जाती है तो उनके फेफड़े ब्लॉक हो जाते हैं। कपालभाति की मदद से फेफड़े की ब्लॉकेज को सही कर सकता है।
  • कपालभाति से क्रॉनिक लिवर, क्रॉनिक किडनी और फैटी लिवर की समस्या दूर होती है।
  • हैपेटाइटिस की समस्या को भी कपालभाति दूर करने में मददगार है।

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अनुलोम विलोम

  • सबसे पहले आराम से बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। ध्यान रहे कि इस मुद्रा में आपकी रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी होनी चाहिए।
  • अब बाएं हाथ की हथेली को ज्ञान की मुद्रा में बाएं घुटने पर रखें। 
  • इसके बाद दाएं हाथ की अनामिका यानि कि हाथ की सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नथुना पर रखें। अब अंगूठे को दाएं वाले नथुना पर लगा लें। इसके बाद तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। 
  • अब बाएं नथुना से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। फौरन ही दाएं नथुना से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। अब दाएं नथुना से सांस भरें और अंगूठे से उसे बंद कर दें। इस सांस को बाएं नथुना से बाहर निकाल दें। अनुलोम विलोम का यह पूरा एक राउंड हुआ। इसी तरह के कम से कम 5 बार ऐसा करें। 

Image Source : Instagram/YOGABYANUAnulom Vilom - अनुलोम विलोम

अनुलोम विलोम के फायदे

  • तनाव को कम करता है।
  • कफ से संबंधित समस्या को दूर करता है। 
  • मन को शांत करता है जिससे एकाग्रता बढ़ती है।  
  • दिल को स्वस्थ रखता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है।

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भस्त्रिका

  • इस प्राणायाम को 3 तरह से किया जाता है। पहले में 5 सेकंड में सांस ले और 5 सेकंड में सांस छोड़े। दूसरे में ढाई सेकंड सांस लें और ढाई सेकंड में छोड़ें। 

  • तीसरा तेजी के साथ सांस लें और छोड़े।  

  • इस प्राणायाम को लगातार 5 मिनट करें।

Image Source : Instagram/SRIYAAOWELLNESSBhastrika - भस्त्रिका

फायदे

  • इस प्राणायाम को रोजाना करने से हाइपरटेंशन, अस्थमा, हार्ट संबंधी बीमारी, टीवी, ट्यूमर, बीपी,  लिवर सिरोसिस, साइनस, किसी भी तरह की एनर्जी और फेफड़ों के लिए अच्छा माना जाता है। 

  • भस्त्रिका करने से शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ जाता है। जिसके कारण कैंसर की कोशिकाएं मर जाती हैं।  

उज्जयी प्राणायाम

  • गले से सांस अंदर भरकर जितनी देर रोक सके उतनी देर रोके।

  • इसके बाद दाएं नाक को बंद करके बाएं नाक के छिद्र से छोड़े।

Image Source : Instagram/WORLD.OF.NICOLE.YOGAUjjayi Pranayama - उज्जयी प्राणायाम

फायदे
मन शांत रहता है, अस्थमा, टीबी, माइग्रेम, अनिद्रा आदि समस्याओं से दिलाएं निजात।

भ्रामरी प्राणायाम

  • इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। 

  • अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। 

  • सांस भरकर पहले अपनी उंगुलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 उंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। 

  • अंगूठे से कान को बंद करते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। 

  • इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है। 

Image Source : Instagram/ANHAD_YOGABhramari Pranayama - भ्रामरी प्राणायाम

फायदे
इस आसन को करने से तनाव से मुक्ति के साथ मन शांत रहेगा। ​​

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