मानसून शुरू होते ही देश के कई राज्यों से डेंगू के मामले देखने और सुनने को मिल रहे हैं। दरअसल, मौसम बदलने से बरसात की वजह से जगह-जगह पानी इकठ्ठा होने लगता है। इस कारण मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ती है और लोग तेजी से डेंगू जैसी गंभीर बीमारी की चपेट में आते हैं। ऐसे में आप इस बीमारी से अपना बचाव कैसे करें, इस बारे में नोएडा स्थित न्यूबर्ग डायग्नोस्टिक्स, के डॉ। विज्ञान मिश्रा हमें जानकरी दे रहे हैं। चलिए डॉक्टर से जानते हैं डेंगू के कारण, लक्षण और बचाव के तरीके
किस कारण होता है डेंगू बुखार?
मानसून के मौसम में, डेंगू बुखार का खतरा इसलिए बढ़ जाता है क्योंकि बारिश से जमा पानी में मच्छरों, विशेष रूप से एडीज प्रजाति के मच्छर अंडे देते हैं और मच्छरों की संख्या बढ़ने लगती है। ये मच्छर वायरस फैलाते हैं जिससे डेंगू का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इसलिए, इसके लक्षण शुरू में ही पहचान कर दवा शुरू कर देनी चाहिए। डेंगू अगर ज़्यादा बढ़ जाए तो गंभीर समस्याएं हो सकती हैं यहां तक कि मृत्यु भी हो सकती है।
डेंगू बुखार के लक्षण:
- अचानक तेज बुखार,
- तेज सिरदर्द,
- आंखों के पीछे दर्द,
- जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द,
- हल्का रक्तस्राव (जैसे नाक या मसूड़ों से खून आना या आसानी से चोट लगना)
डेंगू से ऐसे करें अपना बचाव:
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डेंगू के को नियंत्रित करने के लिए आप अपने घर की हाइजीन पर ध्यान दें और अपने आसपास की जगह को हमेशा साफ़ सुथरा रखें।
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एक्सपर्ट घर और आसपास के जगहों को साफ़ करने और पानी न लगने की सलाह देते हैं। क्योंकि गंदगी से मच्छर बहुत पनपते हैं।
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घर या आसपास अगर पानी जमा है तो उसे तुरंत साफ़ करें। पानी की वजह से मच्छरों की संख्या तेजी से बढ़ती है।
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मच्छर काटे न इसलिए आप मच्छर भगाने वाली क्रीम का इस्तेमाल करें। साथ ही मच्छरों से बचने के लिए लंबी आस्तीन वाले कपड़े पहनें।
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खिड़कियों और दरवाजों पर स्क्रीन लगाना मच्छरों के काटने से आप अपना काफी हद तक बचाव कर सकते हैं।
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नियमित रूप से फॉगिंग और जन जागरूकता अभियान जैसे सामूहिक प्रयास भी डेंगू के प्रकोप को रोकने में अहम भूमिका निभाते हैं।
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हेल्थ एक्सपर्ट ये सलाह देते हैं कि आप जैसी ही ऊपर बताए गए लक्षण अनुभव करें तुरंत चिकित्सा सहायता लें।
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डेंगू के लिए कोई ख़ास एंटीवायरल ट्रीटमेंट नहीं है इसलिए सपोर्टिव ट्रीटमेंट, जिसमें हाइड्रेशन और दर्द से आराम ज़रूरी हैं।
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