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Hindi News हेल्थ यूरिक एसिड के क्रिस्टल को छानकर बाहर निकाल देता है यह फल, डाइजेशन भी करता है दुरुस्त, जानें कब करें सेवन?

यूरिक एसिड के क्रिस्टल को छानकर बाहर निकाल देता है यह फल, डाइजेशन भी करता है दुरुस्त, जानें कब करें सेवन?

यूरिक एसिड बढ़ने से शरीर में जोड़ों का दर्द तेज होने लगता है। इसमें उठने बैठने में भी समस्या होने लगती है। ऐसे में इस समस्या से जूझ रहे लोगों को अपनी डाइट में इस फल का इस्तेमाल करना चाहिए

यूरिक एसिड में पपीता का सेवन - India TV Hindi Image Source : SOCIAL यूरिक एसिड में पपीता का सेवन

शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा बढ़ने की स्थिति को हाइपरयूरिसीमिया कहा जाता है। यूरिक एसिड बढ़ने से शरीर के जोड़ों में तेज दर्द होने लगता है। घुटनों में दर्द इतना ज़्यादा बढ़ जाता है कि उठने बैठने में भी समस्या होने लगती है।ऐसे में इस समस्या से जूझ रहे लोगों को उन फूड्स का सेवन करना चाहिए, जिसमें भरपूर मात्रा में विटामिन, मिनरल्स और प्रोटीन मौजूद होते हैं। ऐसे में आप पपीता के ज़रिये भी आप यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकते हैं। पपीते में विटामिन सी भरपूर मात्रा में होता है, इसलिए ये प्राकृतिक रूप से यूरिक एसिड के उच्च स्तर को कम करने में मदद करते हैं। ज़्यादातर अध्ययनों से पता चलता है कि प्रतिदिन 500 मिलीग्राम विटामिन सी लेने से लोगों को गाउट के दर्द से निपटने में मदद मिल सकती है।

कच्चा पपीता यूरिक एसिड को कैसे करता है कंट्रोल?

कच्चे पपीते में विटामिन-सी, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लामेटरी जैसे गुण मौजूद होते हैं। पपीते में मौजूद फाइबर, यूरिक एसिड के मरीजों को जोड़ों में दर्द से राहत दिलाने में मदद करता है। कच्चे पपीते को नेचुरल पेनकिलर भी कहा जाता है। क्योंकि, इसमें एंजाइम पपाइन मौजूद होते हैं, यह शरीर में साइटोकींस नाम के प्रोटीन का उत्पादन बढ़ाता है।

ऐसे करें पपीता का सेवन:

शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा को कंट्रोल करने के लिए आप पपीते का अलग-अलग तरीकों से सेवन कर सकते हैं। कच्चे पपीते का आप जूस और काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं। कच्चे पपीते का काढ़ा स्वास्थ्य के लिए काफी फायदेमंद होता है। काढ़ा बनाने क लिए  2 लीटर पानी को उबाल लें। फिर एक कच्चे पपीते को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें और उसके अंदर से बीज निकाल लें। इन टुकड़ों को उबलते हुए पानी में डालें और करीब 5 मिनट तक उबालें। फिर इस पानी में 2 चम्मच ग्रीन टी डालकर उबाल लें। इस काढ़े का दिन में 3 से 4 बार सेवन करना फायदेमंद साबित हो सकता है। इससे आपके शरीर में यूरिक एसिड की मात्रा नियंत्रित हो जाएगी।

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