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Hindi News हेल्थ 'पंचकर्म' शरीर को कैसे करता है डिटॉक्स? क्या है वामन और नस्य क्रिया, स्वामी रामदेव से जानिए इसके अचूक फायदे

'पंचकर्म' शरीर को कैसे करता है डिटॉक्स? क्या है वामन और नस्य क्रिया, स्वामी रामदेव से जानिए इसके अचूक फायदे

पंचकर्म एक ऐसी आयुर्वेदिक टेक्निक है, जिसके जरिए शरीर को डिटॉक्स किया जाता है। यानि 30 दिन के योग का फायदा, सिर्फ एक दिन के पंचकर्म से मिल जाता है।

Panchkarma Ayurvedic treatment detox body - India TV Hindi Image Source : INDIA TV 'पंचकर्म' शरीर को कैसे करता है डिटॉक्स? स्वामी रामदेव से जानिए 

पूरा उत्तर भारत इस वक्त जबरदस्त ठंड की चपेट में है। पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक सर्दी का कहर जारी है। मौसम विभाग की मानें तो अगले हफ्ते भी तापमान नॉर्मल से काफी कम रहने वाला है। जाहिर है कि ऐसे में बिस्तर से निकलना आसान नहीं होगा, लेकिन इसी दौरान योगाभ्यास करना, बहुत जरूरी भी है, क्योंकि एक तो सर्दियों में शरीर से पसीना नहीं निकलता है, दूसरा सर्दियों में लोग जमकर खाते भी हैं। नतीजा ये होता है कि बैठे-बिठाए बीमारियों को न्योता दे देते हैं। 

एक्सरसाइज करने से हमारे शरीर से पसीना निकलता है और इस पसीने के जरिए शरीर के कई सारे टॉक्सिन्स निकल जाते हैं, लेकिन सर्दियों के मौसम में शरीर के अंदर का जहरीला कचरा आंख, नाक, गले, फूड पाइप, लंग्स और पेट में फंसा रह जाता है। इससे बॉडी में खराब खून की सप्लाई होने लगती है। हार्मोन्स का बैलेंस बिगड़ जाता है। शरीर में फंसे इन टॉक्सिन्स का असर तमाम तरह की बीमारियों की शक्ल में दिखाई देता है। मसलन, साइनस की प्रॉब्लम, माइग्रेन, अर्थराइटिस, साइटिका, बीपी, शुगर और पेट से जुड़े हुए बहुत सारे रोग ऐसे होते हैं, जो सर्दियों में बढ़ जाते हैं। 

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हालांकि, लोगों को परेशान होने की जरूरत नहीं है। मौसम कोई भी हो, रोजाना 30 मिनट योग करना जरूरी है। ताकि शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकलता रहे, लेकिन जो लोग ऐसा नहीं कर पाते हैं, उनके लिए योग और आयुर्वेद में पंचकर्म मौजूद है। पंचकर्म एक ऐसी आयुर्वेदिक टेक्निक है, जिसके जरिए शरीर को डिटॉक्स किया जाता है। यानि 30 दिन के योग का फायदा, सिर्फ एक दिन के पंचकर्म से मिल जाता है। ये कैसे करना है, ये स्वामी रामदेव से जानिए। 

क्या है पंचकर्म?

  • शरीर के अंदर फंसे टॉक्सिन की सफाई करता है। 
  • टॉक्सिन निकालने का आयुर्वेदिक उपाय। 
  • पंचकर्म शरीर को स्वस्थ-बैलेंस बनाता है। 
  • बॉडी को डिटॉक्स करना। 
  • 5 तरीके से सफाई करना। 
  • शरीर के अंदर की सफाई। 
  • आयुर्वेदिक औषधि से प्युरिफाई। 

पंचकर्म के तरीके:

  1. वमन
  2. विरेचन
  3. नस्य
  4. रक्तमोक्षण
  • शिरोधरा- औषधीय तेल की धारा से सिर का मसाज। 
  • स्नेहन- तेल से पूरे शरीर की मालिश करना। 
  • स्वेदन- स्टीम के जरिए पसीने  से टॉक्सिन निकालना। 
  • वमन- मुंह के जरिए शरीर से टॉक्सिन बाहर निकालना। 

पंचकर्म का असर: 

  • वमन- खांसी, बुखार, अपच, थायरॉइड, मेंटल प्रॉब्लम दूर। 
  • विरेचन- शुगर, स्किन, डाइजेशन, लिवर, किडनी प्रॉब्लम दूर। 
  • नस्य: आंख, गले, साइनस, माइग्रेन, स्पॉन्डिलाइटिस में लाभ। 
  • रक्तमोक्षण: नकसीर, गाउट, वैरिकोज, स्किन डिजीज में फायदा।  
  • शिरोधरा- स्ट्रेस, टेंशन, एंग्जाइटी, डिप्रेशन और सिरदर्द में लाभ। 

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पंचकर्म के फायदे:

  • बॉडी-ब्रेन से टॉक्सिन निकाला जाता है। 
  • पंचकर्म से पुराने रोग दूर किए जाते हैं।
  • पंचकर्म से स्वास्थ्य बेहतर होता है।
  • इम्युनिटी पावर बढ़ती है।
  • स्ट्रेस दूर और बॉडी रिलेक्स होती है।
  • डायजेस्टिव सिस्टम ठीक होता है।
  • शरीर का वजन कम करने में कारगर है।
  • चेहरे में चमक और बाल हेल्दी होते हैं। 

पंचकर्म से पहले करें ये काम:

  • ऑयलेशन- पूरे शरीर में तेल से मसाज करें। 
  • फॉमेंटेशन- स्टीम के जरिए शरीर की सिंकाई। 

पंचकर्म में वमन?

  • वमन का मतलब वोमेटिंग होता है। 
  • वोमेटिंग के जरिए टॉक्सिन निकालना। 
  • वोमेटिंग के लिए आयुर्वेदिक दवा का प्रयोग।
  • पेट में जमा टॉक्सिन बाहर निकलता है। 
  • मोटापा-अस्थमा रोगियों के लिए फायेदमंद है। 

पंचकर्म में विरेचन?

  • पंचकर्म में विरेचन का मतलब बॉवेल मोमेंट है।
  • बॉवेल मोमेंट के जरिए टॉक्सिन निकालना।
  • बॉवेल मोमेंट के लिए जड़ी-बूटी का सेवन।
  • लिवर, ज्वॉइंडिस, कोलाइटिस में बेहद कारगर। 

पंचकर्म में नस्य?

  • नस्य में नाक के जरिए दवा दी जाती है। 
  • सिर में भरा टॉक्सिन बाहर निकलता है।
  • सिर-कंधे पर हल्का मसाज किया जाता है। 
  • नाक में ड्रॉप डाला जाता है।
  • सिर से कफ निकालने में बेहद कारगर है। 
  • माइग्रेन, सिरदर्द, बालों की समस्या दूर होती है।   

पंचकर्म में बस्ति?

  • डाइजेस्टिव, रिप्रोडक्टिव सिस्टम की सफाई।  
  • आयुर्वेदिक दवा से टॉक्सिन को बाहर निकाला जाता है। 
  • पंचकर्म में बस्ति खाली पेट किया जाता है।
  • पुरानी बीमारियों को ठीक करने में कारगर है। 
  • गैस्ट्रिक और अर्थराइटिस में बस्ति लाभदायक। 

क्या है रक्तमोक्षण?

  • शरीर के खराब खून को साफ किया जाता है। 
  • लीच के जरिए ब्लड प्यूरिफाई किया जाता है।
  • शरीर के हिस्सों में लीच लगाया जाता है। 
  • खराब खून चूसने के बाद लीच हटाया जाता है। 

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पंचकर्म में सावधानी:

  • पंचकर्म के दौरान गर्म पानी पिएं। 
  • पंचकर्म के दौरान दिन में सोना गलत है।
  • मुश्किल से पचने वाला खाना वर्जित है। 
  • पंचकर्म के दौरान हैवी एक्सरसाइज न करें। 

पंचकर्म से शरीर को बनाएं निरोग:

  • ताड़ासन
  • तिर्यक ताड़ासन
  • वृक्षासन
  • कोणासन
  • पादहस्तासन
  • मंडूकासन
  • योग मुद्रासन
  • गोमुखासन
  • वक्रासन
  • पद्मासन
  • पवनमुक्तासन
  • उत्तानपादासन
  • भुजंगासन
  • मर्कटासन
  • उष्ट्रासन
  • चक्रासन
  • शीर्षासन
  • सर्वांगासन
  • हलासन
  • नौकासन

ताड़ासन के फायदे:

  • रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है। 
  • शरीर को लचीला बनाता है। 
  • थकान, तनाव और चिंता दूर होती है। 
  • कई तरह के दर्द से राहत मिलती है
  • पीठ और बांहों को मजबूत बनाता है। 
  • बॉडी को एक्टिव करता है। 

तिर्यक ताड़ासन के फायदे:

  • शरीर को लचीला बनाता है। 
  • कमर की चर्बी पूरी तरह से खत्म हो जाती है। 
  • कद बढ़ाने में भी मदद करता है। 
  • वजन घटाने में मदद करता है। 

त्रिकोणासन के फायदे:

  • गर्दन, पीठ, कमर और पैर मजबूत होते हैं।
  • पेट की चर्बी खत्म होती है। 
  • शरीर का बैलेंस ठीक होता है। 
  • पाचन तंत्र मजबूत होता है। 
  • एसिडिटी से छुटकारा मिलता है। 

भुजंगासन के फायदे:

  • फेफड़े, कंधे और सीने को स्ट्रेच करता है। 
  • इस आसन से सीना चौड़ा होता है। 
  • रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। 
  • शरीर को सुंदर और स्लिम बनाता है। 
  • मोटापा कम करने में मदद करता है।
  • तनाव, चिंता, डिप्रेशन दूर करता है। 

सर्दियों में सावधान:

  • योग से पसीना 
  • पसीने से टॉक्सिन
  • बॉडी में जहरीला कचरा
  • टॉक्सिन से खून खराब
  • हार्मोन बिगड़ना

टॉक्सिन से बीमारी:

  • साइनस
  • अर्थराइटिस
  • बीपी
  • पेट की समस्या
  • माइग्रेन
  • साइटिका
  • शुगर 

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