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Hindi News हेल्थ ओवेरियन सिस्ट के क्या हैं लक्षण, ये कितने टाइप की होती हैं, जानिए इससे कैसे बचा जा सकता है?

ओवेरियन सिस्ट के क्या हैं लक्षण, ये कितने टाइप की होती हैं, जानिए इससे कैसे बचा जा सकता है?

Ovarian Cyst Symptoms: ओवेरियन सिस्ट (Ovarian Cyst) महिलाओं में होने वाली एक बड़ी समस्या है। कई बार महिलाएं पेट दर्द और बेचैनी को इग्नोर कर देती हैं। ये सिस्ट कई बार खतरनाक हो जाती हैं। इसलिए लक्षणों को ध्यान देते हुए तुरंत इलाज करा लें।

Ovarian Cyst Symptoms- India TV Hindi Image Source : FREEPIK Ovarian Cyst Symptoms

कई बार महिलाओं को पेट में दर्द (Stomach Ache) या बेचैनी महसूस होती है। कई बार इसका कारण ओवेरियन सिस्ट (Ovarian Cyst) भी हो सकता है। ओवेरियन सिस्ट ओवरी यानी अंडाशय में सिस्ट हो जाते हैं। ये गांठें दिखने में छोटी थैली की जैसी लगती हैं जो लिक्विड, हवा या दूसरे तरल पदार्थ से भरी होती हैं। ओवरी महिलाओं की प्रजनन प्रणाली में महत्वपूर्ण होती है, जो गर्भाशय के दोनों ओर नीचे पेट वाली जगह पर होती हैं। ओवेरियन सिस्ट बहुत आम है जो महिलाओं में हो सकती है। 

ओवेरियन सिस्ट के लक्षण

  • पैल्विक एरिया में कई बार हल्का दर्द या तेज दर्द होता है
  • ओवेरियन सिस्ट में अक्सर एक तरफ दर्द होता है
  • कई बार ब्लोटिंग और पेट फूलने की समस्या होती है
  • पीरिड्स में अनियमिता या अचानक ब्लीडिंग होने लगती है
  • फिजिकल कॉन्टेक्ट के दौरान दर्द या असुविधा होती है
  • कई बार मतली और उल्टी आना भी इसके लक्षण हो सकते हैं

ओवेरियन सिस्ट के कुछ लक्षण PCOS यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम की तरह होते हैं, जिसमें पीरियड्स में न होना या अनियमित होना। तेजी से वजन बढ़ना और चेहरे पर मुंहासे होना भी हो सकता है। 

सिस्ट कितने प्रकार के होते हैं।

सिस्ट दो तरह के होते हैं जिसमें एक है फंक्शनल और दूसरा है पैथोलॉजीकल सिस्ट। ज्यादातर सिस्ट फंक्शनल होते हैं यानि ये नेचुरली बनते हैं और पीरियड्स के समय होते हैं। इसकी वजह से कोई बीमारी नहीं होती है। पैथोलॉजिकल सिस्ट भी रोग मुक्त हो सकते हैं लेकिन कई बार ये कैंसर का कारण बन सकते हैं।

सिस्ट की कैसे करें पहचान?

डॉक्टर आपके पेल्विक एरिया की जांच कर ओवेरियन सिस्ट का पता लगा सकते हैं। इसके लिए अल्ट्रासाउंड टेस्ट भी किया जाता है। जिससे सिस्ट का आकार, बनावट और कहां है पता चलता है। कई बार सिस्ट अपने आप ही एक समय के बाद खत्म हो जाती हैं। इसलिए डॉक्टर इसका तुरंत इलाज शुरू नहीं करते हैं। कुछ समय बाद सिस्ट का फिर से अल्ट्रासाउंड कराने की सलाह भी डॉक्टर देते हैं जिससे पता चल सके कि कहीं महिला प्रेगनेंट तो नहीं है। अगर सिस्ट बड़ा हो रहा है तो डॉक्टर इसे लेप्रोस्कोपी या लैपरोटोमी से ट्रीट कर सकते हैं। 

Source: maxhealthcare.in/blogs

 

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