कोविड-19 का नया ओमिक्रॉन वेरिएंट मनुष्य के फेफड़ों में डेल्टा वेरिएंट और मूल सार्स-सीओवी-2 की तुलना में 70 गुना तेजी से फैलने में सक्षम है। एक नए अध्ययन में यह दावा किया गया है।
हांगकांग विश्वविद्यालय में एलकेएस फैकल्टी ऑफ मेडिसिन के शोधकर्ताओं ने कहा कि यह स्टडी उस कारण की अच्छे से व्याख्या कर सकती है, जिसके संबंध में कहा जा रहा है कि ओमिक्रॉन पिछले वेरिएंट की तुलना में मनुष्यों के बीच बहुत तेजी से फैल रहा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, अब तक यह वेरिएंट लगभग 77 देशों में फैल चुका है।
प्रयोगशाला में ओमिक्रॉन वेरिएंट को सफलतापूर्वक आइसोलेट करने के बाद, टीम ने फेफड़े के उपचार के लिए निकाले गए फेफड़े के ऊतक (टिश्यू) का उपयोग किया। इस दौरान शोधकर्ताओं ने नए वेरिएंट की 2020 में सामने आए मूल सार्स-सीओवी-2 के साथ तुलना करने का प्रयास किया। इसके साथ ही उन्होंने नए वेरिएंट ओमिक्रॉन का डेल्टा वेरिएंट के साथ भी तुलना करके देखी, ताकि इनके प्रभाव का भी सही आकलन किया जा सके।
उन्होंने पाया कि नोवेल ओमिक्रॉन वेरिएंट मूल सार्स-सीओवी-2 वायरस और मानव श्वसनी (ब्रोन्कस) में डेल्टा वेरिएंट की तुलना में तेजी से प्रतिक्रिया देता है। संक्रमण के 24 घंटे बाद, ओमिक्रॉन वेरिएंट डेल्टा वेरिएंट और मूल सार्स-सीओवी-2 वायरस की तुलना में लगभग 70 गुना अधिक तेजी से प्रतिक्रिया करते हुए पाया गया। हालांकि ओमिक्रॉन वेरिएंट तेजी से जरूर फैल रहा है, मगर इसके बावजूद इसके कोई खास गंभीर परिणाम देखने को नहीं मिले हैं।
स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में एसोसिएट प्रोफेसर डॉ माइकल चान ची-वाई ने कहा, "यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मनुष्यों में बीमारी की गंभीरता न केवल वायरस प्रतिकृति द्वारा निर्धारित की जाती है, बल्कि संक्रमण के लिए मेजबान प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया द्वारा भी निर्धारित की जाती है, जिससे जन्मजात प्रतिरक्षा प्रणाली की विकृति हो सकती है, जो कि 'साइटोकाइन स्टॉर्म' है।"
उन्होंने कहा, "यह भी ध्यान दिया जाता है कि, कई और लोगों को संक्रमित करके, एक बहुत ही संक्रामक वायरस अधिक गंभीर बीमारी और मृत्यु का कारण बन सकता है, भले ही वायरस स्वयं कम रोगजनक हो। इसलिए, हमारे हाल के अध्ययनों से पता चलता है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट आंशिक रूप से टीकों और पिछले संक्रमण से प्रतिरक्षा से बच सकता है, इस लिहाज से ओमिक्रॉन वेरिएंट से समग्र खतरा बहुत महत्वपूर्ण होने की संभावना है।"
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