मोटापा तेजी से बढ़ाता है डायबिटीज और हार्ट अटैक सहित इन गंभीर बीमारियों का रिस्क, जानें वजन कम करने के बेहतरीन उपाय
मोटापा अपने साथ कई गंभीर बीमारियां भी लेकर आता है। चलिए जानते हैं मोटापा बढ़ने से कौन सी बीमारियां हो सकती हैं और उसे कंट्रोल करने के लिए क्या करना चाहिए?
इन दिनों देश-दुनिया में लोग मोटापे की चपेट में तेजी से आ रहे हैं। ओबेसिटी एक महामारी की तरह फ़ैल रहा है। मोटापा अपने साथ कई गंभीर बीमारियां भी लेकर आता है। चलिए जानते हैं मोटापा बढ़ने से कौन सी बीमारियां हो सकती हैं और उसे कंट्रोल करने के लिए क्या करना चाहिए?
हो सकती हैं ये समस्याएं:
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बढ़ता है हार्ट अटैक का रिस्क: मोटापे के कारण शरीर में हाई ब्लडप्रेशर और बैड कोलेस्ट्रॉल तेजी से बढ़ने लगता है। इन दोनों स्थितियों के कारण हृदय रोग या स्ट्रोक की संभावना भी बढ़ जाती है। ऐसे में मोटापे को कम कर आप हृदय रोग या स्ट्रोक की संभावना को कम कर सकते हैं।
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डायबिटीज: मोटापा टाइप 2 डायबिटीज का एक मुख्य वजह है। मोटापे से प्रभावित लोगों में हाई ब्लड शुगर की संभावना लगभग 6 गुना ज़्यादा होती है। ऐसे में अगर आपको टाइप 2 डायबिटीज है, तो उसे कंट्रोल करने में आपका वजन अहम रोल निभाता है। अगर आप शारीरिक रूप से एक्टिव होंगे तो रक्त शर्करा के स्तर को बेहतर ढंग से नियंत्रित किया जा सकता है
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ऑस्टियोआर्थराइटिस: मोटापे की वजह से ऑस्टियोआर्थराइटिस की समस्या से भी परेशान हो सकते हैं। यह हड्डियों से जुड़ी एक बीमारी है जो ज़्यादातर घुटने, कूल्हे या पीठ के निचले हिस्से को प्रभावित करती है। ज़्यादा वजन होने के कारण जोड़ों पर दबाव पड़ता है जिससे कार्टिलेज (जोड़ों को कुशन करने वाला टिशू) घिस जाता है जिससे जॉइंट्स में दर्द की परेशानियां शुरू होती हैं। ऐसे में वजन काम कर ऑस्टियोआर्थराइटिस के लक्षणों में सुधार किया जा सकता है
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गाउट की समस्या: मोटापे से ग्रसित लोगों में गाउट की समस्या ज़्यादा देखने को मिलती है। गाउट तब होता है जब रक्त में यूरिक एसिड बहुत ज़्यादा होता है। एक्स्ट्रा यूरिक एसिड क्रिस्टल बनाता है जो जोड़ों में जमा हो जाता है और दर्द का कारण बनता है। अमेरिकन कॉलेज ऑफ़ रूमेटोलॉजी के स्टडी के अनुसार मोटापे से ग्रस्त लोगों को गाउट की परेशानी को ठीक करने के लिए वजन घटाने की सलाह देता है।
कैसे करें कम मोटापा?
मोटापा कम करने के लिए अपनी लाइफ स्टाइल बेहतर करें। बेहतरीन डाइट के साथ एक्सरसाइज़ को अपनी डेली रूटीन में शामिल करें। अपनी डाइट में फाइबर, प्रोटीन से भरपूर खाद्य पदार्थों का सेवन करें। एक दिन में कम से कम 30 से 45 मिनट तक वॉक करें। साथ ही इंटेस वर्कआउट और मेडिटेशन को भी अपनी वर्कऑउट रूटीन में शामिल करें। रात के समय 7 बजे से पहले डिनर कर लें। रात का खाना हल्का रखें। बाहर का जंक फ़ूड खाना एकदम बंद करें। वजन कम करने के लिए इन कुछ नियमों का आपको पालन करना होगा।